अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 नवंबर को व्हाइट हाउस में सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा का स्वागत किया था. यह एक ऐसी मुलाकात जो कुछ साल पहले नामुमकिन लगती थी. यह पहली बार था, जब कोई सीरियाई राष्ट्राध्यक्ष 1946 में फ्रांस से देश को आजादी मिलने के बाद व्हाइट हाउस में आया हो. लेकिन ट्रंप और अल-शरा की यह मीटिंग अब कूटनीतिक महत्व से ज्यादा एक वायरल वीडियो के कारण चर्चा में है. वीडियो में ट्रंप सीरियाई राष्ट्रपति को परफ्यूम भेंट करते दिख रहे हैं और तभी मुस्कुराकर पूछ लेते हैं- 'आपकी कितनी बीवियां हैं?'
वीडियो में ट्रंप अल-शरा को अपनी 'विक्ट्री' परफ्यूम लाइन की बोतल देते दिख रहे हैं. वह खुद पर और फिर अल-शरा पर परफ्यूम स्प्रे करते हुए कहते हैं, 'यह सबसे बेहतरीन खुशबू है. और यह दूसरी बोतल आपकी पत्नी के लिए.' फिर मुस्कुराते हुए वह सीरियाई राष्ट्रपति से पूछते हैं, 'आपकी कितनी बीवियां हैं... एक?' अल-शरा इस सवाल पर थोड़ा हकबकाते हुए जवाब देते हैं, 'एक'. उनका जवाब पर ट्रंप और व्हाइट हाउस के अधिकारियों में ठहाका गूंज उठता है. ट्रंप फिर चुटकी लेते हुए कहते हैं, 'आप लोगों के साथ तो कभी पता नहीं चलता!'
सीरिया के 43 वर्षीय राष्ट्रपति अल-शरा, जिन्हें अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से भी जाना जाता है, कभी अल-कायदा के कमांडर हुआ करते थे. अमेरिका ने उन्हें आतंकी घोषित किया था और उनके सिर पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था. अब ट्रंप और अल-शरा की इस मुलाकात को वैश्विक कूटनीति में एक बड़ा कदम माना जा रहा है और एक अकल्पनीय स्थिति करार दिया जा रहा है. फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में अहमद अल-शरा ने अपने अतीत पर बात करते हुए कहा, 'अल-कायदा से मेरा जुड़ाव पुरानी बात है, राष्ट्रपति ट्रंप के साथ सोमवार की मीटिंग में इसकी चर्चा नहीं हुई.' ट्रंप ने कहा, 'मेरा अल-शरा से अच्छा तालमेल है और मुझे विश्वास है कि वह अपना काम अच्छे से करेंगे.'
अल-शरा ने ट्रंप को प्राचीन सीरियाई कलाकृतियों की प्रतिकृतियां भेंट कीं जिनमें– इतिहास की पहली वर्णमाला, पहली मुहर, पहला म्यूजिक नोट और पहला कस्टम टैरिफ शामिल था. मीटिंग में दोनों ने अमेरिका और सीरिया के बीच संबंध मजबूत करने और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की. अल-शरा ने अमेरिका-नीत उस गठबंधन में शामिल होने का वादा किया, जो आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में मददगार होगा. पिछले साल दिसंबर में अल-शरा के नेतृत्व वाले सुन्नी विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने सीरिया के शिया राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल कर दिया था. असद सरकार पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप थे, जिसके कारण अमेरिका ने सीरिया पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे. अल-शरा अब उन प्रतिबंधों को स्थायी रूप से हटवाने की कोशिश में लगे हैं.
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