सोमवार देर रात बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के ग्रामीण बैंक के मुख्यालय के बाहर अज्ञात हमलावरों ने हमला कर दिया. हमला क्रूड बमों से किया गया जिससे विस्फोट की खबरें हैं. राजधानी ढाका में बढ़ते राजनीतिक तनाव और छिटपुट हिंसा की घटनाओं के बीच यह नया हमला हुआ है.
सोमवार तड़के शरारती तत्वों ने यूनुस के एक सलाहकार के बिजनेस आउटलेट्स के सामने भी बम फोड़े और राजधानी में दो बसों को आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने बताया कि ग्रामीण बैंक और मत्स्य व पशुपालन सलाहकार फरीदा अख्तर के स्वामित्व वाले 'प्रबर्तन' नामक आउटलेट के सामने हुए इन हमलों में कोई हताहत नहीं हुआ.
मीरपुर थाने के प्रभारी अधिकारी ने बताया, 'ग्रामीण बैंक के सामने सुबह करीब 3.45 बजे बम का धमाका हुआ. अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन हम बदमाशों की तलाश में अभियान चला रहे हैं.'
यूनुस ने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी और 2006 में गरीबी उन्मूलन और महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान के लिए नोबेल शांति पुरस्कार जीता था.
पुलिस के अनुसार, मोहम्मदपुर इलाके में स्थित 'प्रबर्तन' के सामने सुबह करीब 7:10 बजे दो मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने क्रूड बम फेंके, जो जोरदार धमाके के साथ फटे. इनमें से एक बम आउटलेट के परिसर के भीतर भी गिरा.
इस बीच, पुलिस ने बताया कि अज्ञात बदमाशों ने शहर के पॉश इलाके धनमंडी में भी दो स्थानों पर बम विस्फोट किए.
मोटरसाइकिल सवारों ने इब्ने सीना अस्पताल (जिसे जमात-ए-इस्लामी से जुड़ा बताया जाता है) के पास दो बम और एक प्रमुख चौराहे पर दो और बम फोड़े.
इसके अलावा, ओल्ड ढाका इलाके में एक 50 साल के 'लिस्टेड अपराधी' को एक अस्पताल के सामने गोली मार दी गई. पुलिस ने बताया कि वो हमलावरों की पहचान के लिए सुराग तलाश रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, अपराधी 2023 में हुए एक हमले से बाल-बाल बचा था, और उससे तीन महीने पहले ही 26 साल जेल में बिताने के बाद जमानत पर रिहा हुआ था.
इन घटनाओं के बीच पुलिस ने राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी है, क्योंकि 13 नवंबर को बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ गैरहाजिरी में चल रहे मुकदमे में फैसला सुनाने की तारीख तय करेगा.
ICT-BD के अभियोजन पक्ष ने हसीना के लिए फांसी की सजा की मांग की है, खासकर पिछले साल के छात्र आंदोलन 'जुलाई विद्रोह' को बेरहमी से कुचलने की कोशिश के लिए. इस विद्रोह के कारण आवामी लीग की सरकार गिर गई थी और शेख हसीना को बांग्लादेश से भागकर भारत में शरण लेनी पड़ी थी.
पिछले कई महीनों से ढाका की सड़कों पर बार-बार 'फ्लैश मार्च' देखे जा रहे हैं, जिसमें हसीना के समर्थक अचानक निकलकर प्रदर्शन करते हैं और फिर गायब हो जाते हैं.
पुलिस का कहना है कि अब तक प्रतिबंधित पार्टी आवामी लीग के 3,000 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है और बाकियों की गिरफ्तारी का अभियान जारी है.
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