यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने 13 मार्च को झांसी में 'राधे और उल्लू' यानि अतीक के बेटे असद और शूटर मोहम्मद गुलाम का एनकाउंटर कर दिया था. अब इस एनकाउंटर मामले में झांसी डीएम ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. सिटी मजिस्ट्रेट को जांच अधिकारी बनाया गया है. बताया जा रहा है कि घटना को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट के यहां बयान दर्ज कराए जा सकते हैं.
वहीं, असद और गुलाम के एनकाउंटर के बाद पुलिस को 'मुर्गी' और 'सांईबाबा' यानि कि बमबाज गुड्डू मुस्लिम और अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश है. यह वह कोडनेम हैं, जिन्हें उमेश पाल मर्डर केस के आरोपियों की पहचान छुपाने के लिए अतीक एंड गैंग उपयोग किया करती थी. अतीक के पुस्तैनी घर से पुलिस को रजिस्टर मिला था, जिसमें उमेश पाल की हत्या की साजिश में शामिल हर किसी को अलग-अलग कोडनेम दिया गया था.
'राधे और उल्लू' कोडनेम के पीछे की वजह
बॉलीवुड फिल्म तेरे नाम में सलमान खान ने बड़े बाल रखे थे, असद भी उसी स्टाइल में लंबे बाल रखता था. फिल्म में सलमान खान ने राधे का किरदार निभाया था, इस वजह से असद का कोड नेम 'राधे' रखा गया था. वहीं, मोहम्मद गुलाम को रात में जागने की आदत थी, जिस वजह से उसे 'उल्लू' कोड नेम दिया गया था. मोहम्मद को अतीक का खास गुर्गा कहा जाता था.
अतीक अहमद 'बड़े', अशरफ को बुलाया था 'छोटे'
अतीक अहमद बड़े और अशरफ को छोटे कहकर बात करते थे आरोपी सूत्रों के मुताबिक, उमेश पाल शूटआउट केस की साजिश के दौरान गुजरात की साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद को 'बड़े' नाम दिया गया था. इसी तरह यूपी की बरेली जेल में बंद अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को 'छोटे' कोड वर्ड दिया गया था. इसी तरह वारदात में शामिल पांच -पांच लाख के इनामी पांचों शूटर्स के नाम के भी कोड वर्ड तैयार किए गए थे.
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चिकन शॉप चलाने के चलते नाम पड़ा 'मुर्गी'
गुड्डू मुस्लिम को मुर्गी का कोड नेम इसलिए दिया गया था क्योंकि वह अतीक के घर के पास ही शॉप चलाता था. गुड्डू मुस्लिम को लेकर कहा जाता है कि वह बम मारकर लोगों की हत्या करता था. उमेश पाल हत्याकांड में भी उसने पुलिसकर्मी और उमेश पर बम फेंका था. घटना के जो वीडियो सामने आए थे, उनमें बम फेंकता हुआ गुड्डू साफ नजर आ रहा था.
अरमान था 'बिहारी' और 'उस्मान' था विजय का कोडनेम
वहीं, शूटर अरमान बिहार के सासाराम का रहने वाला था, इसलिए उसे 'बिहारी' कोड वर्ड दिया गया. शूटर विजय चौधरी इसी नाम से जाना जाता था, इसलिए कोड वर्ड में उसका नाम 'उस्मान' रखा गया था. पुलिस ने उस्मान को भी एनकाउंटर में मार गिराया था.
'गॉड मदर' से बनी 'साईंबाबा'
शूटआउट में माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने भी अहम भूमिका निभाई थी. वह साजिश वाली बैठकों में शामिल भी होती थी. इसी वजह से पहले उसे 'गॉड मदर' कोड एलॉट किया गया था. हालांकि 'गॉड मदर' कोड से किसी महिला के बारे में बातचीत किए जाने का एहसास होता है, इसलिए बाद में शाइस्ता परवीन का कोड बदल दिया गया और उसे 'गॉड मदर' के बदले 'साईं बाबा' कोड वर्ड से पुकारा जाने लगा. वह अभी भी फरार है.
