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JEE: टॉप 6 को मिले बराबर नंबर, जानें- क्यों मिली अलग-अलग रैंक

JEE: टॉप 6 को मिले बराबर नंबर, जानें- क्यों मिली अलग-अलग रैंक
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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने जेईई मेन परीक्षा-2018 के नतीजे जारी कर दिए हैं और परीक्षार्थियों की रैंक भी जारी कर दी है. बोर्ड की ओर से जारी की गई रैंक में पहला स्थान आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के रहने वाले भोगी सूरज कृष्णा ने हासिल किया है. उन्हें परीक्षा में 350 अंक हासिल हुए हैं और रैंक 2,3,4,5,6 वाले उम्मीदवारों को भी 350 अंक मिले है. लेकिन क्या आप जानते हैं टॉप-6 उम्मीदवारों को बराबर अंक मिले हैं, लेकिन सूरज कृष्णा को ही पहला स्थान क्यों मिला?
JEE: टॉप 6 को मिले बराबर नंबर, जानें- क्यों मिली अलग-अलग रैंक
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सीबीएसई की ओर से जारी किए गए नतीजों में 6 उम्मीदवारों ने 350 अंक हासिल किए हैं, जिसमें उम्मीदवारों को 1 से लेकर 6 रैंक दी है. बता दें कि बोर्ड रैंक देने के लिए एक पैटर्न के अनुसार काम करता है. इस पैटर्न में पहले उम्मीदवारों को नंबर के आधार पर रैंक देता है.
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उसके बाद बीई-बीटेक एडमिशन वाले उम्मीदवारों की रैंक विषय के नंबर के आधार पर तय होती है. अगर दो उम्मीदवारों के एक ही नंबर होते हैं तो उनके गणित के नंबर देखे जाते हैं, उसमें जिसके ज्यादा नंबर होते हैं, उसे टॉप रैंक दी जाती है.
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अगर कुल अंकों के साथ साथ गणित के नंबर भी समान होते हैं तो उम्मीदवारों के फिजिक्स के नंबर देखे जाते हैं. उसके नंबर के आधार पर रैंक तय की जाती है.
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उसके बाद उम्मीदवारों के नेगेटिव मार्क्स और पॉजिटिव सवालों आदि को ध्यान में रखकर रैंक दी जाती है. जिसके कम सवाल गलत होते हैं, उसके उच्च रैंक दी जाती है.
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अगर इन सभी दो उम्मीदवार बराबर हो तो दो उम्मीदवारों को एक ही रैंक दे दी जाती है. हालांकि ऐसा बहुत कम होता है और उम्मीदवारों का रैंक का बंटवारा हो जाता है.
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वहीं बी आर्किटेक्टर, बी प्लानिंग में एडमिशन के लिए यह प्रक्रिया लागू होती है, लेकिन रैंक पहले एप्टीट्यूड टेस्ट और ड्राइंग के पेपर के नंबर के आधार पर तय की जाती है.

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गौरतलब है कि बोर्ड की ओर से जारी किए गए नतीजों में पेपर 1 में 11,35,084 छात्र शामिल हुए थे जिसमें 22 ट्रांसजेंडर शामिल थे.  2,31,024 छात्रों ने ये परीक्षा पास की है. जिसमें 18,0331 लड़कियां और 50693 लड़के शामिल है. परीक्षा में कुल 6 उम्मीदवारों ने 350 अंक हासिल किए हैं.
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