कर्नाटक में बीजेपी की हार और कांग्रेस की जीत को लेकर विदेशी मीडिया में क्या छपा?

कर्नाटक चुनाव नतीजों को विदेशी मीडिया ने प्रमुखता से कवर किया है. विदेशी अखबारों ने लिखा है कि कर्नाटक की यह जीत कांग्रेस को भारत में एक राजनीतिक ताकत के रूप में फिर से स्थापित करने में मदद करेगी. अखबारों ने लिखा कि कर्नाटक की हार बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है.

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कर्नाटक में एक चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी (Photo- PTI) कर्नाटक में एक चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी (Photo- PTI)

राधा कुमारी

  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2023,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST

कर्नाटक चुनावों में कांग्रेस की जीत और भारतीय जनता पार्टी की हार से नरेंद्र मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है. इससे दक्षिण भारतीय राज्यों की सत्ता से बीजेपी का सफाया हो गया है और 2024 में लोकसभा चुनावों में उसकी जीत की दावेदारी पर भी प्रभाव पड़ा है. कर्नाटक चुनाव नतीजों को विदेशी अखबारों ने भी प्रमुखता से कवर किया है. विदेशी मीडिया ने लिखा है कि भाजपा एकमात्र दक्षिण भारतीय राज्य से भी सत्ता से बाहर हो गई है.

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पाकिस्तान की मीडिया ने क्या कहा?

पाकिस्तान के सभी बड़े अखबारों ने कर्नाटक में बीजेपी की हार पर खबर छापी है. डॉन ने लिखा है कि लोकसभा चुनावों से एक साल पहले नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार कर्नाटक में हार गई है.

अखबार ने समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से लिखा है कि कर्नाटक में बीजेपी की हार की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने ली है.

डॉन ने लिखा कि अपनी एक रैली में मोदी ने विवाद पैदा करने वाली फिल्म (द केरल स्टोरी) की प्रशंसा की थी जो इस्लाम कबूल करने वाली और आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल होने वाली हिंदू महिलाओं की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती है. पाकिस्तानी अखबार ने लिखा कि मोदी ने हिंदू देवता हनुमान का नाम लेकर भी हिंदू वोटर्स को रिझाने की कोशिश की थी. 

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वहीं, पाकिस्तान के एक और अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से लिखा है कि कर्नाटक की यह जीत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में कांग्रेस को एक राजनीतिक ताकत के रूप में फिर से स्थापित करने में मदद करेगी.

आंध्र प्रदेश की Krea University में प्रोफेसर और पॉलिटिकल कॉमेंटेटर पृथ्वी दत्ता चंद्र शोभी के हवाले से अखबार ने लिखा, 'कांग्रेस के लिए यह कर्नाटक को आगे ले जाने, एक नया शासन मॉडल बनाने और उसे देश को दिखाने का एक अवसर है.'

Photo- Reuters

नेपाल की मीडिया

भारत के पड़ोसी नेपाल के प्रमुख अखबार काठमांडू पोस्ट ने लिखा है कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत 2024 में लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी को प्रोत्साहित करेगी. अखबार ने रॉयटर्स के हवाले से लिखा कि नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी खराब प्रदर्शन कर रही है. कर्नाटक चुनाव जीतने से पहले कांग्रेस 2019 के बाद से किसी राज्य में चुनाव नहीं जीत सकी है.

अखबार ने आगे लिखा, 'इसके उलट, भाजपा ने 15 राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों में अपने दम पर या गठबंधन के जरिए सरकार बनाई है. नौ सालों से देश की सत्ता पर काबिज मोदी देश में काफी लोकप्रिय हैं और 2024 लोकसभा चुनावों में भी उनके जीत के आसार हैं. ऐसे में कर्नाटक में हार भाजपा के लिए एक बड़ा झटका होगा.

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अखबार ने लिखा कि 6.5 करोड़ आबादी वाले कर्नाटक को दक्षिण भारत में बीजेपी का प्रवेश द्वार समझा जाता है.

रूस की मीडिया

रूस के सरकारी ब्रॉडकास्टर Russia Today, (RT) ने लिखा है कि करिश्माई नेता मोदी की छवि को कर्नाटक चुनाव में मिली हार से नुकसान पहुंचा है.

आरटी ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा, 'करिश्माई नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा बढ़ते ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक टकराव के बीच 2014 से भारत में सत्ता में है. हालांकि, कर्नाटक चुनाव में हार से अपने दम पर वोट जुटाने वाले नेता के तौर पर मोदी की छवि को नुकसान पहुंचा है.'

