रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई. जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष, यूक्रेन युद्ध, ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम और अन्य ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा की. ये जानकारी क्रेमलिन के सलाहकार यूरी उशाकोव ने एक प्रेस ब्रीफिंग में दी.
रूसी समाचार एजेंसी TASS की रिपोर्ट के अनुसार उशाकोव ने कहा कि दोनों नेताओं ने मिडिल ईस्ट के हालात के साथ-साथ भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्ष पर भी चर्चा की. बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था. इस हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई थी.
इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पीओके (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए गए. पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की, लेकिन भारत ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया. हालांकि दोनों देशों के बीच 10 मई को युद्धविराम हो गया था.
ट्रंप ने साझा की कॉल की जानकारी
फोन कॉल के बाद ट्रंप ने Truth Social पर पोस्ट कर बताया कि यह बातचीत लगभग 1 घंटे 15 मिनट चली. उन्होंने कहा कि बातचीत में यूक्रेन युद्ध, रूस के एयरबेस पर हुए हमले, और ईरान का परमाणु कार्यक्रम जैसे मुद्दे शामिल थे. साथ ही कहा कि यह एक अच्छी बातचीत थी, लेकिन ऐसी बातचीत नहीं जो तुरंत शांति की ओर ले जाए.
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ईरान के मुद्दे पर भी हुई बात
ट्रंप ने आगे लिखा कि बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि वह हवाईअड्डों पर हाल ही में हुए हमले का बहुत दृढ़ता से जवाब देंगे. ट्रंप ने कहा कि हमने ईरान पर भी चर्चा की, और इस तथ्य पर कि परमाणु हथियारों से संबंधित ईरान के निर्णय पर समय बीत रहा है, जिसे जल्दी से जल्दी लिया जाना चाहिए. मैंने राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते हैं और, मेरा मानना है कि इस पर हम सहमत थे.
राष्ट्रपति पुतिन ने सुझाव दिया कि वे ईरान के साथ चर्चा में भाग लेंगे और वे शायद इसे जल्दी ही निष्कर्ष पर लाने में सहायक हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी राय है कि ईरान इस बहुत महत्वपूर्ण मामले पर अपने निर्णय को धीरे-धीरे आगे बढ़ा रहा है और हमें बहुत कम समय में एक ठोस जवाब की जरूरत है.
रूस का यूक्रेन पर सख्त रुख
रूस ने यह भी संकेत दिया कि वह यूक्रेन के हालिया ड्रोन हमलों के जवाब में सैन्य कार्रवाई पर विचार कर रहा है. रूस ने इन हमलों के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया और पश्चिमी देशों पर समर्थन देने का आरोप भी लगाया.
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