यूपी सरकार ने एक योजना शुरू की. गरीब लड़कियों की सामूहिक शादी कराने की योजना. इसके लिए बाकायदा सरकार ने ढाई सौ करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान रखा. तय हुआ कि हर लड़की को शादी में बीस हजार रुपए का चेक, थोड़े से गहने और कुछ तोहफे दिए जाएंगे. योजना बहुत अच्छी थी, लेकिन अपने यहां ऐसे-ऐसे घोटालेबाज और चालबाज़ पड़े हैं कि उन्होंने इस योजना में भी सेंध लगा दी. शादी के सरकारी पैसे जेब में डालने के लिए ऐसे-ऐसे दूल्हा-दुल्हन मंडप में जा पहंचे जिनकी दस-पंद्रह साल पहले ही शादी हो चुकी है और कइयों के तो कई-कई बच्चे हैं.
पैसा क्या-क्या नहीं कराता
पैसा इंसान को बेईमान बना दे. पैसा सरकार को बेकार कर दे. पैसा अफसरों की नीयत खऱाब कर दे. पैसा सरकारी बाबुओं के लार टपका दे. और तो और पैसा कई-कई बच्चों के मां-बाप की भी शादी करा दे. पैसे का खेल ना होता तो शादीशुदा फिर से दूल्हा-दुल्हन के जोड़े में सरकारी मंडप में घूम-घूम कर सात फेरे ना लेते. पर क्या करें पैसा सरकारी हो तो उसे लूटने के तरीके भी तो नए-नए ही ईजाद होंगे.
सरकारी सामूहिक विवाह योजना
यूपी सरकार ने गरीब लड़कियों की शादी के लिए एक स्कीम शुरू की. सामूहिक विवाह की स्कीम. इसके लिए बाकायदा 250 करोड़ रुपए का बजट रखा गया. तय हुआ कि ऐसी हर गरीब लड़की की शादी में उसे 20 हजार रुपए का चेक दिया जाएगा. साथ में थोड़े से ज़ेवर और कुछ गिफ्ट भी. यानी कुल मिला कर ऐसी एक लड़की की शादी पर करीब 40-50 हजार रुपये का खर्च होता है.
योजना अच्छी थी. पर जहां पैसा बीच में आ जाए वहां अच्छाई कब तक बची रहती. लिहाज़ा अचानक पता चला कि यूपी मे शादी के नाम पर लुटेरों की पूरी जमात ही पैदा हो गई. इन लुटेरों में आम लोग तो थे ही सराकरी अफसर और बाबू भी मंडप की लूट में शामिल रहे.
ग्रेटर नोएडा में हुआ खेल
दरअसल, ग्रेटर नोएडा में सरकारी शादी का मंडप सजा. सामूहिक शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थी. शादी में शरीक होने के लिए दूल्हा दुल्हन उनके घरवाले पंडित जी और तमाम सरकारी अफसर और बाबू भी पहुंच चुके थे. कुल 62 जोड़ों की सामूहिक शादियां होनी थी. धूम धाम से शादी हुई. शादी के बाद सरकारी योजना के तहत दुल्हन को गहने और बीस-बीस हज़ार के चेक दिए गए, जबकि दूल्हे को अलग अलग गिफ्ट.
ऐसे खुली पोल
शादी के बाद हंसी खुशी सारे जोड़े घर को लौट गए. भेद तब खुला जब कुछ लोगों ने दूल्हा दुल्हन के जोड़े में ऐसे जोड़ों को भी देख लिया, जो न सिर्फ पहले से शादीशुदा थे बल्कि उनके कई-कई बच्चे भी हैं. लोग हैरान थे. ये कैसी शादी है. बाद में धीरे धीरे राज़ खुला. सरकारी योजना का फायदा उठाने के लिए अफसरों और बाबुओं की मिलीभगत से लोग बच्चे घर पर छोड़कर दोबारा मंडप में सेहरा बांधकर पहुंच गए थे.
शादीशुदा जोड़ों ने फिर की शादी
इनमें से कुछ जोड़े तो ऐसे थे जिनकी शादी को 15-16 साल हो चुके हैं. पर शादी के सीज़न में सेहरे में चेहरा छिपाए ये भी नए नवेले दूल्हे और दुल्हन बनकर सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल हो गए. शादी के इस खेल की खबर अब धीरे-धीरे गेटर नोएडा से बाहर फैली. फिर क्या था, पता चला कि ये खेल तो यूपी के कई जिलों में खेला जा रहा है. शादी के लुटेरे हर जगह मौजूद थे.