लंगड़ा, मुनीम और डॉक्टर भी
अतीक के परिवार के अकाउंट का काम देखने वाले आसाद कालिया का भी उमेश पाल मर्डर केस में अहम रोल था. आरोप है कि आसाद कालिया ने ही शूटर साबिर को राइफल मुहैया कराई थी. उसे कमर में दर्द रहता है. इस वजह से वह अक्सर तेज नहीं चल पाता है. इसके चलते आसाद कालिया को 'लंगड़ा' नाम दिया गया था. अतीक के मुंशी को 'मुनीम' कोड वर्ड दिया गया था. बहनोई डॉक्टर अखलाक अहमद पेशे से चिकित्सक है, लिहाजा उसे 'डॉक्टर' कोड वर्ड दिया गया था. 6 मार्च को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.
असद की बहन आयशा नूरी थी 'मैडम'
अतीक के घर से मिले रजिस्टर में 'मैडम' नाम का भी जिक्र था. पुलिस की जांच में सामने आया था कि अतीक की बहन आयशा नूरी को 'मैडम' कहा जाता था. आयशा को भी उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया गया है. उस पर उमेश के शूटरोंं को भगाने में मदद करने का आरोप है. साथ ही उसकी दो बेटियों को भी इसी मामले में आरोपी बनाया गया है.
कुछ नाम पुलिस सस्पेंस बरकरार
पंडित, तोता, बल्ली, माया, शेरू रसिया ये कुछ कोड नेम अभी डीकोड होना बाकी हैं. पुलिस पता लगा रही है कि यह नाम किनके हैं और इन लोगों का उमेश पाल हत्याकांड में क्या रोल है.
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मैंने ही रची थी उमेश की हत्या की साजिश: अतीक अहमद
बेटे असद और शूटर गुलाम के मारे जाने के बाद माफिया अतीक अहमद टूट चुका है. अतीक ने कबूल कर लिया है कि उसने ही हत्या की साजिश रची थी. रिमांड कॉपी के मुताबिक, आरोपी अतीक अहमद ने 12 अप्रैल 2023 को पुलिस को अपने बयान में बताया कि मैंने उमेश पाल हत्याकांड की पूरी साजिश जेल में बैठकर रची.
रिमांड कॉपी के मुताबिक, अतीक ने पत्नी शाइस्ता से मुलाकात के दौरान नए मोबाइल फोन और सिम मुहैया करवाने को बोला था और उस सरकारी आदमी का नाम भी बताया था, जिसके हाथ ये मोबाइल और सिम जेल में पहुंचेंगे. इसके साथ ही जेल में बंद अशरफ को भी मोबाइल और सिम मुहैया करवाये गए थे.
रिमांड कॉपी के मुताबिक, अतीक ने पुलिस को बताया कि हमने जेल से उमेश की हत्या की साजिश तैयार की, साथ ही शाइस्ता ने जानकारी दी थी कि उमेश के साथ 2 गनमैन रहते हैं, सबसे पहले उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात पुलिस वालों को मारने का आदेश था, यानी पुलिस वालों पर हमला पहले से तय किया गया था.
चाचा अशरफ से 2 घंटे की थी असद ने मुलाकात
रिपोर्ट्स के मुताबिक गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद के इशारे पर ही यूपी की बरेली जेल में उमेश पाल की हत्या की साजिश रची गई थी. 11 फरवरी 2023 को ही बरेली जेल में भतीजे असद की अपने चाचा अशरफ से करीब 2 घंटे से ज्यादा समय तक मुलाकात हुई थी. जहां उमेश पाल के मर्डर की पूरी साजिश रची गई.
असद के साथ अशरफ का साला सद्दाम, लल्ला गद्दी, शूटर विजय उर्फ उस्मान चौधरी, बमबाज गुड्डू मुस्लिम और शूटर गुलाम भी दिशा निर्देश लेने जेल पहुंचे थे. इन आरोपियों में से असद, गुलाम और विजय उर्फ उस्मान पुलिस एनकांउटर में मारे गए. जबकि गुड्डू बमबाज अभी फरार है. वहीं, अशरफ के साले सद्दाम पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया है और गुर्गा लल्ला गद्दी को गिरफ्तार कर लिया है.
क्या है उमेश पाल हत्याकांड?
गौरतलब है कि प्रयागराज के बहुचर्चित विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की 24 फरवरी 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था.
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