Russia-Ukraine War: लड़ने-झगड़ने के बाद रूबियो से मिलने को तैयार लावरोव, लेकिन रखी ये शर्त...

अमेरिका और रूस के बीच प्रस्तावित ट्रंप-पुतिन शिखर वार्ता यूक्रेन युद्ध पर रूस की कठोर शर्तों के कारण रद्द हो गई थी. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन उसके हितों का सम्मान होना जरूरी है.

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रूस के विदेश मंत्री हैं सर्गेई लावरोव. (Photo: Reuters) रूस के विदेश मंत्री हैं सर्गेई लावरोव. (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:12 PM IST

यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका और रूस के बीच प्रस्तावित ट्रंप-पुतिन समिट टल गई और बाद में यह कहा जाने लगा कि दोनों नेताओं की मुलाकात ही नहीं हो पाएगी. यूक्रेन में जंग खत्म करने को लेकर फोन पर बातचीत में रूसी विदेश मंत्री लावरोव और अमेरिकी विदेश मंत्री रूबियो के बीच कहासुनी भी हो गई थी. अब लावरोव ने फिर से कहा है कि वह रूबियो से मिलने को तो तैयार हैं लेकिन रूसी इंटरेस्ट को प्राथमिकता देनी होगी.

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अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप-पुतिन बैठक अक्टूबर 2025 के अंत में हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में होनी थी, लेकिन रूस द्वारा तत्काल युद्धविराम से इनकार और यूक्रेन से और अधिक इलाका सौंपने की मांग के बाद इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.

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रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सरकारी समाचार एजेंसी RIA को बताया कि वह अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मिलने को तैयार हैं, लेकिन किसी भी शांति प्रक्रिया में रूस के हितों को ध्यान में रखना जरूरी है. उन्होंने कहा, "हम यूक्रेन मुद्दे पर नियमित संवाद को आवश्यक मानते हैं और जरूरत पड़ने पर आमने-सामने वार्ता के लिए भी तैयार हैं."

जब तक रूस की शर्त पूरी नहीं होती, मुलाकात नहीं होगी

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रूस ने स्पष्ट किया है कि वह तब तक शांति समझौते पर सहमत नहीं होगा जब तक डोनबास क्षेत्र समेत अतिरिक्त यूक्रेनी इलाकों को अपने नियंत्रण में लेने की शर्त पूरी नहीं होती. अमेरिका और यूक्रेन ने मौजूदा मोर्चों पर तत्काल युद्धविराम का प्रस्ताव रखा था, जिसे मॉस्को ने ठुकरा दिया था.

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने बैठक इसलिए रद्द की क्योंकि "यह सही समय नहीं था" और वे "बिना ठोस नतीजे के" चर्चा नहीं करना चाहते थे. ट्रंप ने यह भी कहा कि "रूस अभी रुकना नहीं चाहता."

ट्रंप-पुतिन की मीटिंग भी रही थी बेनतीजा

अगस्त 2025 में अलास्का में हुई ट्रंप-पुतिन वार्ता में भी कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका था. अमेरिकी प्रशासन नहीं चाहता था कि बुडापेस्ट बैठक भी वैसी ही निष्फल साबित हो. बैठक रद्द होने के बाद अमेरिका ने रूसी तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की, जिसे यूक्रेन युद्ध को लेकर मॉस्को पर दबाव बढ़ाने की नई रणनीति के रूप में देखा जा रहा है.

क्रेमलिन ने हालांकि यह खारिज किया कि लावरोव की स्थिति पुतिन के साथ कमजोर हुई है और कहा कि "रूस अपने हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगा."

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