जम्मू-कश्मीर में पहले चरण का मतदान बुधवार को हुआ. 24 विधानसभा सीटों पर 61 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी के पोल ने बताया कि बुधवार को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में करीब 61 प्रतिशत मतदान हुआ, जो पिछले सात चुनावों में सबसे अधिक है. उन्होंने बताया कि मतदान शांतिपूर्ण रहा.
हालांकि, उन्होंने कहा कि आंकड़े अस्थायी हैं और दूरदराज के इलाकों और डाक मतपत्रों से अंतिम रिपोर्ट मिलने के बाद इसमें आंशिक वृद्धि हो सकती है. शाम छह बजे मतदान समाप्त होने के बाद यहां मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए पोल ने बताया कि चुनाव बिना किसी अप्रिय घटना के शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया.
पीटीआई के मुताबिक उन्होंने बताया कि कुछ मतदान केंद्रों से हाथापाई या बहस की कुछ मामूली घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन कोई गंभीर घटना नहीं हुई, जिसके कारण दोबारा मतदान कराना पड़ सकता हो.
उन्होंने कहा, "पिछले सात चुनावों (चार लोकसभा चुनाव और तीन विधानसभा चुनाव) में 61 प्रतिशत मतदान सबसे अधिक है."
उन्होंने मतदान प्रतिशत में वृद्धि का श्रेय बेहतर सुरक्षा स्थिति, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की सक्रिय भागीदारी और विभाग द्वारा चलाए गए अभियान सहित विभिन्न कारकों को दिया. उन्होंने कहा कि किश्तवाड़ जिले में सबसे अधिक 77 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि पुलवामा जिले में सबसे कम 46 प्रतिशत मतदान हुआ. पोल ने उम्मीद जताई कि 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होने वाले शेष दो चरणों में भी मतदान प्रतिशत अधिक रहेगा.
शांगस-अनंतनाग में वोट प्रतिशत में गिरावट
सबसे बड़ी गिरावट शांगस-अनंतनाग खंड में देखी गई, जहां केवल 52.94 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाले, जबकि 10 साल पहले यह आंकड़ा 68.78 प्रतिशत था. दमहाल हंजीपोरा खंड, जिसे पहले नूराबाद के नाम से जाना जाता था, में इस बार 68 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाले, जबकि 2014 में 80.92 प्रतिशत मतदान हुआ था. डोडा और डोडा पश्चिम खंडों में क्रमशः 70.21 प्रतिशत और 74.14 प्रतिशत मतदान हुआ. परिसीमन से पहले, इन खंडों में 79.51 प्रतिशत मतदान हुआ था.
परिसीमन के बाद अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र कोकरनाग में मतदान प्रतिशत में सात प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई, क्योंकि केवल 58.00 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाले. इंदरवाल खंड में इस बार 80 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि 10 साल पहले 75.72 प्रतिशत मतदान हुआ था, लेकिन पड़ोसी किश्तवाड़ में मतदान प्रतिशत 78.23 प्रतिशत से घटकर 75.04 प्रतिशत रह गया.
घाटी की सीटों पर इतना रहा वोट प्रतिशत
घाटी की 16 सीटों के लिए मतदान प्रतिशत लगभग 2014 के बराबर ही रहा. बुधवार को जहां 53.55 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाले, वहीं 2014 में मतदान प्रतिशत 54.93 प्रतिशत था. अधिकारियों के अनुसार, कश्मीर के चार जिलों में मतदान शांतिपूर्ण रहा और किसी बड़ी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई. यह 2014 के बाद से जम्मू और कश्मीर में पहला चुनाव है और केंद्र शासित प्रदेश में भी पहला चुनाव है. अधिकांश सीटों पर बहुकोणीय मुकाबला देखा गया, क्योंकि जमात-ए-इस्लामी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी प्रचार अभियान में हिस्सा लिया.