यूपी में संगठन से सरकार तक बदलाव की बयार, मकर संक्राति के बाद होगा बड़ा ऐलान

यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद बीजेपी अब संगठन से सरकार तक बड़े बदलाव की तैयारी में है. योगी कैबिनेट का विस्तार मकर संक्रांति के बाद हो सकता है, जिसमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के साथ ही पश्चिम का प्रतिनिधित्व बढ़ सकता है.

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सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी बीजेपी के अध्यक्ष पंकज चौधरी (PhotoITG) सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी बीजेपी के अध्यक्ष पंकज चौधरी (PhotoITG)

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 31 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:29 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी. नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद अब संगठन से सरकार तक, बड़े बदलाव की बयार नजर आ रही है. संकेत यही हैं कि यूपी बीजेपी से लेकर सरकार तक, बड़े बदलाव होंगे और ये बदलाव मकर संक्रांति के बाद देखने को मिल सकते हैं.

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नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद यूपी बीजेपी की पहली कोर कमेटी की बैठक मंगलवार शाम पांच कालिदास मार्ग पर हुई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही दोनों उपमुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री की मीटिंग के बाद पार्टी संगठन और मंत्रिमंडल में फेरबदल के कयास तेज हो गए हैं. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी प्रदेश संगठन में जल्द ही बदलाव होगा. नई कार्यकारिणी का गठन भी होगा और मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो सकता है.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ लोगों को सरकार से संगठन और कुछ को संगठन से सरकार में भेजा जा सकता है. योगी मंत्रिमंडल में 54 मंत्री बनाए गए थे 6 पद खाली थे लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव के बाद योगी सरकार के दो मंत्रियों को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिल गई थी. जितेंद्र प्रसाद और अनूप प्रधान को केंद्र में मंत्री बनाए जाने के बाद योगी मंत्रिमंडल में दो और पद खाली हो गए.

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माना जा रहा है कि पंकज चौधरी से पहले यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे भूपेंद्र चौधरी को योगी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. संगठन में रहे कुछ अन्य मजबूत चेहरों को भी योगी कैबिनेट में जगह मिल सकती है. कुछ राज्यमंत्रियों का कद बढ़ाकर स्वतंत्र प्रभार का दर्जा दिया जा सकता है. बोर्ड और निगमों में भी कई चेहरों का समायोजन हो सकता है. माना जा रहा है कि पश्चिम की भागीदारी बढ़ सकती है, क्योंकि पूरब से ही मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष हैं.

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हाल ही में हुई ब्राह्मण विधायकों की बैठक का असर भी सरकार से संगठन तक नजर आ सकता है. हो सकता है कि कुछ ब्राह्मण चेहरों को भी सरकार से संगठन तक जगह दी जाए. 2027 के यूपी चुनाव को देखते हुए भी सरकार से संगठन तक बदलाव में सामाजिक समीकरणों और जातीय गणित साधने की रणनीति भी देखने को मिल सकती है.

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