देश भर में घरों की सेल भले ही थोड़ी धीमी हुई हो, लेकिन एक शहर है जो इस ट्रेंड को तोड़ रहा है और वो है बेंगलुरु. जब मुंबई और पुणे जैसे बाजारों में डिमांड घट रही है, तब भी बेंगलुरु के लोग जमकर घर खरीद रहे हैं. आखिर क्यों भारत की 'सिलिकॉन वैली' का रियल एस्टेट मार्केट इतनी तेज़ी से भाग रहा है?
PropEquity के डेटा के अनुसार, जहां भारत के नौ शीर्ष शहरों में आवास की मांग में गिरावट का अनुमान है, वहीं बेंगलुरु का हाउसिंग मार्केट मज़बूत तेज़ी के रास्ते पर है. इस उछाल की मुख्य वजह Genuine End-User Demand और शहर का मज़बूत आर्थिक इकोसिस्टम है. PropEquity के डेटा के अनुसार, मुंबई और पुणे में मांग कम होने के कारण, भारत के शीर्ष 9 शहरों में सितंबर को समाप्त होने वाली तिमाही में हाउसिंग बिक्री में 4 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है.
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PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की 'सिलिकॉन वैली' कहे जाने वाले बेंगलुरु में जुलाई-सितंबर तिमाही में हाउसिंग बिक्री में 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने का अनुमान है. इस तिमाही में अनुमानित बिक्री 16,840 यूनिट्स तक पहुंचने की संभावना है, यह पिछले साल की समान अवधि में बेची गई 13,966 यूनिट्स की तुलना में एक उल्लेखनीय वृद्धि है.
PropEquity का डेटा बताता है कि शीर्ष 9 शहरों की बिक्री में 4% की गिरावट का मुख्य कारण मुंबई और पुणे क्षेत्र में मांग का कमज़ोर होना है. मुंबई हमेशा से महंगा बाज़ार रहा है. यहां कीमतें इतनी ज़्यादा हैं कि आम खरीदार के लिए घर खरीदना कठिन हो जाता है, जिससे केवल अल्ट्रा-लग्जरी और प्रीमियम सेगमेंट में सेल होती है.
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पुणे का रियल एस्टेट बाज़ार भी पहले तेज़ था, लेकिन बाज़ार की कुछ अंदरूनी चुनौतियों और आपूर्ति के दबाव के चलते मांग में अपेक्षित वृद्धि नहीं दिख रही है. इसके विपरीत, बेंगलुरु में अभी भी मध्यम-आय वर्ग के लिए अच्छे विकल्प उपलब्ध हैं, जो अंतिम-उपयोगकर्ता मांग को मज़बूती देते हैं. पारंपरिक रूप से मुंबई और दिल्ली-एनसीआर के निवेशक रियल एस्टेट में बड़ा निवेश करते थे, लेकिन अब वे 'आईटी हब' की ओर रुख कर रहे हैं.
बेंगलुरु में किराए की दरें काफी बेहतर हैं, जो निवेशकों के लिए रेंटल इनकम का अच्छा ऑप्शन है. आईटी कॉरिडोर और नए मेट्रो रूट के पास संपत्तियों का मूल्य तेज़ी से बढ़ रहा है. निवेशक मानते हैं कि यहां उनके पैसे की बढ़ोतरी की संभावनाएं अधिक हैं, क्योंकि शहर का विस्तार अभी भी ज़ारी है.
बेंगलुरु प्रशासन मेट्रो लाइनों, पेरिफेरल रिंग रोड (PRR), और एयरपोर्ट कनेक्टिविटी जैसे बुनियादी ढांचे पर बड़ा निवेश कर रहा है. नए इंफ़्रा प्रोजेक्ट्स के कारण शहर के बाहरी इलाके भी मुख्य आईटी हब से जुड़ रहे हैं. इससे रियल एस्टेट की मांग शहर के केंद्र से हटकर नए, ज़्यादा किफायती इलाकों में फैल रही है, जिससे विकास का चक्र लगातार घूमता रहता है.
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