PM मोदी ने बदली वर्ल्ड ऑर्डर की शक्ल, ट्रंप को आ गई अक्ल? बहुत कुछ कहती है US एंबेसी की पोस्ट और उसकी टाइमिंग!

ट्रंप की आक्रामक टैरिफ पॉलिसी के बाद भारत ने जब वैकल्पिक उपायों की तलाश शुरू की तो वाशिंगटन के रणनीतिकारों को ये सोचने पर विवश होना पड़ा कि भारत को अपनी हांका नहीं जा सकता है. भारत सोमवार सुबह चीन में नए वर्ल्ड ऑर्डर की बुनियाद रख रहा था तो उसी समय रिलीज किया गया अमेरिकी दूतावास का एक पोस्ट पावर बैलेंस की रोचक कहानी कहता है.

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PM मोदी ने SCO संबोधन में नए वर्ल्ड ऑर्डर की वकालत की है. (Photo: ITG) PM मोदी ने SCO संबोधन में नए वर्ल्ड ऑर्डर की वकालत की है. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST

चीन में SCO शिखर सम्मेलन के बैनर तले जब दुनिया की तीन महाशक्तियां मिल रही हैं तो इसका प्रभाव अमेरिका तक देखने को मिल रहा है. भारत, चीन और रूस के राष्ट्राध्यक्षों पीएम मोदी, राष्ट्रपति जिनपिंग और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात के बीच भारत में अमेरिकी दूतावास की ओर से एक बेहद अहम पोस्ट किया गया है. इस ट्वीट की टाइमिंग और इसका कंटेट भारत-अमेरिका संबंधों के लिए निर्णायक है. 

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भारत में अमेरिकी दूतावास की ओर से किए गए इस पोस्ट में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है, जो 21वीं सदी का एक निर्णायक रिश्ता है. अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि यह हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच की स्थायी मित्रता ही है जो इस यात्रा को ऊर्जा प्रदान करती है. 

इस पोस्ट में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो का एक बयान भी है. इसमें उन्होंने कहा है कि भारत और अमेरिका के लोगों के बीच गहरी दोस्ती हमारे संबंधों का आधार है. 

The partnership between the United States and India continues to reach new heights — a defining relationship of the 21st century. This month, we’re spotlighting the people, progress, and possibilities driving us forward. From innovation and entrepreneurship to defense and… pic.twitter.com/tjd1tgxNXi

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— U.S. Embassy India (@USAndIndia) September 1, 2025

भारत में अमेरिकी दूतावास का ये ट्वीट तब आया है जब सोमवार सुबह ही चीन में पीएम मोदी, राष्ट्रपति जिनपिंग और राष्ट्रपति पुतिन की गर्मजोशी भरी मुलाकात हुई है. ये मुलाकात तब हो रही है जब ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी का हैवी टैरिफ लगाया है और ट्रंप के सलाहकार और रणनीतिकार भारत के खिलाफ सख्त बयान दे रहे हैं. 

चीन के तियानजिन में पीएम मोदी, राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात की चर्चा दुनिया की राजनीति और कूटनीति को प्रभावित करने वाले हर देश की राजधानियों में हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (1 सितंबर 2025) सुबह को SCO के संबोधन में कहा कि ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को आउटडेटेड फ्रेमवर्क्स में कैद रखना भावी पीढ़ियों के प्रति घोर अन्याय है. उन्हें दुनिया को बदलाव को स्वीकार करने का संदेश देते हुए कहा कि नई पीढ़ी के बहुरंगी सपनों को हम पुराने जमाने की ब्लैक-एंड व्हाइट स्क्रीन पर नहीं दिखा सकते. इसके लिए स्क्रीन बदलनी होगी. 

तियानजिन में पीएम मोदी, राष्ट्रपति जिनपिंग और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात (Photo: ITG)

प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में रिफॉर्म्स का आह्वान करते हुए कहा कि इसकी 80वीं वर्षगांठ पर हम इसकी शुरुआत कर सकते हैं. 

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SCO में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भी गर्मजोशी भरी मुलाकात की. पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन एक ही कार में बैठकर मीटिंग वैन्यू तक पहुंचे.

इसके बाद अमेरिकी दूतावास से ये ट्ववीट आया है. अमेरिकी दूतावास ने इस ट्वीट में भारत के साथ व्यापारिक साझीदारी की दुहाई दी है. इस पोस्ट में भारत में अमेरिकी दूतावास ने लिखा है, "संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है — जो 21वीं सदी का एक निर्णायक रिश्ता है. इस महीने हम उन लोगों, प्रगति और संभावनाओं पर प्रकाश डाल रहे हैं जो हमें आगे बढ़ा रहे हैं. नवाचार और उद्यमिता से लेकर रक्षा और द्विपक्षीय संबंधों तक, यह हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच की स्थायी मित्रता ही है जो इस यात्रा को ऊर्जा प्रदान करती है."

आगे इस पोस्ट में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो का बयान है. इस बयान में रुबियो ने कहा है कि, 'दोनों देशों के लोगों के बीच स्थायी मैत्री हमारे सहयोग का आधार है और यह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है, क्योंकि हम अपने आर्थिक संबंधों की अपार संभावनाओं को साकार करते हैं.'

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने SCO के संबोधन में अमेरिका का नाम लिए बिना 'चौधराहट''शीत युद्ध मानसिकता' और 'धमकाने वाली प्रथाओं'
का विरोध करने का संदेश दिया. उन्होंने कहा, "हमें विश्व के एक समान और व्यवस्थित बहुध्रुवीय स्वरूप, तथा सभी के लिए लाभकारी और समावेशी आर्थिक वैश्वीकरण की वकालत करनी चाहिए और वैश्विक शासन प्रणाली को अधिक न्यायसंगत और समतापूर्ण बनाना चाहिए."

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शी जिनपिंग की भावनाओं से सहमति जताते हुए रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने SCO से यूरोप और एशिया में सुरक्षा की एक "नई प्रणाली" बनाने का आह्वान किया. उन्होंने इसे पश्चिमी नेतृत्व वाले गठबंधनों के विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया, जिसका वे लंबे समय से विरोध करते रहे हैं. 

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