Thank you लक्ष्मी... इटली से आईं दो विदेशी महिलाओं के लिए 'साड़ी गुरु' बनी यूपी पुलिस की ये सिपाही

यूपी पुलिस की सिपाही लक्ष्मी देवी ने ताजमहल घूमने आईं इटली की एलिसिया और ब्रूना की साड़ी बड़े ही आत्मीय ढंग से संभाली। प्लेट्स बनाईं, पल्लू को सलीके से कंधे पर टिकाया और उन्हें सिखाया कि चलना कैसे है, बैठना कैसे है ताकि साड़ी पैर में न आए, और पूरे वक्त आरामदायक भी रहे। आखिर में एलिसिया ने कहा Thank you, Lakshmi.

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ताजमहल पर जब विदेशी महिलाओं की साड़ी खुल गई तो सिपाही लक्ष्मी ने उनकी मदद की (Photo: ITG) ताजमहल पर जब विदेशी महिलाओं की साड़ी खुल गई तो सिपाही लक्ष्मी ने उनकी मदद की (Photo: ITG)

अरविंद शर्मा

  • आगरा,
  • 05 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:25 AM IST

ताजमहल का पश्चिमी गेट. पर्यटकों की भीड़, संगमरमर की चमक, और उसके बीच नीली-गुलाबी साड़ी में इटली से आईं दो महिलाएं एलिसिया और ब्रूना. हवा तेज़ थी, साड़ी उड़ रही थी. पल्लू बार-बार नीचे गिर रहा था. उन्होंने कई बार कोशिश की, प्लेट्स बनाईं, लेकिन साड़ी सही नहीं हो रही थी. आसपास मौजूद लोग वीडियो बनाने , लोग लेकिन किसी ने पास आकर मदद नहीं की. तभी सामने आई यूपी पुलिस की महिला सिपाही लक्ष्मी देवी. लक्ष्मी न तो घबराईं, न झिझक दिखी. एक प्यारी-सी मुस्कान के साथ उन्होंने कहा May I help you?

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इसके बाद शुरू हुआ वो लम्हा, जो उन दोनों विदेशी मेहमानों की पूरी इंडिया ट्रिप का सबसे यादगार हिस्सा बन गया. लक्ष्मी देवी ने बड़े ही आत्मीय ढंग से दोनों की साड़ी संभाली. प्लेट्स बनाईं, पल्लू को सलीके से कंधे पर टिकाया और उन्हें सिखाया कि चलना कैसे है, बैठना कैसे है ताकि साड़ी पैर में न आए, और पूरे वक्त आरामदायक भी रहे.

दोनों ने खूब सवाल भी किए 

एलिसिया ने पूछा, आप रोज साड़ी पहनती हैं इस पर लक्ष्मी मुस्कराईं और कहा कि त्योहारों पर, घर में, और कभी-कभी ड्यूटी पर भी. हमारी वर्दी में भी साड़ी होती है. लक्ष्मी ने जब बताया कि पल्लू का मतलब गरिमा से है, और प्लेट्स अनुशासन की तरह होती हैं तो एलिसिया और ब्रूना की आंखों में जिज्ञासा और सम्मान साथ दिखा. ब्रूना ने कहा कि अब समझ में आया, भारतीय महिलाएं साड़ी में इतनी सहज और सुंदर कैसे लगती हैं. यह कपड़ा नहीं, एक संस्कृति है.

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लोग देखते रहे, पर लक्ष्मी ने जो किया, वो दिल छू गया

इस पूरी प्रक्रिया को कोई रिकॉर्ड कर रहा हो या नहीं, फर्क नहीं पड़ता. जो दृश्य था, वो सीधे विदेशी मेहमानों के दिल में दर्ज हो चुका था. ताजमहल की छाया में, दो विदेशी सैलानी और एक भारतीय महिला पुलिसकर्मी तीनों के बीच भाषा अलग थी, लेकिन भाव और सम्मान एकदम एक से.

सिर्फ स्मारक नहीं, अनुभव था ये

एलिसिया और ब्रूना भारत भ्रमण पर थीं. दिल्ली देख चुकी थीं, अब आगरा आईं और आगे उनका रुख जयपुर की ओर था. लेकिन उनके मुताबिक, “ताजमहल सुंदर है, लेकिन हमें जो सबसे प्यारा अनुभव मिला, वो लक्ष्मी के साथ था. लक्ष्मी देवी ने इस पूरी घटना पर कहा, मैंने वही किया जो मेरी मां करतीं, मेरी बहन करतीं, या कोई भारतीय महिला करती. साड़ी भारतीय संस्कृति का हिस्सा है और वो हमारी मेहमान हैं. आखिर में एलिसिया ने कहा Thank you, Lakshmi.

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