'खामेनेई डरे हुए चूहे की तरह अंडरग्राउंड हैं...', ईरान के सुप्रीम लीडर पर निर्वासित प्रिंस पहलवी का तीखा हमला

प्रिंस रेजा शाह ने खामेनेई पर तीखा हमला बोला हैं. उन्होंने कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक अपने अंत की ओर बढ़ रहा है और सुप्रीम लीडर खामेनेई ने स्थिति पर नियंत्रण खो दिया है. वो एक डरे हुए चूहे की तरह अंडरग्राउंड हैं और अब उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा है. उन्होंने दावा किया कि शासन का दमनकारी तंत्र अब टूट रहा है और अब वक्त आ गया है उठाकर खड़े होने का, अपने देश को वापस पाने का.

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रेजा शाह और खामेनेई. (फाइल फोटो) रेजा शाह और खामेनेई. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2025,
  • अपडेटेड 8:22 AM IST

ईरान-इजरायल के बीच जारी संघर्ष और उथल-पुथल के बीच ईरान के निर्वासित क्राउन प्रिंस रेजा शाह पहलवी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए एक ऐतिहासिक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक का अंत पास और ये व्यवस्था जल्द ढहने की कगार पर है, क्योंकि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला  अली खामेनेई ने मौजूदा स्थिति पर अपना नियंत्रण खो दिया है.

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प्रिंस रेजा शाह ने खामेनेई पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक अपने अंत की ओर बढ़ रहा है और सुप्रीम लीडर खामेनेई ने स्थिति पर नियंत्रण खो दिया है. खामेनेई एक डरे हुए चूहे की तरह अंडरग्राउंड हो गए हैं और अब उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा है.

उन्होंने ईरानी जनता से एकजुट होकर इस ऐतिहास नाजुक मोड़ को पार करने की अपील की और कहा कि जो शुरू हुआ है, वो अब अपरिवर्तनीय है. ईरान का भविष्य काफी उज्जवल है.

46 साल की तानाशाही का अंत

प्रिंस रेजा ने अपने संदेश में कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक का अंत न केवल एक शासन का अंत है, बल्कि ये 46 साल से चली आ रही उस युद्ध का भी अंत है जो इस शासन ने ईरानी जनता के खिलाफ छेड़ रखा था.

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उन्होंने दावा किया कि शासन का दमनकारी तंत्र अब टूट रहा है और अब वक्त आ गया है उठाकर खड़े होने का, अपने देश को वापस पाने का. साथ ही उन्होंने  देशवासी एक राष्ट्रव्यापी विद्रोह के जरिए इस व्यवस्था को खत्म करने की अपील की.

रेजा शाह ने देश के कई हिस्सों- बंदर अब्बास से लेकर बंदर अंजलि, शिराज से इस्फ़हान, तबरेज से जाहेदान, मशहद से अहवाज और शाहर-ए-कोर्ड से केरमानशाह तक नागरिकों से एकजुट होकर सड़कों पर उतरने का आह्वान किया. प्रिंस रेजा ने जोर देकर कहा कि यह वक्त डरने का नहीं, बल्कि ईरान को पुर्नजन्म देने का है.

शानदार भविष्य का वादा

प्रिंस रेजा ने देशवासियों को आश्वस्त किया कि इस्लामिक रिपब्लिक के पतन के बाद ईरान अस्थिरता या गृहयुद्ध में नहीं फंसेगा. उन्होंने कहा, 'हमारे पास ईरान के भविष्य के लिए एक शानदार योजना है. हम शासन के पतन के बाद पहले सौ दिनों, संक्रमणकाल और एक राष्ट्रीय व लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना के लिए तैयार हैं जो ईरानी जनता द्वारा और ईरानी जनता के लिए होगी.'

सेना और सुरक्षाबलों से अपील

प्रिंस रेजा ने विशेष रूप से ईरान की सेना, कानून प्रवर्तन बलों, सुरक्षा बलों और सरकारी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे एक ढहते हुए शासन के लिए अपनी जान जोखिम में न डालें.

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ये भी पढ़ें: 'हमारा समय आ गया है...', खामेनेई को बेदखल करने के लिए ईरान के पूर्व राजा के बेटे ने भरी हुंकार

उन्होंने कहा, 'हाल के दिनों में कई सैन्य और सुरक्षा कर्मियों ने मुझे संदेश भेजे हैं. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि जनता के खिलाफ खड़े न हों. आप एक ऐतिहासिक भूमिका निभा सकते हैं. जनता के साथ मिलकर आप न केवल अपनी जान बचा सकते हैं, बल्कि ईरान के भविष्य के निर्माण में भी हिस्सा ले सकते हैं.'

प्रिंस ने अंत में उम्मीद जताई कि एक स्वतंत्र और समृद्ध ईरान हमारा इंतजार कर रहा है. आइए, हम एक साथ खड़े और वह दिन दूर नहीं जब हम सब एक साथ होंगे.

वहीं, उन्होंने एक अन्य पोस्ट में ईरान के लोगों से वादा किया कि वह जल्द ही उन सबके बीच होंगे.

कौन हैं रेजा शाह पहलवी

रेजा शाह पहलवी शाह मोहम्मद रेजा पहलवी के बेटे हैं जो ईरान के राजा थे और उन्होंने 1979 तक ईरान की सत्ता की कमान संभाली थी, लेकिन 37 साल पहले हुई क्रांति ने ईरान के धार्मिक-सामाजिक ताना-बाना पूरी तरह से बदल दिया. क्रांति के परिणामस्वरूप शाह मोहम्मद रेजा पहलवी को जान बचाने के लिए मिस्र भागने पर मजबूर होना पड़ा.

ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष 13 जून से शुरू हुआ, जब इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरान की राजधानी तेहरान समेत नतांज और फोर्डो जैसे सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए. इसके जवाब में ईरान ने 13 जून की आधी रात को ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस के तहत इजरायल के तेल अवीव, हाइफा और कई अन्य शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं थीं. इस हमले में इजरायल में कई लोगों की मौत और कई लोग घायल हो गए, जबकि ईरान में सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों समेत कई लोगों के मारे जा चुके हैं.

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