गाजा में शांति के लिए ट्रंप के पीस प्लान पर बातचीत जारी, हमास पर इजरायल को शक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा के पीस प्लान को मिडिल ईस्ट में लंबे समय से चली आ रही आपदा को खत्म करने वाला प्लान बताया है. यह 2020 के अब्राहम समझौते की तरह आर्थिक और डिप्लोमैटिक प्रेशर पर आधारित है, लेकिन इसमें हमास को डिसआर्म करने और फिलिस्तीनी अथॉरिटी को कंट्रोल सौंपने का एजेंडा है.

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इजरायल और हमास पीस प्लान क्या है (Photo: Reuters) इजरायल और हमास पीस प्लान क्या है (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST

इजरायल और हमास के बीच की जंग थमने का नाम नहीं ले रही. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भरसक कोशिशों के बावजूद अभी तक कुछ भी स्पष्ट नजर नहीं आ रहा. इस बीच इजरायल को संदेह है कि हमास सभी मृतक बंधकों को लौटाने का इच्छुक नहीं है.

इजरायली सूत्रों के मुताबिक, इजरायली सरकार को लगता है कि शायद हमास को मृतक बंधकों की लोकेशन पता ही ना हो. हमास शायद 28 मृतक बंधकों को हमास लौटा ही ना पाए.

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सूत्रों का कहना है कि इजरायल ने ये अनुमान खुफिया रिपोर्टों के आधार पर लिया है. इसके साथ ही हमास और मध्यस्थों के संदेशों से भी ऐसा पता चला है. 

बता दें कि 20 बंधकों के जीवित रहने का अनुमान है. इनमें से शायद दो की हालत गंभीर हो सकती है. मिस्र के शर्म अल-शेख में बंधकों की रिहाई और सीजफायर डील को लेक चल रही बातचीत के दौरान इजरायल ने युद्ध खत्म करने के लिए एक शर्त रखी, जिसमें जिंदा और मुर्दा सभी बंधकों को लौटाने की मांग की गई.

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी कैबिनेट को कई महीनों से पता है कि हमास को कुछ मृत बंधकों के ठिकाने के बारे में पता ही नहीं है. 

बता दें कि ट्रंप ने कुछ रोज पहले 20-पॉइंट का गाजा पीस प्लान दिया था. यह इजरायल-हमास युद्ध को खत्म करने का नया प्रस्ताव है, जो सितंबर 2025 में पेश किया गया, जिसमें बंधकों की रिहाई, तत्काल सीजफायर, गाजा का पुनर्निर्माण और लंबे समय तक शांति पर फोकस करता है.

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इस प्लान को लेकर ट्रंप ने बकायदा एक मैप जारी किया था. इस मैप में शुरुआती वापसी रेखा (पीली लाइन) IDF की पुरानी कंट्रोल लाइन है. पिछले महीने IDF गाजा पर बड़े हमले कर आगे बढ़ी थी. फिलहाल आईडीएफ का गाजा के करीब 70 फीसदी इलाके पर कब्जा है. बता दें कि हमास ने अब तक इस प्रस्ताव पर औपचारिक सहमति नहीं दी है.

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