इजरायल के साथ ईरान के सीजफायर पर पीडीपी चीफ और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने खुशी जताई है. उन्होंने ईरान की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि इस जंग से ईरान मुस्लिम वर्ल्ड में एक नया लीडर बनकर उभरा है. साथ ही 12 दिन की इस जंग में ईरान ने अमेरिका और इजरायल को तगड़ा सबक सिखाया है. उन्होंने कहा कि यह पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिए गर्व की बात है.
'ईरान ने अमेरिका को चटाई धूल'
उन्होंने कहा, 'अमेरिका जैसी सुपर पावर से लड़ने के लिए मैं ईरान की जनता, वहां की सेना और नेतृत्व को सलाम करती हूं, क्योंकि उनके पास न तो हथियार हैं, न परमाणु बम, फिर भी उन्होंने जंग में अमेरिका और इजरायल को धूल चटा दी. मुफ्ती ने कहा कि सीजफायर की मांग भी ईरान की तरफ से नहीं की गई थी. इस जंग से ईरान का रुतबा काफी बढ़ गया है और वह मुस्लिम वर्ल्ड में एक लीडर बनकर उभरा है.
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जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ईरान ने अमेरिका को ऐसा सबक सिखाया है जिसे वह लंबे वक्त तक याद रखेगा. उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप को जंग रुकवाने के लिए कतर से बात करनी पड़ी और कहना पड़ा कि इजरायल सीजफायर के लिए तैयार है, अब आप ईरान को इसके लिए राजी करें. उन्होंने कहा, 'एक मुस्लिम होने के नाते और पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिए यह बहुत खुशी की बात है. लेकिन दुर्भाग्यवश किसी भी मुस्लिम देश ने ईरान का साथ नहीं दिया.'
चीन और रूस ने की मदद
मुफ्ती ने कहा कि रूस और चीन ने ईरान का साथ दिया और इसके लिए मैं उन्हें सलाम करती हूं. इस जंग ने अमेरिका को घुटनों पर ला दिया है और ईरान को नई शक्ति के तौर पर उभरने का मौका दिया है. उन्होंने कहा कि अब ईरान अपना सिर ऊंचा करके चल सकता है, जबकि पहले उसे एक विलेन समझा जाता था. ईरान ने वाकई में बहुत जज्बा दिखाया है और इसके लिए मुझे काफी गर्व हो रहा है.
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पाकिस्तान की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट करने पर प्रतिक्रिया देते हुए मुफ्ती ने कहा कि यह बचकाना और समय से पहले का कदम है. उन्होंने कहा, 'यह निराशाजनक है कि पाकिस्तान ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया. मुझे लगता है कि यह बचकाना और समय से पहले का कदम है, खासकर ऐसे व्यक्ति के लिए जो यह नहीं जानता कि वह क्या कह रहा है और अगले मिनट क्या करने जा रहा है.'
ईरान-इजरायल सीजफायर पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर वाकई में सीजफायर हो गया है तो खुशी की बात है क्योंकि कई बेगुनाह मारे जा रहे थे. उन्होंने कहा कि इंसानियत के नाते जंग को खत्म करना जरूरी है, क्योंकि इससे न सिर्फ ईरान बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. दुनियाभर के नेताओं ने अमेरिका पर प्रेशर डालकर इस जंग को रुकवाया है, अब कोई भी देश जंग नहीं चाहता है.
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