अगर आप यूपी में कोई ज़मीन या प्रॉपर्टी खरीदते या बेचते हैं, तो उसकी रजिस्ट्री के लिए जो सरकारी न्यूनतम कीमत तय होती है उसकी एक नई, एक जैसी और अपडेटेड लिस्ट पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है. इसका सीधा असर जमीन, मकान और फ्लैट की कीमतों पर पड़ेगा. खासकर उन लोगों पर जिनके पास एक से चार मंजिल तक का भवन है या वे नया निर्माण करना चाहते हैं. नई व्यवस्था में अब हर मंजिल के अविभाजित हिस्से की अलग-अलग कीमत तय की गई है. सरकार का दावा है कि इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया और मूल्यांकन दोनों ज्यादा पारदर्शी हो जाएंगे.
नई सूची के अनुसार अब किसी भी प्रॉपर्टी के सामने अगर पार्क है या प्लॉट दो सड़कों से घिरा है, तो उसकी कीमत पहले से 10 से 20 फीसदी तक ज्यादा मानी जाएगी. यानी ऐसे प्लॉट अब महंगे रेट पर रजिस्टर्ड होंगे. सरकार ने कृषि भूमि के लिए भी नया फॉर्मूला लागू किया है. अब खेत की कीमत सड़क से दूरी के हिसाब से तय होगी. सड़क के जितने करीब भूमि होगी, उसका मूल्य उतना ज्यादा होगा. इसके साथ ही यूपीसीडा, नोएडा अथॉरिटी और आवास विकास जैसी सरकारी एजेंसियों की संपत्तियों पर भी सरकार की तय दरें ही मान्य होंगी. अगर दो अलग दरें सामने आती हैं तो उच्चतर दर लागू की जाएगी.
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भवन मूल्यांकन में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब एक से चार मंजिला इमारतों में हर मंजिल का अविभाजित हिस्सा अलग मानकर कीमत तय होगी. दो मंजिला भवन में 50%, तीन मंजिला में 33.33% और चार मंजिला में 25% हिस्सा माना जाएगा. चार से ज्यादा मंजिल वाली इमारतों का मूल्यांकन अपार्टमेंट दरों पर होगा. इसके अलावा छत की रजिस्ट्री के लिए भी नई दरें तय हुई हैं. इस नियम के तहत भूमिगत तल की छत पर 50%, पहले तल पर एक-तिहाई और तीसरे तल से ऊपर की छत पर पांचवां हिस्सा लागू होगा.
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सरकार ने अब मकानों की उम्र के हिसाब से उनकी रजिस्ट्री की कीमत पर मिलने वाली छूट की नई दरें तय कर दी हैं. इन नए नियमों के तहत, जो मकान 20 साल तक पुराने हैं, उनकी सरकारी कीमत पर कोई छूट नहीं मिलेगी. हालांकि, जिन भवनों की उम्र 20 साल से लेकर 50 साल के बीच है, उन्हें रजिस्ट्री कराते समय उनकी कीमत में 20% से 50% तक की कमी का लाभ मिलेगा, यानी उनकी रजिस्ट्री का मूल्य कम हो जाएगा. सरकार का कहना है कि नए नियम लागू होने से खरीदार और विक्रेता दोनों को स्पष्ट दरें मिलेंगी, किसी तरह की उलझन नहीं रहेगी और रजिस्ट्री में पारदर्शिता बढ़ेगी.