एक जहाज, 2000 KM का सफर और ग्रेटा थनबर्ग... इजरायल के लिए कैसे बना सिरदर्द?

इस जहाज का नाम The Madleen है, जो Freedom Flotilla Coalition (FFC) का है. इस जहाज का नाम Madleen गाजा की पहली और इकलौती महिला फिशरवुमेन के नाम पर रखा गया है. यह जहाज एक जून को इटली के सिसली के बंदरगाह से रवाना हुआ था और यह 2000 किलोमीटर की दूरी तय कर सात जून तक गाजा पहुंच सकता है.

Advertisement
ग्रेटा थनबर्ग और अन्य मानवाधिकार संगठन ग्रेटा थनबर्ग और अन्य मानवाधिकार संगठन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 जून 2025,
  • अपडेटेड 9:28 AM IST

All Eyes on Madleen... आटा, पानी, दूध, दवाइयां, बच्चों के डायपर और सैनिटरी पैड लेकर पानी का एक जहाज तेजी से गाजा की ओर बढ़ रहा है. वजह है भूख से बिलखते और दम तोड़ते लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाना. इसका एक और मकसद भी है, जो है गाजा में इजरायल की नाकेबंदी को तोड़ना. लेकिन अब इस पर विवाद भी हो गया है. इस विवाद के केंद्र में है- ग्रेटा थनबर्ग.

Advertisement

गाजा पहुंच रहे इस जहाज का नाम The Madleen है, जो मानवाधिकार संगठन Freedom Flotilla Coalition (FFC) से जुड़ा हुआ है. इस जहाज का नाम Madleen गाजा की पहली और इकलौती फिशरवुमेन के नाम पर रखा गया है. यह जहाज एक जून को इटली के सिसली के बंदरगाह से रवाना हुआ था और यह 2000 किलोमीटर की दूरी तय कर सात जून तक गाजा पहुंच सकता है, बशर्ते कि इजरायल की नौसेना रोड़ा ना अटकाए.

इस जहाज में स्वीडन की 22 साल की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) सहित कई मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं. लेकिन इजरायल इसे लेकर अलर्ट हो गया है. 

इस जहाज में चिकित्सा सुविधाएं, खाद्य सामग्री और अन्य जरूरी सामान है. इस जहजा में ग्रेटा थनबर्ग के साथ-साथ 11 अन्य कार्यकर्ता भी हैं, जिनमें फ्रांस की सांसद रीमा हसन, जर्मनी की यासमीन जार, फ्रांस के बैप्टिस्टे आंद्रे, ब्राजील के थियागो अविला, फ्रांस के उमर फईद, पैस्कल और यानीस महादी, तुर्किए के सूयाब ओर्दू, स्पेन के सर्गियो टॉर्बियो, नीदरलैंड्स के मार्को वैन रेन्स और फ्रांस की रेवा वियार्ड शामिल हैं.

Advertisement

ग्रेटा थनबर्ग की इस गाजा यात्रा पर इजरायल की सेना ने आपत्ति जताई है. इजरायली सेना के प्रवक्ता एफी डेफ्रिन ने कहा कि हम इस पर नजर रखे हुए हैं. हम इस बार भी तैयार है. हम इस केस में भी स्थिति के अनुसार ही कार्रवाई करेंगे. इससे संकेत मिल रहे हैं कि इजरायल इस बार भी जहाज को गाजा तट तक पहुंचने से रोकने के लिए कमर कस चुका है.

ये FCC का कोई पहला जहाज नहीं है, बल्कि इससे पहले भी इस संगठन ने एक महीने पहले Conscience नाम के जहाज को गाजा के लिए रवाना किया था लेकिन दो मई को इजरायल के ड्रोन अटैक में इसे नष्ट कर दिया गया था.

थनबर्ग ने कहा कि हमें यह कर रहे हैं क्योंकि हमें गलत के खिलाफ खड़ा होना चहिए. हमें कोशिश करनी चाहिए क्योंकि जिस पल हम कोशिश करना छोड़ देंगे, उस पल हम हमारी मानवता को छोड़ देंगे.

लेकिन ग्रेटा की इस यात्रा पर विवाद क्यों?

ग्रेटा थनबर्ग दुनियाभर के 11 और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जहाज से गाजा पहुंच रही है. इस दौरान जहाज से खींची गई उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इनमें वह फिलिस्तीन का झंडा पकड़े देखी जा सकती हैं. गाजा के समर्थन में नारे लगाते देखा जा सकता है. इस पर उनका जमकर विरोध भी किया जा रहा है.

Advertisement

बता दें कि गाजा में 2007 से इजरायल की नौसेना की नाकेबंदी है, जो सामान और लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित करता है. फ्रीडम फ्लोटिला इजरायल की इस नाकेबंदी को प्रतीकात्मक रूप से तोड़ने का प्रयास है, जिसे इजरायल अवैध और उकसाने वाला मानता है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement