थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लड़ाई बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रही. इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो इस संघर्ष को रोकने के लिए फोन कॉल करेंगे. जुलाई में इन्हीं दो एशियाई पड़ोसी देशों के बीच पांच दिन की लड़ाई खत्म कराने के लिए ट्रंप ने ही संघर्षविराम समझौता करवाया था. और अब फिर से दोनों देश एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं.
विवादित सीमा पर शुरू झड़पों को लेकर दोनों ही देश एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और कह रहे हैं कि लड़ाई जारी रहेगी. इस लड़ाई में दोनों ही पक्षों से सैनिकों और नागरिकों के हताहत होने की खबरें लगातार आ रही हैं.
मंगलवार को कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सोमवार से अब तक नौ नागरिक मारे गए हैं और 20 घायल हुए हैं. वहीं थाई सेना ने कहा कि झड़पें दोबारा शुरू होने के बाद से उसके चार सैनिक मारे गए और 68 घायल हुए हैं.
दोनों देशों के बीच हालिया लड़ाई रविवार रात को शुरू हुई जिससे दोनों देशों की सीमा के पास रहने वाले लाखों लोगों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा. जुलाई में पांच दिनों तक चली झड़पों के बाद दोनों देशों के बीच जो नाजुक शांति बनी थी, रविवार को वो एक झटके में टूट गई.
जुलाई की लड़ाई में दोनों तरफ से रॉकेट और भारी तोपों का इस्तेमाल हुआ था, और सीमा पर जमीन को लेकर पुराना विवाद फिर भड़क उठा था. उस समय कम से कम 48 लोग मारे गए और 3 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए थे. बाद में मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से युद्धविराम हुआ था.
पिछले महीने एक लैंडमाइन विस्फोट में थाईलैंड का एक सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसके बाद थाईलैंड ने साफ कर दिया था कि वो युद्धविराम समझौते को लागू नहीं करेगा.
थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नवीराकुल ने कहा कि कंबोडिया ने बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है और लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा, 'हमें वही करना है जो जरूरी है. सरकार सेना के सभी ऑपरेशनों को पूरा समर्थन देगी.'
थाई सेना का कहना है कि मंगलवार को कंबोडिया ने तोपखाने, रॉकेट और ड्रोन से उनके ठिकानों पर हमला किया.
कंबोडिया के शक्तिशाली सीनेट अध्यक्ष हून सेन ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि उनकी सेना ने सोमवार को जवाबी फायरिंग से बचने की कोशिश की, लेकिन रात में मजबूर होकर हमला करना पड़ा.
उन्होंने कहा कि जहां-जहां थाई सेना आगे बढ़ रही है, उन इलाकों को कंबोडिया निशाना बना रहा है ताकि दुश्मन की ताकत को कमजोर और नष्ट किया जा सके.
उन्होंने कहा, 'कंबोडिया शांति चाहता है, लेकिन अपनी जमीन की रक्षा के लिए लड़ने पर मजबूर है.'
दोनों देश एक-दूसरे पर पहले गोली चलाने का आरोप लगा रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आए दिन दुनिया में आठ युद्ध रुकवाने का दावा करते रहते हैं जिनमें से एक जुलाई का थाईलैंड-कंबोडिया युद्ध भी है. लेकिन रविवार को दोनों देशों ने संघर्षविराम को ताक पर रख एक-दूसरे पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी.
अमेरिकी विदेश विभाग ने दोनों देशों के बीच फिर से शुरू हिंसा पर चिंता जताते हुए तुरंत युद्धविराम की अपील की है. लेकिन थाईलैंड ने साफ कर दिया है कि अब कूटनीति के लिए कोई जगह नहीं बची है.
थाई नौसेना ने कहा कि ट्राट प्रांत में कंबोडियाई सैनिक उनकी जमीन पर घुस आए हैं जहां वे स्नाइपर्स और भारी हथियार तैनात कर रहे हैं, और खाइयां खोद रहे हैं. नौसेना ने इसे 'थाई संप्रभुता के लिए सीधा खतरा' बताया है.
थाई विदेश मंत्री सीहासक फुआंगकेटकिओ ने कहा कि कंबोडिया 'शांति वार्ता के लिए तैयार नहीं' है.
उन्होंने कहा, 'कूटनीति तभी काम करती है जब उसके लिए माहौल हो. अभी फिलहाल कोई ऐसा माहौल नहीं है.'
हालांकि बाद में कंबोडिया ने कहा कि वो तत्काल द्विपक्षीय बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन शुरुआत थाईलैंड को करनी चाहिए.
जिस संघर्षविराम समझौते की ट्रंप ने मध्यस्थता की थी, उसके टूटने पर उन्होंने टिप्पणी की है. मंगलवार को उन्होंने कहा कि वो थाईलैंड और कंबोडिया के बीच फिर भड़की लड़ाई को रोकने के लिए उन्हें फोन करेंगे.
पेंसिल्वेनिया में एक रैली को संबोधित करते हुए ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि 'दस महीनों में मैंने आठ युद्ध खत्म कर दिए.' और इसके उदाहरण के तौर पर कोसोवो–सर्बिया, पाकिस्तान–भारत और इजरायल–ईरान के बीच तनावों का जिक्र किया.
दक्षिण-पूर्व एशिया के विवादित सीमा क्षेत्र में दोबारा झड़पें शुरू होने की बात स्वीकार करते हुए ट्रंप ने इशारा किया कि वो एक बार फिर हालात शांत कराने के लिए आगे आएंगे.
उन्होंने भीड़ से कहा, 'मुझे यह कहने में अच्छा तो नहीं लग रहा है लेकिन कंबोडिया–थाईलैंड नाम की यह लड़ाई आज फिर शुरू हो गई है. कल मुझे इसे लेकर फोन करना ही पड़ेगा. मेरे अलावा और कौन ये बात कह सकता है कि- मैं एक फोन कॉल करूंगा और दो बहुत ताकतवर देशों- थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहा युद्ध रोक दूंगा.'
दोनों देशों के अनुसार, हिंसा की वजह से बड़ी संख्या में लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं. थाईलैंड का कहना है कि उसकी तरफ से 4 लाख लोग अपने घरों से निकाले गए हैं जबकि कंबोडिया का दावा है कि लगभग 55,000 लोग विस्थापित हुए हैं.
थाईलैंड ने सीमा के चार प्रांतों में लगभग 500 अस्थायी शिविर स्थापित किए हैं. दोनों तरफ के राहत केंद्र भरे हुए हैं और लोग नहीं जानते कि वो कब वापस लौट पाएंगे. अभी तक दोनों देशों में लड़ाई रोकने का कोई संकेत नहीं दिख रहा.
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