500 से ज्यादा ड्रोन, 48 मिसाइल अटैक... पुतिन ने धुंआ-धुंआ किया यूक्रेन, अब तक 25 की मौत

रूस ने 500 से ज्यादा हथियारों से यूक्रेन पर बमबारी कर पावर ग्रिड को तबाह कर दिया.ये हमला ऐसे वक्त पर हुआ, जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की रूस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने के लिए तुर्की पहुंचे हैं.

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यूक्रेन पर रूस का बड़ा हमला (Photo: Reuters) यूक्रेन पर रूस का बड़ा हमला (Photo: Reuters)

आजतक ब्यूरो

  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:31 PM IST

बीते 24 घंटे के दौरान रूस ने यूक्रेन पर 524 हवाई हमले किए. रूस ने यूक्रेन के तीन शहरों पर बारूद का ऐसा कहर बरपाया कि पूरा मुल्क कांप उठा. बीते कुछ महीनों में रूस की तरफ से यूक्रेन पर किया गया ये सबसे बड़ा हमला है. पुतिन ने हमला यूक्रेन पर किया लेकिन बारूदी पैगाम नाटो को भेजा है. यूक्रेन पर विध्वंसक हमला करके पुतिन ने नाटो को आखिरी चेतावनी दे दी है. अगर रूस बॉर्डर के करीब युद्धाभ्यास बंद नहीं हुआ तो आने वाले कुछ दिनों में महायुद्ध तय है.

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पहले जर्मनी फिर फ्रांस ने रूस के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया. युद्ध का ऐलान करके पुतिन को उकसाने का काम किया लेकिन जब रूस बॉर्डर के करीब नाटो की सेना का युद्धाभ्यास शुरू हुआ तो पुतिन ने यूक्रेन पर बीती रात कहर बरपाते हुए नाटो को जवाब दे दिया. पुतिन ने नाटो को यही पैगाम भेजा, रूस को छेड़ा तो छोड़ेंगा नहीं. पुतिन ने वही किया जो कहा था यानी यूक्रेन-रूस में नाटो की एंट्री हुई तो नतीजे बहुत घातक होंगे. 

यूक्रेन के गृहमंत्री इहोर क्लिमेंको ने कहा कि रूस ने फिर से यूक्रेनी शहरों पर हमला किया है. रूस ने जानबूझकर आवास, शिक्षा सुविधाओं और अहम बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया है. उनका लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को हताहत करना है, यूक्रेन में ज्यादा से ज्यादा विनाश और यूक्रेन को पीड़ा देने का है. सबसे खराब हालात टेरनोपिल में है. दो नौ-मंजिला इमारतें प्रभावित हुईं. एक में आग लग गई. कई मंजिलें पूरी तरह से नष्ट हो गई. इन हमलों में कई लोगों की मौत हुई है जिनमें कई बच्चे भी हैं.

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यूक्रेन की सेना के मुताबिक, 18 नवंबर की शाम 6 बजे से रूस ने ड्रोन और मिसाइल से बड़े पैमाने पर हवाई हमले शुरू कर दिए थे. ये हमले 19 नवंबर की सुबह तक जारी रहे. रूस ने यूक्रेन के तीन शहरों को निशाना बनाया. कीव, टेरनोपिल और खारकीव पर हमले किए. 48 मिसाइलें और 476 ड्रोन का इस्तेमाल हुआ.  रूस ने यूक्रेन पर कई क्रूज मिसाइलें दागी. जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो इस दौरान एक ड्रोन रोमानिया के एयरस्पेस में घुस गया, जिसके बाद आनन-फानन में रोमानिया के दो यूरोफाइटर टाइफून और दो F-16 विमान को पेट्रोलिंग के लिए भेजना पड़ा. वहीं, पोलैंड के रिजेशो और ल्यूबलीन एयरपोर्ट को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा. अब तक 25 लोगों की मौत की खबर है.

रूस ने ये भी ऐलान किया है कि फ्रांस से मिलने वाले राफेल लड़ाकू विमान से युद्ध के हालात में कुछ नहीं बदलेगा. कीव शासन को चाहे जितने भी युद्धक विमान बेचे जाएं. इससे मोर्चे पर स्थिति या युद्धक्षेत्र में कोई बदलाव नहीं आएगा. पेरिस की तरफ से कीव को लगातार हथियार मिल रहे हैं, जिससे युद्ध को बढ़ावा मिल रहा है और ऐसा करके शांति स्थापना में किसी भी तरह से योगदान नहीं हो रहा है.

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ऐसे में रूस के बारूदी तेवर बहुत खतरनाक हैं. रूसी हमले के जवाब में यूक्रेन ने अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल किया. रूसी सेना के मुताबिक, वोरोनिश शहर पर यूक्रेन ने लंबी दूरी की मिसाइलें दागी. रूसी एयर डिफेंस सिस्टम ने यूक्रेन के दो अमेरिकी मिसाइल लॉन्चरों को तबाह कर दिया. यूक्रेन की तरफ से आनी वाली सभी मिसाइलों को रोक दिया गया. एस-400 और पैंट्सिर एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल-गन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया. रूस ने मिसाइल के मलबे की तस्वीरों के साथ एक लॉन्चर के नष्ट होने का फुटेज भी जारी किया.

ये पहला मौका है जब रूस के खिलाफ इस्तेमाल हुए अमेरिका हथियार को पुतिन की सेना ने तबाह कर दिया, यही नहीं यूक्रेन के पास मौजूद अमेरिकी पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम भी रूसी मिसाइलों को रोकने में पूरी तरह नाकाम रहा. यानी पुतिन ने साबित कर दिया है कि रूसी के विध्वंसक हथियारों का तोड़ अभी अमेरिका और नाटो के पास मौ जूद नहीं है. यही वजह है कि यूक्रेन-रूस युद्ध से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दूरी बना रखी है. यूक्रेन को टॉम हॉक मिसाइल देने से साफ इंकार कर दिया है.

डिफेंस एक्सपर्ट यही मानते हैं कि रूस के साथ सीधी भिड़त से अमेरिका बच रहा है. अब तो खबर ये है कि युद्धविराम के लिए ट्रंप पीछे के दरवाजे से पुतिन को मनाने में जुटे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, युद्धविराम के लिए ट्रंप गुपचुप तरीके से पुतिन को मानने में जुट गए है. युद्धविराम के लिए ट्रंप प्रशासन की तरफ युद्धविराम के लिए 28 प्वाइंट का प्लान बनाया गया है. 28 प्वाइंट वाले प्लान से ट्रंप युद्धविराम के साथ रूस के साथ अमेरिका का रिश्ता सुधारना चाहते है. इसका मतलब यही है कि ट्रंप भी समझ चुके हैं कि युद्ध के मैदान में रूस को हराना मुश्किल नहीं बल्कि अंसभव है.

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