युद्ध खत्म करने को तैयार है रूस! पुतिन ने यूक्रेन को दिया सीधी बातचीत का प्रस्ताव

रूस ने यूक्रेन को सीधी बातचीत का प्रस्ताव देते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, 'रूस इस्तांबुल में यूक्रेन के साथ सीधी बातचीत का प्रस्ताव दे रहा है ताकि संघर्ष के मूल कारणों को कम किया जा सके और लंबे वक्त तक स्थायी शांति बहाल की जा सके.'

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रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की. (फाइल फोटो) रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2025,
  • अपडेटेड 12:38 PM IST

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को इस्तांबुल में 15 मई को यूक्रेन के साथ सीधी वार्ता का प्रस्ताव रखा और कहा कि इसका उद्देश्य स्थायी शांति स्थापित करना तथा युद्ध के मूल कारणों को खत्म करना होना चाहिए.

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, रूस इस्तांबुल में यूक्रेन के साथ सीधी बातचीत का प्रस्ताव दे रहा है ताकि संघर्ष के मूल कारणों को कम किया जा सके और लंबे वक्त तक स्थायी शांति बहाल की जा सके.

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पुतिन ने साल 2022 में रूसी हमले के तुरंत बाद विफल वार्ता का जिक्र करते हुए कहा, वार्ता तोड़ने के पीछे रूस नहीं, बल्कि यूक्रेन था. जिसने साल 2022 में वार्ता को तोड़ दिया था. फिर भी हम प्रस्ताव कर रहे हैं कि कीव बिना किसी पूर्व शर्त के फिर से सीधी बातचीत शुरू करें.

'इस्तांबुल में वार्ता शुरू करने की पेशकश' 

पुतिन ने कहा, 'हम कीव अधिकारियों को गुरुवार को इस्तांबुल में वार्ता फिर से शुरू करने की पेशकश करते हैं.'

उन्होंने कहा, 'यूक्रेन जैसा कहता है, हमारा प्रस्ताव उसी पर आधारित है. हमारा प्रस्ताव मेज पर है, अब इसका फैसला यूक्रेन के अधिकारियों और उनके क्यूरेटर्स पर निर्भर है. ऐसा मालूम होता है कि ये उनकी व्यक्तिगत राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारणों से प्रेरित है, न कि अपने लोगों के हितों से.'

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यूरोपीय नेताओं ने दी पुतिन को चेतावनी

वहीं, शनिवार को यूरोपीय पावर ने डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन से बिना शर्त 30 दिनों के सीजफायर पर जोर दिया और पुतिन को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने कुछ दिनों के अंदर इसे स्वीकार नहीं किया तो उनपर नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि वह युद्ध की जगह यूक्रेन में संघर्ष को खत्म करना चाहते हैं, जिसे उनका प्रशासन संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बीच एक छद्म युद्ध के रूप में देखता है. ट्रंप ने कहा था कि वह पीसमेकर के रूप में लोगों के जेहन में रहना चाहते हैं.

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, पश्चिमी यूरोपीय नेताओं और यूक्रेन ने इस हमले को साम्राज्यवादी प्रवृत्ति का बताया और बार-बार रूसी सेना को हराने का आह्वान किया.

वहीं, पुतिन ने इस युद्ध को पश्चिमी देशों के साथ मॉस्को के संबंधों में एक परिवर्तनकारी पल बताया, जिसके बारे में उनका कहना है कि 1991 में सोवियत संघ के पतन, नाटो के विस्तार और यूक्रेन समेत मॉस्को के प्रभाव वाले इलाके पर अतिक्रमण कर रूप का अपमान किया.

बता दें कि पुतिन ने फरवरी 2022 में यूक्रेन में हजारों सैनिक भेजे, जिससे 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद रूस और पश्चिम के बीच सबसे गंभीर टकराव शुरू हो गया.

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