इमरान खान पर सस्पेंस के बीच उनकी आखिरी X पोस्ट क्या कहती है

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं. उनकी गिरफ्तारी नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में कथित भ्रष्टाचार के केस में की है. आरोप है कि इस मामले में इमरान ने अपनी पत्नी बुशरा बीबी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार किया है.

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पाकिस्तान में इमरान खान की मौजूदा स्थिति को लेकर लगातार संशय बना हुआ है. (Photo: Reuters) पाकिस्तान में इमरान खान की मौजूदा स्थिति को लेकर लगातार संशय बना हुआ है. (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:26 PM IST

एक ऐसे समय में जब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करोड़ों समर्थक उनकी सेहत से जुड़ी किसी भी खबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. जब उनकी पार्टी के हजारों कार्यकर्ता और परिवार के सदस्य इमरान के इंतजार में सांसें थामे बैठे हैं. जब हजारों पार्टी सहयोगी और परिजनों को उनकी एक झलक दिखने या उनरा एक शब्द सुनने का इंतजार है. ऐसे माहौल में इमरान खान की 24 दिन पुरानी सोशल मीडिया पोस्ट कई अहम संकेत दे सकती है.

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रावलपिंडी की अडियाला जेल में पांच नवंबर को अपनी बहन से मुलाकात के बाद उनकी ओर से एक्स पर यह टिप्पणी पोस्ट की गई थी. माना जा रहा है कि यही पोस्ट आज इमरान खान की मौजूदा स्थिति का संकेत दे रही है. इसके पीछे कौन हो सकता है और क्यों.

यह लगभग साफ है कि इमरान खान इस पोस्ट में किसकी ओर इशारा कर रहे थे. वह इस पोस्ट में सिर्फ एक आदमी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और वह है सेना प्रमुख आसिम मुनीर. इमरान ने अपनी पोस्ट में छह बार  उनका जिक्र किया. इमरान खान का अदियाला जेल से पांच नवंबर का संदेश बहुत विस्फोटक था. इस पोस्ट में खान ने दावा किया था कि पाकिस्तान में संविधान या कानून का कोई शासन नहीं बचा है, वहां सिर्फ आसिम लॉ का राज चल रहा है.

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इमरान खान ने आसिम मुनिर पर अकेले पूरे देश को चलाने का आरोप लगाया. उन्होंने मुनीर को इतिहास का सबसे अत्याचारी तानाशाह बताया, जो सत्ता की अपनी भूख मिटाने के लिए कुछ भी कर सकता है. खान ने कहा कि वह और उनकी पत्नी बुशरा बीबी हर तरह की क्रूरता का सामना कर रहे हैं लेकिन वह न तो झुकेंगे और न ही हार मानेंगे.

खान ने इस पोस्ट में अंत में कहा कि सारी ताकत एक ही आदमी के हाथों में है और उनकी पार्टी पीटीआई उस कठपुतली सरकार से बातचीत नहीं करेगी जिसे वह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार कहते हैं.

इमरान खान ने मुनीर को इस दमन का जिम्मेदार ठहराया, जिसमें बड़े पैमाने पर हिंसा और पीटीआई सदस्यों को निशाना बनाए जाने के आरोप शामिल थे. उनका दावा था कि शासन ने न तो महिलाओं का सम्मान रखा, न बच्चों और बुज़ुर्गों पर दया दिखाई.

खान का यह भी आरोप था कि उन्हें जेल में रखने के लिए जानबूझकर कानूनी सुनवाई रोकने के आदेश मुनीर की ओर से ही दिए जा रहे हैं. बता दें कि इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं.

यह बात किसी से छिपी नहीं है कि आसिम मुनीर के लिए इमरान खान को जेल में रखना एक निजी लड़ाई बन चुकी है. दोनों की दुश्मनी वर्षों पुरानी है. लेकिन यह सिर्फ व्यक्तिगत कड़वाहट भर नहीं है. इमरान के एंटी-एस्टैब्लिशमेंट नेता के तौर पर उभरने और जेल जाने के बाद पूरे सिस्टम को इस तरह ढाला गया कि मुनीर की शक्ति और पक्की हो सके. संवैधानिक बदलावों के बाद उन्हें आजीवन सैन्य नियंत्रण और पूरी प्रतिरक्षा मिली, जिसके बाद अदालत द्वारा आदेशित साप्ताहिक मुलाकातें तक रोक दी गईं.

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इमरान खान की यह लड़ाई पाकिस्तान में पठान-पंजाब सत्ता समीकरण को भी छूती है. मुनीर की कार्रवाइयां इस गहरे डर की ओर इशारा करती हैं कि इमरान खान एक लोकप्रिय पठान नेता हैै. उनकी सत्ता, प्रभाव और नियंत्रण के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं. 

पाकिस्तान की संसद में भी गूंजा था इमरान खान का मामला

शहबाज सरकार और रावलपिंडी की अदियाला जेल भले ही बार-बार दावा कर रहे हैं कि इमरान खान बिल्कुल ठीक हैं, दुरुस्त हैं लेकिन इमरान का परिवार और उनकी पार्टी यह मानने को कतई तैयार नहीं है. इस बीच इमरान खान का मामला गुरुवार को पाकिस्तान की संसद में भी गूंजा था.

पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसद फैजल जावेद ने कहा था कि हमारी मांग है कि अगले 24 घंटों में इमरान को उनके परिवार से मिलने दिया जाए. इमरान को पूरी तरह से एकांत कारावास में क्यों रखा गया है?

पीटीआई सांसद फैजल जावेद ने संसद में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया कि इमरान के परिवार को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा. उन्होंने इस मामले को सीनेट में भी उठाने की मंजूरी मांगी और सरकार से इस पर जवाब देने को कहा. 

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