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कोरोना संकट में कैसे आए UP बोर्ड के रिजल्ट, इस IAS का था दिमाग

क्या आप जानते हैं 56 लाख से ज्यादा छात्रों के लिए हुई UP बोर्ड परीक्षा को कौन मैनेज कर रहा था. जानें- कौन हैं वो IAS आराधना शुक्ला. जिनकी वजह से यूपी बोर्ड की परीक्षा और रिजल्ट तय समय पर घोषित हुए.

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IAS आराधना शुक्ला- (फोटो-तनसीम हैदर)
IAS आराधना शुक्ला- (फोटो-तनसीम हैदर)

जहां एक ओर कोरोना संकट के कारण CBSE बोर्ड और ICSE बोर्ड जैसे राष्ट्रीय बोर्ड अपनी परीक्षाओं को पूरा करने में असमर्थ रहे. वहीं यूपी बोर्ड ने कोरोना संकट आने से पहले परीक्षा को पूरा कर लिया था और लॉकडाउन के दौरान मूल्यांकन प्रक्रिया को पूरा कर रिजल्ट भी घोषित कर दिए हैं.

यूपी बोर्ड देश की सबसे बड़ी बोर्ड परीक्षा है. जिसमें इस साल 56 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए थे. ऐसे में इन सभी छात्रों की परीक्षा कोरोना काल में कराना एक मुश्किल टास्क था, लेकिन ये संभव हुआ IAS आराधना शुक्ला की वजह से. आइए जानते हैं कौन हैं आराधना शुक्ला.

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आराधना शुक्ला 1989 बैच की IAS ऑफिसर हैं. वह यूपी सरकार में एजुकेशन की प्रिंसिपल सेक्रेटरी है. आराधना शुक्ला पर यूपी बोर्ड की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के परिणाम तय समय पर घोषित करने की जिम्मेदारी थी.

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वह राज्य के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की निगरानी में काम कर रही थीं. आपको बता दें, कोरोना काल में आराधना शुक्ला ने वर्चुअल क्लास, ऑनलाइन क्लास और डिस्टेंस लर्निंग कोर्सेज शुरू करके राज्य को एक नई पहचान दी है.

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देश में कोरोना संकट को देखते हुए मार्च महीने में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया था. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें एक योजना तैयार करने को कहा, जिसमें लॉकडाउन के दौरान भी छात्रों की पढ़ाई जारी रहे और पढ़ाई को लेकर किसी भी प्रकार का नुकसान न हो. इसी मुद्दे को लेकर आराधना शुक्ला ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक की और लॉकडाउन के समय पढ़ाने के तरीकों पर योजना बनाना शुरू किया.

(उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के साथ IAS आराधना शुक्ला- (फोटो-तनसीम हैदर)

हालांकि, लॉकडाउन से पहले ही, आराधना शुक्ला ने प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट स्कूल इंस्पेक्टर (DIOS) को निर्देश दिया कि वह अपने डिस्ट्रिक्ट में मौजूद सभी प्रिंसिपलों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाए. सभी शिक्षकों को अपने छात्रों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के लिए भी कहा गया.

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बता दें, 10वीं की परीक्षा 18 फरवरी से 3 मार्च 2020 तक आयोजित की गई थीं. ये परीक्षा 12 दिनों में समाप्त हो गई थी. वहीं 12वीं की परीक्षाएं 18 फरवरी से 6 मार्च 2020 के बीच आयोजित की गई थी.

यूपी के शिक्षा विभाग के अनुसार, हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में कुल 56,11072 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. इनमें हाईस्कूल के 3024632 और 2586440 परीक्षार्थी इंटरमीडिएट की परीक्षा में शामिल हुए थे. हाईस्कूल की परीक्षा में 1662334 लड़के और 1362298 लड़कियां और इंटरमीडिएट की परीक्षा में 1464604 लड़के और 1121836 लड़कियों ने हिस्सा लिया था.

बता दें, यूपी बोर्ड ने परीक्षा का रिजल्ट कल घोषित कर दिया गया है. 10वीं में 83.31% और 12वीं में 74.63% छात्र पास हुए हैं. लड़कियों ने एक बार फिर बाजी मारी है. दोनों ही बोर्ड परीक्षाओं में लड़कियों का पासिंग परसेंटेज लड़कों से ज्यादा रहा है. इस साल 10वीं कक्षा में रिया जैन ने टॉप किया है जबकि 12वीं में अनुराग मलिक पूरे प्रदेश में अव्वल रहे हैं. अनुराग को 97% और रिया जैन को 96.67% नंबर मिले हैं.

कैसे हुई थी परीक्षा

इस साल परीक्षा के लिए 7784 परीक्षा केंद्रों का वेबकास्टिंग के माध्यम से निरीक्षण किया गया था. यूपी बोर्ड ने न केवल परीक्षाएं पूरी की बल्कि 56 लाख छात्रों की 3.5 करोड़ आंसर कॉपियां जांचने का काम भी पूरा किया गया था. आंसर शीट चेक करने के लिए 20 हजार शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

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बता दें, यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की 2020 की परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को पहली बार डिजिटल हस्ताक्षर वाली मार्कशीट देने जा रहा है.

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