'हमें अमेरिका में जिहाद नहीं चाहिए...', US यूनिवर्सिटीज में इजरायल विरोधी प्रोटेस्ट पर बोले ट्रंप

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी की एक बिल्डिंग पर फिलिस्तीन समर्थक स्टूडेंट्स ने कब्जा कर लिया था, जिस तरह से न्यूयॉर्क पुलिस ने इन छात्रों को सबक सिखाया. इसे देखने में बहुत मजा आया. ट्रंप ने इन प्रदर्शनकारियों को पागल और हमास हमदर्द बताते हुए कहा कि हमें अमेरिका में जिहाद की जरूरत नहीं है. 

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 मई 2024,
  • अपडेटेड 3:18 PM IST

गाजा पर इजरायल के हमले के विरोध में अमेरिका में बड़े पैमाने पर प्रोटेस्ट हो रहे हैं. स्टूडेंट्स सड़कों पर हैं. अमेरिका की कुछ यूनिवर्सिटी में इजरायल समर्थक और विरोधी समूहों के बीच हिंसक झड़प भी हुई. इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन प्रोटेस्ट को लेकर बेहद कड़ा बयान दिया है. 

ट्रंप का कहना है कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी की एक बिल्डिंग पर फिलिस्तीन समर्थक स्टूडेंट्स ने कब्जा कर लिया था, जिस तरह से न्यूयॉर्क पुलिस ने इन छात्रों को सबक सिखाया. इसे देखने में बहुत मजा आया. ट्रंप ने इन प्रदर्शनकारियों को पागल और हमास हमदर्द बताते हुए कहा कि हमें अमेरिका में जिहाद की जरूरत नहीं है. 

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'हमें अमेरिका में जिहाद नहीं चाहिए'

2024 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लकिन पार्टी की ओर से उम्मीदवार ट्रंप ने कहा कि क्या किसी भी परिस्थिति में हमें गाजा जैसे हमास नियंत्रित आतंकी गढ़ से हजारों शरणार्थियों को अमेरिका लाना चाहिए. हम ये नहीं कर सकते. हमें अपना देश भी चलाना है. ये देश अच्छा रहना चाहिए. हमारा देश संकट में है. 

ट्रंप ने कहा कि अगर हम ये चुनाव नहीं जीते, मुझे नहीं लगता कि हमारा देश बचेगा. मैंने कभी ये सार्वजनिक तौर पर स्वीकार नहीं किया. लेकिन मुझे लंबे समय से ऐसा महसूस हो रहा था. मुझे सच में लगता है कि हमारा देश नहीं बचेगा. ऐसे बहुत सारे मुस्लिम देश हैं, जिनका हमें सामना करना है. हमें अमेरिका में जिहाद नहीं चाहिए. हम नहीं चाहते कि हमारे महान शहर आतंकवाद का गढ़ बन जाएं. 

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ट्रंप ने कहा कि एक बार राष्ट्रपति बन जाने के बाद मैं दोबारा ट्रैवल बैन पर काम करूंगा, शरणार्थियों के अमेरिका के आने पर रोक लगेगी और आतंकियों को इस देश से दूर रखा जाएगा.

अमेरिका में छात्रों का प्रोटेस्ट कैसे शुरू हुआ?

पिछले साल सात अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था, जिसमें 1200 से अधिक इजरायली नागरिकों की मौत हो गई थी. इसके बाद इजरायल ने बदला लेते हुए गाजा पर हमला कर दिया था. अब तक गाजा पर इजरायली हमले में 34000 से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई है, जिसमें महिलाओं और बच्चों की संख्या सबसे अधिक है. 

गाजा पर इजरायल के इसी हमले को लेकर अमेरिकी छात्र भड़के हुए हैं. इस मुद्दे पर बीते कई महीनों से कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ओपन डिबेट हो रही हैं. कई यूनिवर्सिटी के छात्र संगठनों ने इजरायल के हमले को लेकर बयान भी जारी किए थे, जिसमें गाजा पर हमले को तुरंत रोकने की मांग की गई थी. 

हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के 30 से अधिक छात्र संगठनों ने संयुक्त बयान में कहा था कि हम गाजा में इस हिंसा के लिए इजरायली सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराते हैं. 

अमेरिका में सालों से फिलिस्तीन और यहूदी ग्रुप इजरायल की नीतियों का विरोध कर रहे हैं और अब इन्होंने गाजा में सीजफायर की मांग की है. ये ग्रुप पहले भी इजरायल समर्थक समूहों से झड़प करते रहे हैं और अमेरिका में ऐसा एक बार फिर देखने को मिल रहा है. अमेरिका में इजरायल विरोधी इन प्रोटेस्ट की जड़ Boycott, Divestment, Sanctions यानी BDS नाम के एक मूवमेंट से जुड़ी है. ये सगंठन इजरायल विरोधी और फिलिस्तीन समर्थक है. यह इजरायल के बहिष्कार की पैरवी करता है.

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प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगें क्या हैं?

अमेरिका में प्रदर्शन कर रहे हजारों छात्रों ने गाजा में स्थायी सीजफायर की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका की ओर से इजरायल को दी जा रही सैन्य सहायता रोकने की भी मांग की है. 

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