किम जोंग ने दक्षिण कोरिया- US सैन्य अभ्यास से पहले दागी मिसाइल, बढ़ा तनाव

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की सरकार अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के दक्षिण कोरिया और जापान के दौरे के साथ ही संयुक्त सैन्य अभ्यास का विरोध किया था. अब अमेरिकी युद्धपोत के सैन्य अभ्यास के लिए दक्षिण कोरिया पहुंचने के बाद उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल दाग दी. हालांकि, इससे किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है. 

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किम जोंग उन (फाइल फोटोः पीटीआई) किम जोंग उन (फाइल फोटोः पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:51 AM IST

अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा पर जाने वाली हैं. कमला हैरिस के दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा से पहले कोरियाई क्षेत्र में सरगर्मी बढ़ गई है. उत्तर कोरिया ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति के दक्षिण कोरिया दौरे से पहले बैलिस्टिक मिसाइल दाग दी. तानाशाह किम जोंग उन के नेतृत्व वाले उत्तर कोरिया ने रविवार को अपने पूर्वी समुद्र तट पर बैलिस्टिक मिसाइल दागी.

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उत्तर कोरिया की ओर से बैलिस्टिक मिसाइल ऐसे समय में दागी गई है जब दक्षिण कोरिया और अमेरिका की सेना का संयुक्त युद्धाभ्यास होना है. इस युद्धाभ्यास में अमेरिका का एक एयरक्राफ्ट कैरियर हिस्सा लेगा. दक्षिण कोरिया की सेना का दावा है कि उत्तर कोरिया की ओर से एक कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल सुबह 7 बजे के करीब उत्तरी प्योंगयान प्रांत के ताइचोन क्षेत्र के पास दागी गई थी.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक दक्षिण कोरिया की सेना के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने बयान जारी कर कहा है कि उत्तर कोरिया का मिसाइल फायर करना उकसावे की कार्रवाई है. यह कोरियाई प्रायद्वीप के साथ ही विश्व समुदाय की शांति और सुरक्षा के लिए भी खतरा है. दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ किम सिउंग क्यूम (Kim Seung-kyum) ने अमेरिकी सेना के कोरिया कमांडर पॉल लाकेमेरा के साथ बैठक ताजा हालात पर चर्चा की.

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उत्तर कोरिया की ओर से मिसाइल फायर किए जाने के बाद दक्षिण कोरिया भी एक्टिव मोड में आ गया है. दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाकर अधिकारियों ने इसे लेकर चर्चा की. अधिकारियों ने उत्तर कोरिया की ओर से किसी भी तरह की कार्रवाई का जवाब देने की तैयारियों पर चर्चा की और इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन बताया. उत्तर कोरिया के इस कदम को उकसावे वाली कार्रवाई बताते हुए दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इसकी निंदा की.

वहीं, इसे लेकर यूएस-इंडो पैसिफिक कमांड ने भी बयान जारी किया है. कमांड की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दक्षिण कोरिया और जापान की रक्षा के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध है. मिसाइल फायर को लेकर हम सहयोगियों के साथ चर्चा कर रहे हैं. कमांड की ओर से ये भी कहा गया है कि मिसाइल फायर की इस घटना से अमेरिकी कर्मचारियों या अमेरिकी क्षेत्र, सहयोगियों को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है.

गौरतलब है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेना का संयुक्त युद्धाभ्यास 26 से 29 सितंबर तक होना है. इस सैन्य अभ्यास के लिए परमाणु शक्ति से लैस अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर  USS Ronald Reagan दक्षिण कोरिया पहुंच गया है. ऐसे में उत्तर कोरिया की ओर से मिसाइल फायर किए जाने को उकसावे की कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है.

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