'अपने खिलाफ युद्ध की खुद फंडिंग...', भारत को टारगेट करते ट्रंप के मंत्री की तोप यूरोप पर घुम गई

अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने पहले भारत की रूस से तेल खरीद पर आलोचना की. और अब उनके निशाने पर यूरोपीय देश हैं. उन्होंने रिफाइंड रूसी तेल की खरीद को लेकर यूरोपीय देशों को टार्गेट किया है.

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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है (Photo: Reuters) भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:44 PM IST

अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत को लगातार निशाना बनाते आए हैं. लेकिन यकायक अब यूरोप उनका टार्गेट बन गया है. उन्होंने कहा है कि भारत धीरे-धीरे रूस से तेल खरीद कम करेगा लेकिन उन यूरोपीय देशों का क्या जो भारत से रूसी रिफाइंड तेल खरीद रहे हैं. उन्होंने अमेरिका के सहयोगी यूरोपीय देशों को निशाना बनाते हुए कहा है कि वो अपने खिलाफ हो रहे युद्ध को खुद ही फंड कर रहे हैं.

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रूस से तेल व्यापार को लेकर भारत पर लगाए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ का हवाला देते हुए बेसेंट ने एक इंटरव्यू में कहा, 'सबसे विरोधाभासी बात यह है कि भारत सस्ता रूस तेल खरीद रहा है, और अनुमान लगाइए, रिफाइंड उत्पाद कहां जा रहे हैं? वे यूरोप लौट रहे हैं. यानी यूरोपीय देश अपने ही खिलाफ युद्ध को फंडिंग कर रहे हैं.'

बेसेंट की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है. यह वार्ता रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ के बाद हो रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीद कर यूक्रेन में चल रहे युद्ध में रूस की मदद कर रहा है. और इसी को लेकर उन्होंने भारत पर टैरिफ बढ़ा दिया है.

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भारत के रूसी तेल की खरीद को लेकर बेसेंट ने क्या कहा? 

भारत पर अमेरिका का कुल 50% टैरिफ 27 अगस्त से लागू हो गया है. अमेरिका लंबे समय से भारत पर लगाए टैरिफ का बचाव करता आया है और इसे रूस पर दबाव बनाने का तरीका मानता है.

इंटरव्यू में बेसेंट ने भी उम्मीद जताई कि भारत धीरे-धीरे रूस से अपनी निर्भरता कम करेगा. हालांकि, पिछले ही महीने उन्होंने रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत की कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि भारत रूसी तेल रिफाइन कर भारी मुनाफा कमा रहा है.

स्कॉट बेसेंट ने इससे पहले कहा था कि यूरोपीय संघ के देशों को भी रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने में अमेरिका का साथ देना चाहिए. इस बयान में उनका निशाना रूसी तेल खरीदने वाले देशों भारत और चीन पर था.

बेसेंट ने कहा था कि अब सवाल ये है कि यूक्रेनी सेना और रूसी अर्थव्यवस्था कितने समय तक टिकेगी. अगर अमेरिका और यूरोपीय संघ रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर और ज्यादा प्रतिबंध और अतिरिक्त टैरिफ लगाते हैं तो रूसी अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी. उन्होंने आगे कहा था कि फिर मजबूर पुतिन को बातचीत की टेबल पर आना पड़ेगा.

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