बिहार में स्कूलों की जर्जर स्थिति को बेहतर बनाने के मकसद से सरकार ने एक बार फिर नए सिरे से पहल शुरू की है. राज्य सरकार ने सभी जिलों से ऐसे सरकारी स्कूलों को चिन्हित कर लिस्ट भेजने का आदेश दिया है, जहां चहारदीवारी और पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है.
शिक्षा विभाग ने यह आदेश बच्चों को किसी तरह की परेशानी से बचाने के लिए दिया है. सरकार का दावा है कि हर पंचायत स्तर पर उच्च माध्यमिक स्तर तक के स्कूल खोले गए हैं.
सरकार लगातार यह दावा करती रही है कि शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सभी स्कूलों में चहारदीवारी और स्वच्छ पानी सहित तमाम सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं. लेकिन कई इलाकों से शिकायतें सामने आ रही हैं, जो सरकार के इन बड़े-बड़े दावों की लगातार पोल खोल रही है. इसी के मद्देनजर, विभाग ने यह आदेश जारी किया है.
कौन सी सुविधाएं होंगी बहाल?
सूबे की सरकार ने सभी विद्यालयों में पीने के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था, शौचालय, बिजली की व्यवस्था और विद्यालय में चहारदीवारी कराने का आदेश दिया है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, कई विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालय बनाया गया है. जिन विद्यालयों में अभी तक ये बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं, लिस्ट मिलने के बाद वहां पर जल्द सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी.
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शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?
बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा, "विद्यालयों में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे छात्र-छात्राओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. जिन विद्यालयों में चहारदीवारी और पानी की व्यवस्था नहीं हैं, वहां इसे जल्द उपलब्ध कराया जाएगा. इसका आदेश दिया गया है." सरकार का दावा है कि ज्यादातर विद्यालयों में व्यवस्था कर दी गई है, लेकिन कई अभी भी वंचित हैं.
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