बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है. गंभीर रूप से बीमार पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान 17 साल के आत्मनिर्वासन के बाद 25 दिसंबर को बांग्लादेश लौटेंगे. यह जानकारी BNP ने शुक्रवार को दी. तारिक रहमान की वापसी की घोषणा ऐसे समय हुई है, जब देश में आगामी आम चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है और राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं.
BNP महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने पार्टी की स्थायी समिति की बैठक के बाद मीडिया से कहा, "हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 25 दिसंबर को ढाका लौट रहे हैं. पार्टी उनका स्वागत करती है." तारिक रहमान पिछले 17 वर्षों से लंदन में रह रहे हैं और पार्टी का संचालन वर्चुअल माध्यम से कर रहे थे.
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यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब 80 वर्षीय खालिदा जिया की हालत बेहद नाज़ुक बनी हुई है. उन्हें कई स्वास्थ्य जटिलताओं के चलते 23 नवंबर से ढाका के एवरकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गुरुवार को उनकी हालत और बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा, ताकि उनके फेफड़ों और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को आराम दिया जा सके.
... तो प्रधानमंत्री का चेहरा हो सकते हैं तारिक रहमान
BNP पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि यदि खालिदा जिया शारीरिक रूप से प्रधानमंत्री पद संभालने में असमर्थ होती हैं, तो पार्टी के सत्ता में आने की स्थिति में तारिक रहमान को प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है. ऐसे में उनकी वापसी को सिर्फ पारिवारिक नहीं, बल्कि रणनीतिक राजनीतिक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है.
छात्र आंदोलन के बाद से बांग्लादेश में अंतरिम सरकार
गौरतलब है कि बांग्लादेश का राजनीतिक हालात अगस्त 2024 में बड़े बदलाव से गुजरा था, जब छात्र-नेतृत्व वाले हिंसक प्रदर्शनों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार सत्ता से बाहर हो गई. इसके बाद BNP एक बार फिर प्रमुख दावेदार के रूप में उभरी है. फिलहाल मोहम्मद यूनुस की अगुवाई मे यहां अंतरिम सरकार काम कर रही है.
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चुनाव आयोग ने देश के 13वें संसदीय चुनाव 12 फरवरी को कराने की घोषणा की है. ऐसे में तारिक रहमान की वापसी न केवल BNP को नई ऊर्जा दे सकती है, बल्कि आने वाले चुनावों में सत्ता संतुलन को भी निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकती है.
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