scorecardresearch
 

UP Board Exam 2023 में सख्ती बढ़ी तो भाग निकले दूसरे राज्यों के नकलची, 33 हजार छात्र हुए कम

UP Board Exam 2023: यूपी बोर्ड द्वारा नकल माफिया पर हो रही सख्त कार्रवाई की वजह से इस बार 10वीं के परीक्षार्थियों में दूसरे प्रदेशों के छात्र कम नजर आए. साल 2023 में दूसरे प्रदेशों के परीक्षार्थियों की संख्या घटकर 5135 ही रह गई है.

Advertisement
X
यूपी बोर्ड परीक्षा 2023 (सांकेतिक तस्वीर)
यूपी बोर्ड परीक्षा 2023 (सांकेतिक तस्वीर)

UP Board Exam 2023: यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकल के भरोसे रहने वाले परीक्षार्थियों और नकल माफियाओं पर कसते शिकंजे का असर साफ दिख रहा है. दरअसल, यूपी बोर्ड में परीक्षा देने वाले छात्रों की तादाद उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे प्रदेशों की भी बढ़ती जा रही थी. जिसमें नकल माफियाओं का भी काफी रोल होता था और बाहरी छात्रों को पास कराने का ठेका होता था. इससे आराम से दूसरे प्रदेश के छात्र-छात्राएं बहुत सरल तरीके से पास हो जाया करते थे. लेकिन यूपी बोर्ड द्वारा नकल माफिया पर हो रही सख्त कार्रवाई की वजह से इस बार यूपी बोर्ड के 10वीं में परीक्षार्थियों दूसरे प्रदेशों के छात्र कम नजर आए. 

साल 2017 की यूपी बोर्ड हाईस्कूल की परीक्षा में उत्तर प्रदेश से बाहर के एक लाख से अधिक प्राइवेट छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. देश का शायद ही कोई ऐसा प्रदेश बचा हो जहां के स्कूली छात्रों ने यूपी बोर्ड से परीक्षा देने के लिए फॉर्म नहीं भरा हो. 

आसानी से हो जाता था एडमिशन
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के 10वीं के फॉर्म भरने वाले प्राइवेट स्कूलों में परीक्षार्थी ऐसे थे जो 9वीं के बाद यूपी बोर्ड से 10वीं का परीक्षा फॉर्म भरते थे. ये ऐसे दूसरे प्रदेशों के परीक्षार्थी थे जो अपने बोर्ड से 10वीं की परीक्षा पास नहीं कर सके थे. लिहाजा पास होने के लिए सबसे सस्ता बोर्ड उनको यूपी बोर्ड नजर आता था.
 
जम्मू और कश्मीर से केरल तक छात्रों ने करवाया था रजिस्ट्रेशन
दरअसल यूपी बोर्ड के हाईस्कूल परीक्षा में शामिल होने वाले इन परीक्षार्थियों के प्रमाण पत्र पर लिखी बर्थ की डेट ही मान्य होती है. इसलिए ऐसा कहा जाता है कि बाहरी प्रदेशों के परीक्षार्थी 10वीं में सबसे अधिक यूपी बोर्ड में आते हैं. उत्तर प्रदेश के बाहर असम से गोवा तक के परीक्षार्थी यूपी बोर्ड की परीक्षा में हाईस्कूल का सर्टिफिकेट लेने के लिए आते थे. इसका फायदा प्राइवेट स्कूल और नकल माफिया पूरी तरीके से उठाकर मोटी रकम परीक्षार्थियों से लिया करते थे. साल 2017 में त्रिपुरा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान, बिहार, असम, गोवा, उड़ीसा, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, केरल और आंध्र प्रदेश से काफी संख्या में हाईस्कूल परीक्षा में पंजीकरण कराया था.

Advertisement

यूपी बोर्ड ने उठाया सख्त कदम
हालांकि यूपी बोर्ड में नकल माफियाओं पर बढ़ते शिकंजे को कम करने के लिए प्रदेश सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए कई गाइडलाइन जारी की है. धीरे-धीरे नकल माफिया पर शिकंजा कसने लगा तो बाहरी प्रदेशों से आने वाली परीक्षार्थियों की संख्या भी घटने लगी. साल 2023 में दूसरे प्रदेशों के परीक्षार्थियों की संख्या घटकर 5135 ही रह गई है. इससे एक बात तो साफ हो गई की नकल माफिया पर बढ़ते शिकंजे की वजह से संख्या में कमी आई है. 

अधिकारियों को हैं सख्ती के निर्देश
यूपी बोर्ड की परीक्षा के संबंध में प्रमुख सचिव माध्यमिक और बेसिक शिक्षा दीपक कुमार और निदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने गूगल मीट करते हुए परीक्षा संबंधी अधिकारियों को निर्देश दिया कि परीक्षा शुरू होने से खत्म होने तक सख्त निगरानी में करने के निर्देश दिए हैं. यही नहीं परीक्षा में किसी प्रकार की हीला हवाली भी बर्दाश्त नहीं करने की बात कही गई है.

आकड़ों के जरिए समझिए दूसरे प्रदेश के बोर्ड के 10वीं मे रजिस्ट्रेशन की संख्या
साल 2023 में 5,135 ( में से 31,16,487)
साल 2022 में 38,775 (में से 27,81,654)
साल 2021 में 36,312 (में से 29,94,312)
साल 2020 में 52,571 (में से 30,24,514)

Advertisement

 

 

Advertisement
Advertisement