ट्रंप आज करेंगे सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा की मेजबानी, कभी US के टेररिस्ट लिस्ट में था नाम

सीरिया में बशर अल-असद सरकार के पतन से पहले अहमद अल-शरा (जिन्हें अबू मोहम्मद अल-गोलानी नाम से जाना जाता था) हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के लीडर थे, जो उत्तर-पश्चिमी सीरिया के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखता था. यह संगठन पूर्व में अल-कायदा का सहयोगी था, लेकिन बाद में अलग हो गया. एचटीएस और आईएसआईएस प्रतिद्वंद्वी थे.

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डोनाल्ड ट्रंप ऐतिहासिक बैठक के लिए वाशिंगटन में सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल शारा का स्वागत करेंगे. (Photo: AP) डोनाल्ड ट्रंप ऐतिहासिक बैठक के लिए वाशिंगटन में सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल शारा का स्वागत करेंगे. (Photo: AP)

aajtak.in

  • वाशिंगटन,
  • 10 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:27 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज व्हाइट हाउस में सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा (अबू मोहम्मद अल-जुलानी) की मेजबानी करेंगे. वह 1946 में सीरिया की आजादी के बाद वाशिंगटन आने वाले पहले सीरियाई राष्ट्राध्यक्ष हैं. दो दशक पहले तक अहमद अल-शरा वैश्विक आतंकी संगठन अल-कायदा के संपर्क में थे और इराक में अमेरिकी सेना के खिलाफ लड़ते हुए पकड़े गए थे. उन्हें बगदाद के पास एक अमेरिकी डिटेंशन सेंटर में रखा गया था, जहां से वह भागने में सफल रहे थे. 

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हालांकि, वर्षों पहले उन्होंने अल-कायदा से नाता तोड़ लिया था और सीरिया में बशर अल-असद सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम का नेतृत्व किया. एक साल पहले तक अमेरिका हयात तहरीर अल-शाम को अल-कायदा का सीरियाई विंग मानता था और इस पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित कर रखा था. अल-शरा की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने उनके उपर लगे सभी प्रतिबंध हटा लिए. उसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने भी अपनी ग्लोबल टेररिस्ट लिस्ट से उनका नाम हटा दिया. 

यह भी पढ़ें: UN सिक्योरिटी काउंसिल ने सीरिया के राष्ट्रपति से हटाए प्रतिबंध, जल्द ट्रंप से मिलेंगे अहमद अल-शरा

विरोधी देशों से संबंध सुधार रहे अल-शरा

दिसंबर 2024 में उनके नेतृत्व वाली विद्रोही सेनाओं ने बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल करने में कामयाबी पाई. सीरिया में नई सरकार का गठन हुआ और अहमद अल-शरा राष्ट्रपति बने. तब से वे उन देशों के साथ नए संबंध स्थापित करने की कूटनीतिक कोशिशों में जुटे हैं, जिन्होंने 2011 में असद सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर क्रूर कार्रवाई के बाद शुरू हुए 14 वर्षीय गृहयुद्ध के कारण सीरिया का बहिष्कार किया था. अल-शरा इस साल मई में सऊदी अरब में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिले थे, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीरिया से दशकों पुराने आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंध हटाने की घोषणा की थी.

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एंटी-IS अलायंस में शामिल होगा सीरिया

व्हाइट हाउस में दोनों की फिर मुलाकात होगी, जहां सीरिया के अमेरिकी नेतृत्व वाले इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) विरोधी गठबंधन में आधिकारिक रूप से शामिल होने की उम्मीद है. यह गठबंधन अमेरिका के नेतृत्व में 88 देशों का एक समूह है जिसकी स्थापना 2014 में इराक और सीरिया के कुछ हिस्सों में आईएसआईएस के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए की गई थी. ISIS ने वर्षों पहले सीरिया और इराक के सभी क्षेत्रों में नियंत्रण खो दिया, लेकिन उसके सेल अब भी दोनों देशों और विदेश में हमले कर रहे हैं. यूएस सेंट्रल कमांड की प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कमांडर एमिली पंपफ्री ने बताया कि इस साल ISIS ने अब तक सीरिया में 311 और इराक में 64 हमले किए हैं.

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USA दमिश्क में सैन्य बेस बना सकता है

राष्ट्रपति ट्रंप और अल-शरा की मुलाकात के दौरान वाशिंगटन द्वारा दमिश्क के पास एक एयरबेस पर अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की घोषणा की जा सकती है, जो सीरिया को लेकर अमेरिका की नीति में एक बहुत बड़ा बदलाव होगा. इस समझौते के अलावा, अल-शरा सीजर एक्ट के पूर्ण निरस्तीकरण की मांग करेंगे, जो सीरिया पर व्यापक आर्थिक प्रतिबंध लगाता है. वर्तमान में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश से यह एक्ट अस्थायी रूप से निलंबित है, लेकिन इसे स्थायी रूप से हटाने के लिए अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी जरूरी है. अहमद अल-शरा यह अमेरिका दौरा सीरिया के पुनर्निर्माण और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है.

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