यूक्रेन-रूस पीस टॉक के नाम पर कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन... ट्रंप और पुतिन गए नहीं, अमेरिका बोला- वार्ता से ज्यादा उम्मीद नहीं

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि इस मामले में सफलता केवल राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सीधी बातचीत के जरिए ही मिलेगी, क्योंकि मॉस्को ने तुर्की में हो रही वार्ता के लिए दूसरे दर्जे की टीम भेजी है.

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वलोडिमिर जेलेंस्की, डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो) वलोडिमिर जेलेंस्की, डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2025,
  • अपडेटेड 10:41 AM IST

तुर्की (Turkey) के इस्तांबुल में होने वाले रूस-यूक्रेन शांति वार्ता बेहद उहापोह की स्थिति में नजर आ रही है. यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की इस्तांबुल में रूस के साथ आगामी शांति वार्ता में नहीं शामिल हो रहे हैं. वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरह सीधे भागीदारी से बाहर निकलने का विकल्प चुना है. रूस और यूक्रेन दोनों देशों ने तुर्की के अलग-अलग शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज की. राष्ट्रपति जेलेंस्की अंकारा पहुंचे, तो रूस का प्रतिनिधिमंडल इस्तांबुल पहुंचा.

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अंकारा पहुंचकर क्या बोले जेलेंस्की?

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप अर्दोआन के साथ अंकारा में बोलते हुए, ज़ेलेंस्की ने रूस के प्रतिनिधिमंडल की संरचना की आलोचना की और मॉस्को पर वार्ता को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि रूस को नहीं लगता कि उसे जंग खत्म करने की जरूरत है. जेलेंस्की ने कहा, "रूस से कोई समय, कोई एजेंडा या कोई हाई लेवल डेलिगेशन नहीं आया. मेरा मानना ​​है कि अमेरिका और तुर्की रूस के इस व्यवहार को महसूस करते हैं."

उन्होंने कहा कि सीजफायर हमारी पहली प्राथमिकता है. मैं आश्वस्त हूं कि रूस इन बैठकों के बारे में गंभीर नहीं है और वास्तव में युद्ध को खत्म नहीं करना चाहता है लेकिन हम देखेंगे कि क्या वे चर्चा के दौरान कम से कम कुछ दिखाने के लिए तैयार हैं.

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अमेरिका ने क्या कहा?

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि इस मामले में सफलता केवल राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सीधी बातचीत के जरिए ही मिलेगी, क्योंकि मॉस्को ने तुर्की में हो रही वार्ता के लिए दूसरे दर्जे की टीम भेजी है.

रुबियो ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह शुक्रवार को तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के लिए इस्तांबुल जाएंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें वार्ता से बहुत अधिक उम्मीदें नहीं हैं.

यह भी पढ़ें: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का बड़ा फैसला, सेना के प्रमुख जनरल को पद से हटाया

डोनाल्ड ट्रंप ने खींची लकीर...

इससे पहले, ट्रंप ने कहा कि वह इस्तांबुल शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे, जबकि पहले संकेत दिए गए थे कि वह इसमें शामिल होने के लिए अपनी मध्य पूर्व यात्रा का रास्ता बदल सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि जब तक पुतिन और मैं एक साथ नहीं आते, तब तक कोई शांति समझौता नहीं होगा.

ट्रंप के इस बयान से साफ इशारा मिलता है कि इस्तांबुल में होने वाली इस वार्ता से बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं, भले ही 2022 के बाद से यह पहली बार है, जब रूस और यूक्रेन आमने-सामने हैं. दोनों पक्षों के बीच अभी भी बहुत बड़ी खाई है. इसके अलावा, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी ऐलान किया कि आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर तुर्की में शांति वार्ता के दौरान रूस का प्रतिनिधित्व करेगा.

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क्रेमलिन के सहयोगी व्लादिमीर मेडिंस्की रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे और उनके साथ उप विदेश मंत्री मिखाइल गैलुज़िन, उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फ़ोमिन और मुख्य खुफिया निदेशालय (GRU) के प्रमुख और रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ़ के मुख्य निदेशालय के प्रमुख इगोर कोस्त्युकोव शामिल होंगे.

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