भारत-कनाडा के रिश्तों में होगा सुधार? वार्ता की टेबल पर बैठे विदेश मंत्री S जयशंकर और अनीता आनंद ने की वार्ता

भारत और कनाडा ने ठंडे बस्ते में पड़े अपने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की दिशा में कदम उठाते हुए जयशंकर और अनीता आनंद ने फोन पर बात की. ये बातचीत आर्थिक सहयोग को मजबूत करने और साझा प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने पर केंद्रित थी.

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एस. जयशंकर और अनीता आनंद. (फाइल फोटो) एस. जयशंकर और अनीता आनंद. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2025,
  • अपडेटेड 2:20 PM IST

भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद से फोन पर बात की. जो दोनों देशों के बीज मार्क कार्नी के कनाडाई पीएम बनने के बाद पहली उच्च स्तरीय राजनीतिक बातचीत थी.

जयशंकर और अनीता आनंद के बीच हुई बातचीत का मुख्य फोकस आर्थिक सहयोग को मजबूत करने और साझा प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने पर केंद्रित थी. भारत इस बातचीत को पूर्व कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के बाद संबंधों में सुधार की संभावना के रूप में देखा जा रहा है, जिनके नेतृत्व में दोनों देशों के बीच संबंध तेजी से बिगड़े थे.

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अनीता आनंद ने की जयशंकर की तारीफ

जयशंकर से बातचीत के बाद कनाडा की विदेश मंत्री ने एक्स ने पोस्ट पर लिखा, 'कनाडा-भारत संबंधों को मजबूत करने, हमारे आर्थिक सहयोग को गहरा करने और साझा प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने पर आज की उत्पादक चर्चा के लिए मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद. मैं हमारे साथ मिलकर काम जारी रखने की आशा करती हूं.

भारतीय मूल की 58 वर्षीय आनंद पहले कनाडा की रक्षा मंत्री रह चुकी हैं और लिबरल पार्टी की वरिष्ठ सदस्य हैं. उन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर पद की शपथ ली, यह एक ऐसा इशारा है जिसे उन्होंने पहले भी कैबिनेट नियुक्तियों में दोहराया है. 

वहीं, सितंबर 2023 में भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों में तब गिरावट आई, जब तत्कालीन पीएम जस्टिन ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के संभावित शामिल होने का आरोप लगाया था. भारत ने इस दावे को बेतुका बताकर खारिज कर दिया था और कनाडा को खालिस्तान समर्थक तत्वों के लिए सुरक्षित पनाहगाह करार दिया था.

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नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति पर चल रही है चर्चा

इसके बाद ओटावा ने भारत के तत्कालीन उच्चायुक्त संजय वर्मा समेत कई भारतीय राजनयिकों को निज्जर की हत्या से जोड़ दिया. इसके बाद भारत ने अक्टूबर में संजय वर्मा और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया, जबकि भारत ने नई दिल्ली स्थिति 5 कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था. हालांकि, 2023 के अंत तक द्विपक्षीय संबंध ठंडे रहे, लेकिन हाल के महीनों में दोनों देशों के सुरक्षा अधिकारियों ने संपर्क फिर से शुरू कर दिया है. समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली और ओटावा में नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति पर चर्चा चल रही है.

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