इजरायल और ईरान के बीच जंग अपने सबसे खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है, जहां ईरान को अमेरिका ने आखिरी अल्टीमेटम दे दिया है. ईरान या तो समझौता कर परमाणु कार्यक्रम को छोड़ दे या पूरी तरह तबाह होने को तैयार रहे. इस भीषण जंग में ना इजरायल की तरफ से मिसाइलें थम रही हैं और ना ही ईरान पलटवार करने में पीछे है.
ईरान में अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इजरायल में दो दर्जन से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. अब सवाल यही है कि इजरायल और ईरान के बीच शुरू हुए युद्ध में आगे क्या होगा? आखिर इजरायल का Plan Iran क्या है?
इजरायली पीएम नेतन्याहू कह चुके हैं कि ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई का खात्मा ही इस जंग का भी खात्मा होगा. ऐसे में कहा जा रहा है कि खामेनेई अपने परिवार के साथ बंकर में जाकर छिप गए हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि क्या इजरायल का अगला टारगेट खामेनेई हैं?
इजरायल के डर से बंकर में छिपे हैं खामेनेई!
इजरायल के हवाई हमलों से पूरे ईरान में दहशत का माहौल हैं, किसी को नहीं पता कब इजरायल की मिसाइलों का शिकार बन जाए. दहशत का आलम ये है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई भी अपना घर छोड़कर परिवार के साथ बंकर में रह रहे हैं. इजरायली हमले के चलते खामेनेई को एक अंडरग्राउंड बंकर में शिफ्ट किया गया है.
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इजरायल कभी भी खामेनेई को निशाना बना सकता है, लिहाजा खतरे को देखते हुए उन्हें ऐसे अंडरग्राउंड बंकर में रखा गया है, जिसे दुश्मन मुल्क की मिसाइलें भी नहीं भेद सकती.
इस बीच ईरान-इजरायल युद्ध के दौरान अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट छपी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को मारने का प्लान बनाया था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के प्लान के खिलाफ वीटो लगा दिया था.
ट्रंप के वीटो की वजह से इजरायली सेना ने खामेनेई को निशाना नहीं बनाया यानी इजरायल का प्लान था. ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई को रास्ते से हटाना. ठीक वैसे ही जैसे ईरानी सेना के टॉप अफसरों को निशाना बनाया गया.
नेतन्याहू की प्रेशर पॉलिटिक्स
इजरायल ने जिस तरह से चुन-चुनकर ईरान के मिलिट्री शासकों और न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स को निशाना बनाया है. उससे साफ है कि इजरायल के टारगेट पर खामेनेई भी है. इजरायल ने ईरानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी, आईआरजीसी के कमांडर इन चीफ जनरल हुसैन सलामी, एयरफोर्स चीफ ब्रिगेडियर जनरल अमीर हाजीजादेह, ईरानी सेना के डिप्टी कमांडर जनरल गुलाम अली राशिद और खुफिया विभाग के चीफ मोहम्मद काजमी सहित ईरान के कई अन्य शीर्ष अधिकारियों को मार गिराया है.
कहा जा रहा है कि नेतन्याहू का प्लान खामेनेई पर दबाव डालना है. ईरान के कई शहरों पर ताबड़तोड़ हमला कर प्रेशर पॉलिटिक्स की जा रही है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी बड़ी भूमिका है.
G-7 के लिए कनाडा में मौजूद ट्रंप ने अपना दौरा बीच में ही छोड़कर लौटने का ऐलान किया था. ट्रंप ने कनाडा से रवाना होने से पहले पोस्ट कर कहा कि ईरान को डील साइन करनी चाहिए थी. मैंने कहा था- डील साइन करो. लेकिन ये शर्मनाक है, इंसानी जान की बर्बादी है. ट्रंप ने दो टूक कहा- ईरान परमाणु हथियार नहीं बना सकता.
इतना ही नहीं, ट्रंप ने तेहरान खाली करने की भी चेतावनी दे दी और कहा कि सारे लोग तुरंत तेहरान छोड़कर चले जाएं. आखिर ईरान में अब क्या होने वाला है? पेंटागन के मुताबिक अमेरिका अब तक युद्ध में शामिल नहीं हुआ है, लेकिन अमेरिका ही है जिसके पास ईरान के अंडरग्राउंड परमाणु ठिकानों को तबाह करने वाले B-2 बॉम्बर हैं.
लेकिन हमला करने से पहले ट्रंप ईरान को आखिरी मौका देना चाहते हैं. दूसरी तरफ ईरान का एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त हो चुका है और इजरायली लड़ाकू विमान तेहरान समेत ईरान के तमाम सैन्य-परमाणु ठिकाने पर खुलकर बमबारी कर रहे हैं.
हालात कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कनाडा में हो रहे G-7 सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर अमेरिका लौट रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को सिचुएशन रूम तैयार करने का आदेश दिया है.
वहीं नेतन्याहू ने दावा किया कि ईरान के आधे से ज्यादा ड्रोन नष्ट कर दिए गए हैं. साथ ही ये भी कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम कई साल पीछे जा चुका है. हालांकि, उन्होंने इस युद्ध के तीन बड़े लक्ष्य तय किए हैं. पहला, ईरान की परमाणु क्षमता का सफाया. दूसरा, उसकी बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता का सफाया और तीसरा, उसके आतंकी गठजोड़ का पूरे क्षेत्र में खात्मा. भयंकर रूप ले चुके युद्ध को रोकने के लिए चीन और रूस ने मध्यस्थता का ऑफर दिया है, लेकिन इजरायल अपने लक्ष्यों के पूरा होने तक जंग रोकने का इरादा नहीं रखता.
इजरायली डिफेंस फोर्सेज का कहना है कि उसकी वायुसेना ईरान में सैन्य ठिकानों पर लगतार हमले कर रही हैं. ईरान भी पूरी ताकत से जवाब दे रहा है. ताजा हमले में इजरायल ने तेहरान के कई इलाकों में बम गिराए, जिसमें रिहायशी इलाके भी शामिल हैं.
वहीं ईरान भी इजरायली शहरों पर बैलिस्टिक मिलाइलें दाग रहा है, जिसके बाद यरूशलम से लेकर हाइफा तक सायरन की आवाजें सुनी दे रही हैं. इस लड़ाई में जहां ईरान को अभी तक भारी नुकसान उठाना पड़ा है, वहीं इजरायल को भी काफी क्षति पहुंची हैं.
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