पुतिन की मांग पर EU का करारा जवाब- रूबल कैसा दिखता है? हम नहीं जानते

रूसी गैस के एक्टपोर्ट के बदले रूसी रूबल की मांग के पुतिन के बयान पर कई यूरोपीय नेताओं ने अपने यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के पहले दिन के दौरान कहा कि इस तरह की मांग करने से कॉन्ट्रैक्ट को मौलिक रूप से बदल दिया जाएगा और उसे शून्य कर दिया जाएगा.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:11 AM IST
  • गिर गई है रूसी रूबल की कीमत
  • EU देशों ने रूस को दिया करारा जवाब

यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दुनियाभर से नाराजगी झेल रहे हैं. उन्होंने ऐसे देशों को केवल रूबल में भुगतान करने की धमकी दी जो जंग में उनके खिलाफ हैं. हालांकि, यूरोपीय संघ के देशों से उनको तीखा जवाब मिला है. स्लोवेनियाई प्रधानमंत्री जेनेज़ जानसा ने कहा- "मुझे नहीं लगता कि यूरोप में कोई जानता भी है कि रूबल कैसे दिखते हैं, कोई भी रूबल में भुगतान नहीं करने वाला."

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'रूसी गैस के लिए रूसी रूबल से हो भुगतान'

इस हफ्ते की शुरुआत में, पुतिन ने यह विचार शुरू किया कि क्रेमलिन के लिए पश्चिमी प्रतिबंधों और रूसी संपत्तियों को फ्रीज करने के कारण, वे "उन करंसीज के लिए विश्वास को कम करते हुए, अपनी करंसीज की विश्वसनीयता पर प्रभावी रूप से एक रेखा खींच रहे थे. इसलिए यूरो और डॉलर के बजाय अब पुतिन रूसी गैस के लिए रूसी रूबल चाहते हैं.

गिर गई है रूसी रूबल की कीमत

अर्थशास्त्रियों ने कहा कि यह कदम रूबल का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया मालूम होता है, जो अन्य करंसीज के मुकाबले गिर गई है. दरअसल, जब रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था तब पश्चिमी देशों ने मास्को को प्रतिबंधों के जरिए जवाब दिया था.

'कॉन्ट्रैक्ट में पहले से तय होती है पेमेंट की करंसी'

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कई यूरोपीय नेताओं ने अपने यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के पहले दिन के दौरान कहा कि इस तरह की मांग करने से कॉन्ट्रैक्ट को मौलिक रूप से बदल दिया जाएगा और उन्हें शून्य कर दिया जाएगा. जर्मन चांसलर स्कोल्ज़ ने कहा, "हमने अब तक जो सीखा है, उससे समझ आया है कि हर जगह निश्चित कॉन्ट्रैक्ट होते हैं, जहां भुगतान की जाने वाली मुद्रा भी कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा होती है. वे शुरुआती प्वाइंट होते हैं जिनपर हमें काम करना होता है."

'यह पूरी तरह कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन'

इधर, इटली के प्रधानमंत्री मारिये ड्रैगी ने बस इतना कहा कि अगर पुतिन ने इस योजना को आगे बढ़ाया, तो "हम इसे मौजूदा अनुबंधों का उल्लंघन मानते हैं." इसके अलावा गैस की आसमान छूती कीमतों को देखते हुए, बेल्जियम के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू को भी मॉस्को का प्रस्ताव पसंद नहीं आया.

 

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