कभी अमेरिका के मोस्ट वांटेड में शुमार रहे अल कायदा के खूंखार आतंकी अहमद अल-शरा अब सीरिया के राष्ट्रपति हैं. इराक में वर्षों तक चले संघर्ष में 89 करोड़ रुपये के इनामी आतंकी अहमद अल शरा ने अमेरिकी सेना को कई जख्म दिए थे. तब इराक में अमेरिकी सेना की कमान जनरल डेविड पेट्रायस के हाथों में थी. फरवरी 2007 से सितंबर 2008 तक डेविड पेट्रायस ने इराक में मल्टीनेशनल फोर्स-इराक के कमांडिंग जनरल के रूप में नेतृत्व किया था. उन्होंने ही इराक में सर्ज लागू किया था.
ये ऐसा वक्त था जब दोनों ही एक दूसरे के कट्टर शत्रु थे. लेकिन समय का पहिया घूमा तो अहमद अल-शरा सीरिया के राष्ट्रपति बन गए. उन्होंने पिछले ही साल सीरिया की बशर अल असद सरकार का तख्तापलट कर दिया और सत्ता पर काबिज हो गए. अब अल शरा बतौर सीरियाई राष्ट्रपति संयुक्य राष्ट्र महासभा की बैठक में शिरकत करने न्यूयॉर्क पहुंचे हैं.
इस दौरान जनरल डेविड पेट्रायस ने उनका इंटरव्यू लिया है. सोशल मीडिया में ये इंटरव्यू चर्चा में है. इस इंटरव्यू के दौरान एक दुश्मन (जनरल डेविड पेट्रायस) दूसरे दुश्मन (अहमद अल शरा) से, जो अब एक ही मंच पर हैं, से सवाल पूछता है.
ये सवाल दुनिया में बदलते भू-राजनीतिक घटनाक्रमों की गवाही है.
पूर्व सीआईए डायरेक्टर डेविड पेट्रायस सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल शरा से पूछते हैं, "जब मैं इराक में ऑपरेशन सर्ज की कमान संभाल रहा था, तब हम अलग-अलग पक्ष में थे... कृपया हमें यह समझने में मदद करें कि 20 साल पहले इराक में अलकायदा से निकलकर आप आज यहां किस तरह पहुंचे, सीरिया के राष्ट्रपति का पद आपने कैसे हासिल किया?"
'सर्ज' इराक में अमेरिका की एक एक सैन्य रणनीति थी जिसका उद्देश्य इराक में बढ़ती हिंसा और विद्रोह को नियंत्रित करना था. इसमें अमेरिकी सैनिकों की संख्या में 30 हजार की वृद्धि कर दी गई और काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन पर जोर दिया गया. सैनिकों को शहरों, विशेष रूप से बगदाद, में तैनात किया गया ताकि स्थानीय आबादी के बीच सुरक्षा स्थापित हो और अल-कायदा जैसे विद्रोही समूहों को कमजोर किया जाए.
अल कायदा के टॉप कमांडरों में शामिल रहे अहमद अल-शरा डेविड पेट्रायस के इस सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं, "यह अच्छा है कि तब हम युद्ध की स्थिति में थे लेकिन अब आगे बढ़कर संवाद की स्थिति में आ गए हैं. यह सही है कि जो युद्ध से होकर गुजरा है वो शांति को सबसे बेहतर समझता है."
अहमद अल-शरा ने कहा कि, 'हम आज के नियमों के आधार पर अतीत का आकलन नहीं कर सकते, और अतीत के नियमों के आधार पर आज का आकलन नहीं कर सकते.'
शरा ने पेट्रायस से कहा, "यह अच्छी बात है कि हम पहले युद्ध क्षेत्र में थे और अब दूसरे क्षेत्र में चले गए हैं - संवाद के क्षेत्र में."
इस इंटरव्यू के दौरान कई मजेदार पल आए. डेविड पेट्रायस ने सीरियाई राष्ट्रपति से पूछा, "मैं इराक में बड़ी मुश्किलों का सामना कर रहा था. आप सीरिया में चुनौतियों का सामना कैसे करेंगे?"
इस पर राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने जवाब दिया, "निश्चित रूप से सीरिया में मेरा मिशन इराक में आपके मिशन से ज़्यादा कठिन है. आपके पास इराक छोड़ने का विकल्प था, जबकि हमारे विकल्प सीमित हैं."
अहमद अल-शरा 1967 के बाद से संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने वाले पहले सीरियाई राष्ट्रपति हैं. वह संयुक्त राष्ट्र महासभा की मीटिंग में अपना पहला संबोधन देंगे.
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