पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर का 'हाईब्रिड सरकार' पूर्व पीएम इमरान खान को हर तरह से तबाह करने पर तूली हुई है. विपक्ष के नेता और पीटीआई के संस्थापक इमरान खान फिलहाल जेल में हैं, बावजूद इसके उनके ऊपर अत्याचारों की सिलसिला थम नहीं रहा.
अब पंजाब विधानसभा ने मंगलवार को इमरान खान और उनकी पार्टी के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है. प्रस्ताव में इमरान खान और उनकी पार्टी पर 'राज्य विरोधी' होने के आरोपों के आधार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है.
यह कदम ऐसे समय आया है जब ISPR के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने इमरान खान पर 'सेना विरोधी' बयानबाजी फैलाने का आरोप लगाया था और इसे 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा' बताया था.
उनके इस बयान के बाद राजनीतिक घमासान और तेज हो गया है. PML-N नेताओं, जिनमें रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी शामिल हैं, ने सेना के रुख का बचाव करते हुए कहा कि इमरान खान लंबे समय से राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ 'कठोर भाषा' का इस्तेमाल करते रहे हैं.
वहीं, PTI ने इन आरोपों को 'मूर्खतापूर्ण' बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि 'इमरान खान सुरक्षा के लिए किसी तरह का खतरा नहीं हैं.'
इमरान खान वर्तमान में पंजाब, रावलपिंडी के अदियाला जेल में बंद हैं. कुछ समय पहले उनकी सेहत को लेकर कई अफवाहें सामने आई थीं. इमरान खान से किसी को मिलने भी नहीं दिया जा रहा था जिसे लेकर अफवाहें और तेज हो गईं और यहां तक कहा गया कि उनके जिंदा होने के सबूत नहीं हैं.
लेकिन फिर 2 दिसंबर को इमरान खान की बहन उज्मा खानम को उनसे 20 मिनट मिलने की इजाजत दी गई. इमरान खान की चार बहनें हैं.
2 दिसंबर के बाद से इमरान खान से कोई नहीं मिल पाया है जिसके लिए पीटीआई जेल के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रही है.
पीटीआई ने बुधवार तड़के कहा कि अधिकारियों ने पानी की बौछारों का इस्तेमाल करके जेल के बाहर बैठे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया. प्रदर्शनकारियों में इमरान खान की बहनें भी शामिल थीं जो इमरान खान से मिलने की मांग पर अड़ी थीं. लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उन्हें शांति से प्रदर्शन भी नहीं करने दिया और सर्द रात में उनके ऊपर वाटर कैनन से पानी की बौछारें कीं.
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