'हमारी सदियों पुरानी दोस्ती...', मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के बदले सुर, भारत को दी बधाई

मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में मुइज्जू ने राष्ट्रपति मु्र्मू और प्रधानमंत्री मोदी को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए दोनों देशों के बीच के संबधों और आपसी सम्मान पर जोर दिया.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:01 PM IST

प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप की तस्वीरों पर हुए विवाद के बाद बीते कुछ समय से भारत और मालदीव के संबंधों में खटास चरम पर है. लेकिन इस तनातनी के बीच राष्ट्रपति मुइज्जू ने दोनों देशों के बीच के संबंधों की दुहाई दी है.

मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में मुइज्जू ने राष्ट्रपति मु्र्मू और प्रधानमंत्री मोदी को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए दोनों देशों के बीच के संबधों और आपसी सम्मान पर जोर दिया.

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राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में भारत के लिए शांति, प्रगति और समृद्धि की कामना करते हुए मालदीव के लोगों और सरकार की ओर से भारत के लोगों और सरकार को बधाई दी. उन्होंने कहा कि मालदीव और भारत की दोस्ती सदियों पुरानी है. 

भारत और मालदीव के बीच कैसे शुरू हुआ तनाव?

हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया. मामले पर विवाद बढ़ने के बाद इन तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था. 

दोनों देशों के इस तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के पांच दिन के राजकीय दौरे पर चले गए थे. इस दौरे से लौटने पर मुइज्जू लगातार भारत पर निशाना साध रहे हैं. 

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मुइज्जू ने मालदीव लौटते ही दो टूक कह दिया था कि हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है. उन्होंने कहा था कि हम भले ही छोटा देश हो सकते हैं लेकिन इससे किसी को भी हमें बुली करने का लाइसेंस नहीं मिलता. हालांकि, मुइज्जू ने प्रत्यक्ष तौर पर किसी का नाम लेकर ये बयान नहीं दिया है. लेकिन माना जा रहा है कि उनका निशाना भारत की तरफ है.

इसके बाद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च से पहले मालदीव से अपने सैनिकों को हटाने को कहा था. बता दें कि चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने पांच दिन के अपने चीन दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. उनका ये दौरा ऐसे समय पर हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों को सस्पेंड किया गया. इस मामले को लेकर भारत और मालदीव दोनों देशों में राजनयिक विवाद बढ़ा हुआ है.

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