गैरकानूनी तरीके से एडमिशन लेने वाले बैचलर ऑफ डेंटल साइंस के 450 स्टूडेंट्स को राहत नहीं दी है. बृहस्पतिवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंस के खिलाफ दायर की गई उनकी याचिका को खारिज कर दिया.
इन स्टूडेंट्स का प्राइवेट डेंटल कॉलेज में 2014-15 एकेडमिक सेशन के लिए एडमिशन बारहवीं क्लास के मार्क्स के आधार पर हुआ था. आपको बता दें कि इस कोर्से में एडमिशन के लिए ऑल इंडिया कॉमन एंट्रेंस टेस्ट और राज्य के स्पेशल एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर किया जाता है.
फरवरी में यूनिवर्सिटी ने इन स्टूडेंट्स के रजिस्ट्रेशन की एप्लीकेशन लेने से इंकार कर दिया था और कॉलेज को इनका नाम हटाने के लिए कहा गया था. अब हाई कोर्ट ने अपने ताजा फैसले में कहा कि स्टूडेंट्स ने किसी भी तरह का एंट्रेंस एग्जाम पास नहीं किया इसलिए यह पंजाब सरकार के नोटिफिकेशन का उल्लंघन है.
कोर्ट ने कॉलेज को इन स्टूडेंट्स की पूरी फीस वापस करने के साथ-साथ मुआवजा देने के भी निर्देश दिए हैं.