अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई अहम बैठक शुक्रवार को ढाई घंटे से ज्यादा चली और खत्म हुई. इस हाई-प्रोफाइल समिट पर पूरी दुनिया की नजर थी, क्योंकि इसका असर यूक्रेन युद्ध और यूरोप की सुरक्षा स्थिति पर पड़ सकता है. यह पहली बार था जब दोनों नेता 2019 के बाद आमने-सामने मिले. दोनों नेताओं के साथ उनकी हाई-लेवल टीम भी मौजूद थी, जहां "Pursuing Peace" के बैनर लगाए गए थे.
बैठक से पहले ट्रंप ने कहा था कि उनका लक्ष्य युद्ध को तुरंत रोकना और पुतिन से यह वादा लेना है कि वे जल्द ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मिलेंगे. हालांकि, दोनों नेताओं में फिलहाल सीजफायर पर किसी तरह की सहमति नहीं बनी. वहीं पुतिन ने ट्रंप को रूस आने का भी न्यौता दिया है.
ट्रंप और पुतिन के बीच मीटिंग की अहम बातें:
1. मीटिंग को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने माना कि कुछ प्रगति हुई है लेकिन "बड़े मुद्दे" अब भी बाकी हैं. उन्होंने कहा, "कई बिंदुओं पर सहमति बनी है लेकिन कुछ बिंदु बचे हुए हैं. एक मुद्दा सबसे अहम है, पर मैं अभी उसे बताऊंगा नहीं." उन्होंने कहा कि वे जल्द ही जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से बात करेंगे. ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि उनकी पुतिन से अगली मुलाकात "शायद" मॉस्को में हो सकती है.
2. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वे युद्ध खत्म करने के लिए "ईमानदारी से इच्छुक" हैं, लेकिन पहले "संघर्ष के मुख्य कारणों" को सुलझाना होगा. उन्होंने चेतावनी दी कि यूक्रेन और यूरोप बातचीत को "साबोटाज" न करें. पुतिन ने ट्रंप के साथ रिश्ते को "बिजनेस-लाइक" बताया और दोहराया कि अगर ट्रंप 2020 के बाद भी राष्ट्रपति रहते तो यह युद्ध शुरू ही नहीं होता.
3. प्रेस कॉन्फ्रेंस के आखिर में पुतिन ने अंग्रेजी में ट्रंप को मॉस्को आने का न्योता दिया. ट्रंप ने कहा यह "दिलचस्प" है और "संभव" भी, हालांकि उन्होंने माना कि इस पर उन्हें आलोचना झेलनी पड़ सकती है.
4. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप की "फ्रेंडली" टोन की तारीफ करते हुए कहा कि अमेरिका और रूस को "नया पन्ना खोलकर" सहयोग की ओर बढ़ना चाहिए. उन्होंने ट्रंप को ऐसा नेता बताया जो "स्पष्ट सोच" रखते हैं और अपने देश की समृद्धि की चिंता करते हैं.
5. बैठक के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान दिए लेकिन प्रेस के सवाल नहीं लिए. पुतिन ने इसे "समझौते की शुरुआत" कहा, लेकिन उन्होंने भी सहमतियों को लेकर किसी तरह की बात नहीं की.
6. बैठक के बाद पुतिन ने अलास्का में उन सोवियत पायलटों की कब्र पर फूल चढ़ाए जो वर्ल्ड वॉर II के दौरान ट्रेनिंग और लेंड-लीज प्रोग्राम के तहत विमान उड़ाते समय मारे गए थ.
7. मूल रूप से वन-ऑन-वन तय हुई बातचीत बाद में 3-on-3 सेशन बनी. इसमें अमेरिकी ओर से मार्को रुबियो और स्टीव विटकॉफ़, जबकि रूस की ओर से सर्गेई लावरोव और यूरी उशाकोव शामिल हुए. यह 2018 की हेलसिंकी बैठक की तुलना में अधिक सावधानी भरा कदम माना गया.
8. अलास्का की स्ट्रेटिजक बेस और रूस के नजदीक स्थित जगह ने इस मुलाकात को और प्रतीकात्मक बना दिया. वहीं, यूक्रेन अब भी भारी बमबारी और 600 मील लंबे मोर्चे पर कठिन युद्ध का सामना कर रहा है.
9. जेलेंस्की इस बैठक का हिस्सा नहीं थे. उन्होंने वीडियो संदेश में कहा, "हर कोई युद्ध का ईमानदार अंत चाहता है. यूक्रेन इसके लिए तैयार है, लेकिन युद्ध इसलिए खिंच रहा है क्योंकि मास्को से कोई संकेत नहीं है कि वह इसे खत्म करना चाहता है."
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