Photo- PTI

आरटी ने लिखा कि कर्नाटक चुनाव में भाजपा की जीत के लिए पीएम मोदी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी. उन्होंने 19 रैलियां और 6 रोड शो किए. कांग्रेस की लोकप्रियता 2014 और 2019 के संसदीय चुनावों में लगातार मिली हार के बाद लगातार कम हुई है लेकिन पार्टी को राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो' यात्रा के बाद दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में अपना प्रभाव बढ़ाने में मदद मिली है. 

रूसी ब्रॉडकास्टर ने अपनी रिपोर्ट के अंत में लिखा है कि परंपरागत रूप से, दक्षिण भारतीय राज्यों ने हमेशा भारत के उत्तरी राज्यों से बेहतर प्रदर्शन किया है लेकिन बीजेपी को यहां जीत हासिल करने में मशक्कत करनी पड़ी है.

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तुर्की की मीडिया

तुर्की के सरकारी ब्रॉडकास्टर टीआरटी वर्ल्ड ने लिखा कि यह चुनाव कांग्रेस को देश भर में अपने राजनीतिक प्रभाव को फिर से हासिल करने में मदद करेगा. 

टीआरटी वर्ल्ड ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा, 'बीजेपी चुनावों में मोदी की लोकप्रियता पर निर्भर थी और चाहती थी कि कर्नाटक पर अपनी सत्ता को बनाए रखे. कर्नाटक एकमात्र दक्षिण भारतीय राज्य है जहां बीजेपी सत्ता में थी और जहां कट्टर हिंदू राष्ट्रवाद की राजनीति को धीमी प्रतिक्रिया मिली हो.'

तुर्की के ब्रॉडकास्टर ने लिखा कि पिछले कुछ सालों से मोदी की पार्टी कर्नाटक में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में है. कर्नाटक में बीजेपी नेताओं और उनके समर्थकों द्वारा मुस्लिम लड़कियों को स्कूल, कॉलेजों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिसके बाद से बहुसंख्यक हिंदुओं और अल्पसंख्यक मुस्लिमों के बीच सांप्रदायिक ध्रुवीकरण बढ़ा है.

Photo- Reuters

कतर की मीडिया

कतर के न्यूज नेटवर्क अलजजीरा ने लिखा कि दक्षिण भारत के पांच राज्यों में से सिर्फ एक राज्य कर्नाटक में बीजेपी की सरकार थी और अब वो भी उससे छिन गई है. कर्नाटक चुनाव के परिणाम विपक्ष के लिए मनोबल बढ़ाने का काम करेंगे जो 2024 के लोकसभा चुनावों में मोदी को हटाने की रणनीति बनाने पर काम कर रहा है.

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अलजजीरा ने लिखा, 'बीजेपी से शासन में कर्नाटक के मुसलमानों ने लगातार उत्पीड़न को झेला है. कई मुस्लिमों के साथ हिंदू दक्षिणपंथी कॉन्सपिरेसी थ्योरी लव जिहाद, के आरोप में दुर्व्यवहार किया गया है. गाय का मांस खाने के आरोप में कई मुस्लिमों की हत्या कर दी गई है. कर्नाटक के हिंदू संगठनों ने यह भी मांग की कि कर्नाटक में हलाल मीट पर प्रतिबंध लगाया जाए, नमाज के लिए लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाए जाए और हिंदू मंदिरों के सामने मुस्लिमों के सामान बेचने पर भी रोक लगाई जाए.'

रिपोर्ट में लिखा गया कि कर्नाटक चुनाव के नतीजे बताते हैं कि बीजेपी की इस रणनीति ने भारत के उत्तरी राज्यों में काफी अच्छे नतीजे दिए हैं लेकिन कर्नाटक में यह रणनीति ज्यादा काम नहीं कर पाई.

Photo- PTI

सऊदी अरब की मीडिया

सऊदी अरब के अखबार अरब न्यूज ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी की पार्टी भाजपा ने दक्षिण भारत में अपना एकमात्र शासित राज्य खो दिया है. दिल्ली यूनिवर्सिटी में राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर शशि शेखर सिंह के हवाले से अरब न्यूज ने लिखा, 'बीजेपी की हार को 2024 के लोकसभा चुनावों का ट्रेलर समझा जाएगा. यह नतीजा कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों के मनोबल को बढ़ाने का काम करेगा जो 2024 के चुनावों में एक साथ आकर मोदी को कड़ी टक्कर देने की योजना बना रहे हैं.'

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राजनीतिक विश्लेषक निंलजन मुखोपाध्याय के हवाले से अरब न्यूज ने लिखा कि कर्नाटक चुनाव बताते हैं कि लोगों ने बीजेपी की राजनीति को अस्वीकार कर दिया है और कांग्रेस को इससे पूरे भारत में अपना राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने में मदद मिलेगी. 

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