How to Overcome Overthinking: आपने कई बार कई लोगों को छोटी-छोटी बातों पर जरूरत से ज्यादा सोचते हुए जरूर देखा होगा. इस आदत को ओवरथिंकिंग कहा जाता है. लोगों को इस चीज का एहसास भी नहीं हो पता कि वो छोटी-छोटी चीजों पर जरूरत से ज्यादा समय देते हैं, जिसका उनके जीवन पर बुरा असर पड़ता है. जिन लोगों को ओवरथिंकिंग की आदत होती है, वो जाने अनजाने अपना नुकसान कर लेते हैं क्योंकि ओवरथिंकिंग की वजह से वो कई बार परेशानियों से आगे नहीं बढ़ पाते और एक ही चीज पर अपना काफी समय बर्बाद कर देते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आप कुछ आसान से उपाय करके ओवरथिंकिंग की आदत से निजात पा सकते हैं. आइए जानते हैं क्या हैं वो उपाय.
ओवरथिंकिंग के लिए समय तय करें: जिन लोगों को ओवरथिंकिंग की आदत होती है वो पूरा-पूरा दिन किसी एक चीज के बारे में सोच-सोच कर समय बर्बाद कर देते हैं. अगर आप चाहते हैं कि आप अपने पूरा दिन एक ही चीज के बारे में सोच कर समय न बर्बाद करें तो आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप पूरे दिन में 30 मिनट का समय अपनी ओवरथिंकिंग के लिए समर्पित करें. इसके अलावा बाकी के समय में आप अपने विचारों को दूसरे कामों में लगाने की कोशिश करें. ऐसा करने से आप उन विचारों को भी समय दे पाएंगे जो आपको परेशान कर रहे हैं और बाकी दूसरे विचारों को भी समय दे पाएंगे.
डिवाइड करें और जीत पाएं: यहां आपके विचारों को डिवाइड करने की बात हो रही है. आप अपने उन विचारों को अलग-अलग करें जिन पर आपका कंट्रोल है और जिनपर आपका कंट्रोल नहीं है. जीवन में कई परिस्थितियां आती हैं जिनपर आपका कंट्रोल नहीं होता और कई परिस्थितियां आती हैं जिनपर आपका कंट्रोल होता है. ऐसी परिस्थितियों को अलग-अलग लिखें और केवल उन विचारों या परिस्थितियों को समय दें जिसपर आपका कंट्रोल है. ऐसा करने से आप अपना समय बर्बाद करने से बच पाएंगे.
अपने विचारों को बदलें: जब व्यक्ति ओवरथिंक कर रहा होता है तो ज्यादातर उसे नकारात्मक विचार परेशान करते हैं. ओवरिथिंकिंग के चलते व्यक्ति हर चीज का नकारात्मक निष्कर्ष निकालता है. लेकिन आपको अपने दिमाग को ये समझाना चाहिए कि जरूरी नहीं जो काम आप कर रहे हैं या जो काम आपने किया है, उसका नकारात्मक नतीजा ही सामने आएगा. अगर आपको लग रहा है कि कोई काम बेहद कठिन है और आप उसे पूरा नहीं कर सकते तो आपको अपने दिमाग को ये समझाना होगा कि काम बेशक कठिन हो लेकिन आप कड़ी मेहनत से उसे पूरा कर सकेंगे.
सुझावों पर फोकस करें: जब हमारे साथ कुछ बुरा होता है तो ज्यादातर लोग ये सोचने लगते हैं कि उनके साथ ऐसा क्यों हुआ. लेकिन आपको 'क्यों' की बजाय 'क्या' पर ध्यान देना चाहिए. आपको ये सोचना चाहिए कि आपके साथ जो हुआ उसके बाद आपको क्या करना चाहिए. किसी भी समस्या को सुलझाने पर फोकस करने पर आपको सोचना चाहिए.