EXCLUSIVE: फतेहपुर में जिस जगह पर बना अब्दुल समद का मकबरा, वो जमीन किसकी? जानिए क्या कहते हैं सरकारी दस्तावेज

Fatehpur News: मुस्लिम पक्ष कहता है कि यह औरंगजेब के फौजदार अब्दुल समद और उसके बेटे अबू बकर का मकबरा है. जबकि, हिंदू पक्ष इसके मंदिर होने का दावा करता है. तो ऐसे में आइए जानते हैं आखिर क्या है यह पूरा विवाद? साथ ही कैसे यह मकबरा मंगी राष्ट्रीय संपत्ति घोषित हुआ. 

Advertisement
फतेहपुर अब्दुल समद कब्र विवाद (फोटो-पीटीआई) फतेहपुर अब्दुल समद कब्र विवाद (फोटो-पीटीआई)

संतोष शर्मा

  • फतेहपुर ,
  • 13 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 5:41 PM IST

यूपी के फतेहपुर में मकबरे को मंदिर मानकर पूजा अर्चना के बाद बवाल खड़ा हो गया. हिंदू पक्ष कहता है कि यह जमीन हिंदुओं की है और मकबरा पूर्व में भगवान कृष्ण व शिव का मंदिर था. वहीं, मुस्लिम पक्ष कहता है कि यह औरंगजेब के फौजदार अब्दुल समद और उसके बेटे अबू बकर का मकबरा है. तो ऐसे में आइए जानते हैं आखिर क्या है यह पूरा विवाद? साथ ही कैसे यह मकबरा मंगी राष्ट्रीय संपत्ति घोषित हुआ. 

Advertisement

बात ब्रिटिश हुकूमत के समय की है. साल 1927 और 28 में फतेहपुर की कुल 28 बीघा जमीदारी को लेकर दो जमींदार परिवारों- लाल गिरधारी लाल रस्तोगी और मानसिंह परिवार के बीच जमींदारी बंटवारे एक वाद दायर हुआ. 14 अगस्त 1928 को तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत की कोर्ट से गाटा संख्या- 751/ 752/754 लाल गिरधारी लाल रस्तोगी को दिया गया और गाटा संख्या- 753 मानसिंह परिवार को दिया गया. गाटा संख्या- 753 का कुल क्षेत्रफल 1.7650 हेक्टेयर था. यानी 1 लाख 89,983 स्क्वायर फीट. 

यह भी पढ़ें: फतेहपुर के जिस मकबरे को मंदिर बताकर हिंदू संगठनों ने काटा बवाल, जानिए उसका पूरा इतिहास

30 दिसंबर 1970 को मानसिंह परिवार के वंशज नरेश्वर मानसिंह की पत्नी शकुंतला मानसिंह ने यह 753 गाटा संख्या रामनरेश सिंह को बेच दी. रामनरेश सिंह ने इस जमीन पर प्लाटिंग कर दी. 10 जुलाई 2014 को एसडीम फतेहपुर की जांच रिपोर्ट के अनुसार रामनरेश सिंह ने 1.5890 हेक्टर जमीन प्लाटिंग कर लोगों को बेची थी. 

Advertisement

मुस्लिम पक्ष, जिसका कहना है कि यह औरंगजेब के फौजदार अब्दुल समद और उसके बेटे अबू बकर का मकबरा है उसने एसडीएम कोर्ट में साल 2007 में एक वाद दायर किया. वाद संख्या- 26 /2007 मुस्लिम पक्ष की तरफ से मोहम्मद अनीस ने रामनरेश सिंह पर यह बाद दायर किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए 20 अप्रैल 2012 को रामनरेश सिंह का नाम निरस्त करते हुए इस पर मंगी मकबरा राष्ट्रीय संपत्ति मुतवल्ली मोहम्मद अनीस निवासी अबू नगर का नाम दर्ज हुआ. मौजूदा समय में फतेहपुर के भू राजस्व अभिलेखों में गाटा संख्या- 753 पर मंगी मकबरा (राष्ट्रीय संपत्ति) मुतवल्ली मोहम्मद अनीस का नाम दर्ज है.

ल 2019 में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में इस वक्फ प्रॉपर्टी को वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज कराया गया, जिसमें वक्फ, मकबरा अब्दुल समद और अबू मोहम्मद के नाम पर वक्फ नंबर- 1635 जिला फतेहपुर के तौर पर दर्ज हुआ और जिसका मुतवल्ली मोहम्मद अनीस के बाद उसके बेटे अबू हुरैरा को बनाया गया. 

दरअसल, इस मामले में मोहम्मद अनीस की तरफ से 29 अगस्त 2013 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका डाली गई जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस डिवाइस चंद्रचूड़ द्वारा फतेहपुर जिला प्रशासन को जांच अवैध कब्जे को रोकने का आदेश दिया गया. मोहम्मद अनीस ने हाईकोर्ट में याचिका डाली कि गाटा संख्या- 753 की जमीन पर कुछ लोग अवैध कब्जा कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने इस मामले पर जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'SP साहब... हिम्मत है तो गोली चलवाकर देखिएगा', BJP जिलाध्यक्ष का VIDEO वायरल, फतेहपुर बवाल से ठीक पहले पुलिस को दिया था चैलेंज

एसडीम फतेहपुर की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि केस से पहले गाटा संख्या- 753 पर रामनरेश सिंह ने प्लाटिंग कर जमीनें बेच दी है. एसडीएम की जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि 753 गाटा संख्या की कुल जमीन 1.7650 हेक्टेयर है, जिसमें 0.5890 हेक्टेयर पर मकान बन चुके हैं. 1.000 हेक्टेयर पर नींव खुदी है. 0.0600 पर मंगी मकबरा बना है और 0.1160 हेक्टर जमीन यानी लगभग 12486 स्क्वायर फीट जमीन खाली पड़ी है. खाली जमीन पर मुतवल्ली अनीस अहमद का कब्जा है. 

यह भी पढ़ें: 'बवाल करने वाले मुसलमान होते तो छाती पर गोली मार देते', फतेहपुर मकबरा-मंदिर विवाद पर बोले कांग्रेस सांसद इमरान मसूद

गौरतलब है कि फतेहपुर के अबू नगर इलाके में एक मंदिर और मकबरे को लेकर चल रहा विवाद तनाव में बदल गया है. हिंदू संगठन इस मकबरे को भगवान शिव और श्रीकृष्ण का मंदिर होने का दावा कर रहे हैं. जबकि, मुस्लिम पक्ष इसे नवाब अब्दुल समद का मकबरा बता रहा है. इस बीच बीते सोमवार को सैकड़ों की संख्या में हिंदू पक्ष के लोग मकबरे में घुस गए और वहां तोड़फोड़ कर दी. इस घटना के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया. हालात को देखते हुए मौके पर भारी फोर्स तैनात कर दी गई, साथ ही बवालियों पर एक्शन लिया गया. दर्जनों लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है, जिसमें बीजेपी, सपा और हिंदू संगठनों से जुड़े लोग शामिल हैं. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement