एक तरफ यूक्रेन युद्ध, दूसरी तरफ पुतिन की शी जिनपिंग से बातचीत, क्या रहा मुद्दा?

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि रूस और चीन के संबंध हर परीक्षा में कसौटी पर खरे उतरे हैं और इसका महत्व मौजूदा भूराजनैतिक तनाव के बीच तेजी से बढ़ रहा है. इस दौरान उन्होंने जिनपिंग को डियर फ्रेंड संबोधित करते हुए कहा कि रूस, चीन के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाना चाहता है.

Advertisement
पुतिन और शी जिनपिंग पुतिन और शी जिनपिंग

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:25 PM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को अपने अजीज दोस्त चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने पर जोर दिया. पुतिन ने कहा कि वह चीन के साथ अपने सैन्य संबंधों को और मजबूत करना चाहते हैं और दोनों देशों के संबंध इतिहास में सबसे बेहतर दौर में हैं.

Advertisement

हालांकि, दोनों नेताओं के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बातचीत में यूक्रेन युद्ध पर प्रत्यक्ष तौर पर कोई बात नहीं हुई. लेकिन दोनों नेताओं ने भूराजनैतिक तनाव और मुश्किल अंतर्राष्ट्रीय स्थिति के बीच आपसी संबधों को और मजबूत करने की सराहना की. 

पुतिन का कहना है कि रूस और चीन के संबंध हर परीक्षा में कसौटी पर खरे उतरे हैं और इसका महत्व मौजूदा भूराजनैतिक तनाव के बीच तेजी से बढ़ रहा है.

शांति वार्ता का रास्ता आसान नहीं

रूसी राष्ट्रपति पुतिन का कहना है कि यूक्रेन के साथ शांति वार्ता का रास्ता उतना आसान नहीं होगा. इस दौरान उन्होंने जिनपिंग को डियर फ्रेंड संबोधित करते हुए कहा कि रूस, चीन के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाना चाहता है.

पुतिन ने कहा कि बढ़ रहे भूराजनैतिक तनाव के बीच रूस और चीन रणनीतिक साझेदारी भी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम व्यक्तिगत तौर पर मिलने का कोई न कोई अवसर ढूंढ लेंगे. हम आपका इंतजार कर रहे हैं, मेरे प्यारे दोस्त. हम इंतजार कर रहे हैं कि आप अगले बसंत में रूस का दौरा करें.

Advertisement

रूस के साथ है चीन

रिपोर्ट के मुताबिक, शी जिनपिंग का कहना है कि इस मुश्किल अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में चीन, रूस के साथ रणनीतिक सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है, जिससे दोनों देशों के लोगों को विकास के अवसर मिल सकें. उन्होंने कहा कि चीन और रूस को अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर करीब से नजर रखनी चाहिए. 

बता दें कि इस साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से रूस और चीन के संबंध मजबूत हुए हैं. रूस पर ईयू के प्रतिबंधों की चीन ने आलोचना भी की थी. 

    Read more!
    Advertisement

    RECOMMENDED

    Advertisement