पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के रेजिनगर में बाबरी मस्जिद शैली की प्रस्तावित मस्जिद को लेकर बड़ा विवाद और बड़ी हलचल दोनों चल रही हैं. सस्पेंड टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा घोषित इस मस्जिद निर्माण अभियान को जनता की ओर से भारी समर्थन मिल रहा है.
अब तक 1.30 करोड़ रुपये से ज्यादा दान इकट्ठा हो चुका है और खास बात यह है कि अभी सात दान बॉक्स खुले भी नहीं हैं.
कबीर के करीबी नेताओं के अनुसार, चार बॉक्स और एक बोरी में रखे कैश का काउंटिंग किया गया, जिसमें कुल 37.33 लाख रुपये निकले. इसके अलावा QR कोड के जरिए 93 लाख रुपये लोगों ने ऑनलाइन भेजे हैं.
दान की लाइव काउंटिंग रविवार रात 7 बजे शुरू हुई और आधी रात तक चली. 30 लोगों की टीम मशीनों से नोट गिन रही थी, और पारदर्शिता दिखाने के लिए इसे लाइव स्ट्रीम किया गया.
6 दिसंबर को, बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी वाले दिन, कबीर ने कड़ी सुरक्षा के बीच मस्जिद की नींव रखी थी. इस मौके पर लगभग 40 हजार लोग जुटे थे और कार्यक्रम में शाही बिरयानी भी परोसी गई थी.
कबीर ने मंच पर यह अपील की थी कि लोग दान दें और मस्जिद निर्माण में सहयोग करें. 11 बड़े स्टील बॉक्स उसी दिन लगाए गए थे.
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स्थानीय लोगों के मुताबिक, नींव रखने के बाद भी लोग लगातार दान देने पहुंच रहे हैं. कई लोग कैश के साथ ईंट और निर्माण सामग्री तक दे रहे हैं. दान की मात्रा ने कबीर को भी हैरान कर दिया है. उनका कहना है कि देश के बाहर से भी दान आया है, और यह प्रतिक्रिया उम्मीद से कहीं ज्यादा है.
राजनीतिक माहौल में भी यह मामला बड़ा विवाद बन गया है. टीएमसी ने कबीर से दूरी बना ली और उन्हें सस्पेंड कर दिया, लेकिन कबीर का कहना है कि यह मस्जिद हर हाल में बनेगी.
उन्होंने 22 दिसंबर को नई राजनीतिक पार्टी बनाने और 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का भी ऐलान कर दिया है.
अब प्रशासन के सामने चुनौती है कि इतनी बड़ी नकद राशि को सुरक्षित कैसे रखा जाए. टीम ने इसे CCTV लगे एक सुरक्षित कमरे में शिफ्ट करने की तैयारी कर ली है और बैंकों से भी बातचीत जारी है.
सियासी तापमान बढ़ा हुआ है, और रेजिनगर की यह मस्जिद अब चुनावी माहौल में एक बड़े धार्मिक और राजनीतिक प्रतीक के रूप में देखी जा रही है.
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