'खुद हमें चुका रहे 1.2 बिलियन डॉलर और भारत पर...', टैरिफ-टैरिफ करने वाले ट्रंप की पुतिन ने खोलकर रख दी पोल

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार तनाव के बीच कहा कि अमेरिका रूस से यूरेनियम खरीद रहा है, जिससे रूस को बड़ा मुनाफा होगा. 2024 में रूस ने अमेरिका को 800 मिलियन डॉलर का यूरेनियम बेचा और 2025 में यह आंकड़ा 1.2 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.

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यूरेनियम खरीद की जानकारी देकर पुतिन ने अमेरिका की टैरिफ नीति और डबल स्टैंडर्ड पर तंज कसा. (File Photo: PTI) यूरेनियम खरीद की जानकारी देकर पुतिन ने अमेरिका की टैरिफ नीति और डबल स्टैंडर्ड पर तंज कसा. (File Photo: PTI)

aajtak.in

  • मॉस्को,
  • 03 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 1:01 PM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के साथ जारी व्यापार तनाव के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ संबंधी फैसलों पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि तमाम प्रतिबंधों और शुल्कों के बावजूद अमेरिका रूस से यूरेनियम खरीद रहा है और इससे रूस को बड़ा मुनाफा होगा.

अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा सप्लायर रूस

पुतिन ने 'वल्दाई डिस्कशन क्लब' (Valdai Discussion Club) के प्लेनरी सेशन में कहा कि रूस, अमेरिका को यूरेनियम सप्लाई करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है और 2025 में इससे लगभग 1.2 अरब डॉलर कमाई की उम्मीद है. अमेरिका के न्यूक्लियर फ्यूल का लगभग 60% हिस्सा एक अमेरिकी-यूरोपीय कंपनी सप्लाई करती है, जबकि रूस की हिस्सेदारी करीब 25% है.

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2024 से ज्यादा मुनाफा

रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में रूस ने अमेरिका को यूरेनियम बेचकर करीब 800 मिलियन डॉलर कमाए थे. पुतिन ने बताया कि 2025 की पहली छमाही में ही यह आंकड़ा 800 मिलियन डॉलर पार कर गया है और पूरे साल की कमाई लगभग 1.2 अरब डॉलर रहने का अनुमान है.

पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रंप की टैरिफ नीति के चलते कई देशों के साथ अमेरिका के व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. लेकिन तमाम प्रतिबंधों के बावजूद अमेरिका रूस से यूरेनियम खरीद रहा है. अब पुतिन ने अमेरिका के इसी डबल स्टैंडर्ड पर तंज कसा है.

अमेरिका का 'डबल स्टैंडर्ड'

ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया था और अगस्त के आखिर में इसे दोगुना करके 50% कर दिया. उनका तर्क था कि यह फैसला भारत को रूस से तेल खरीदने की सजा देने के लिए है, क्योंकि वॉशिंगटन का दावा है कि रूस का तेल राजस्व यूक्रेन युद्ध को जारी रखने में मदद कर रहा है. जबकि हकीकत यह है कि रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार भारत नहीं, बल्कि चीन है.

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ट्रंप ने यूरोपीय देशों से बार-बार कहा है कि वे रूस से तेल और गैस खरीदना बंद करें. लेकिन विडंबना यह है कि अमेरिका खुद रूस से केमिकल्स, यूरेनियम और फर्टिलाइजर्स खरीदता आ रहा है.

रूस से क्या-क्या खरीद रहे पश्चिमी देश?

बता दें कि भारत ने अगस्त में ही पश्चिमी देशों के रूस के साथ जारी व्यापार की डिटेल्स सामने रखी थीं, जब ट्रंप और उनके सहयोगियों ने आरोप लगाया था कि नई दिल्ली रूस-यूक्रेन युद्ध से मुनाफा कमा रहा है. विदेश मंत्रालय ने बताया था कि पिछले साल यूरोपीय संघ (EU) का रूस के साथ 68 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था. इसके अलावा, अमेरिका ने अपनी न्यूक्लियर इंडस्ट्री के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के लिए पैलेडियम भी आयात किया था.

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