अयोध्या में 25 नवंबर का दिन इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज होने जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि परिसर में होने वाला ध्वजारोहण महोत्सव अभूतपूर्व और अत्यंत भव्य होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की मुख्य शिखर पर विशेष केसरिया ध्वज फहराएंगे, जिसे अहमदाबाद के ध्वज-शिल्पकार भरत मेवाड़ा ने तैयार किया है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उन्हें विशेष रूप से यह जिम्मेदारी सौंपी थी.
प्रधानमंत्री मोदी कल महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचेंगे, जहां से हेलीकॉप्टर द्वारा साकेत महाविद्यालय आएंगे. यहीं से उनका रोड शो शुरू होगा, जो राम मंदिर तक जाएगा. पूरे मार्ग पर स्थानीय लोगों, स्कूली बच्चों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा उनका भव्य स्वागत किया जाएगा. प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र रोड शो को 8 जोन में बांटा है और हर जोन की जिम्मेदारी अलग-अलग महिला समूहों को दी गई है.
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बताया जा रहा है कि पूरे रास्ते अलग-अलग समाज और बिरादरी के लोग उनका स्वागत करते नजर आएंगे. अभी तक की योजना के अनुसार पीएम मोदी केवल राम मंदिर में ही जाएंगे. हनुमानगढ़ी में उनके कार्यक्रम की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है.
ध्वजारोहण का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि यह ध्वजारोहण सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक वैश्विक घोषणा है कि प्रभु श्रीराम अब अपने वास्तविक स्थान पर विराजमान हैं. उन्होंने बताया कि भगवान राम का परिवार - लक्ष्मण, हनुमान और सीता अब मंदिर की पहली मंजिल पर विराज रहे हैं, और इनकी विशेष आरती भी की जाएगी.
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मंदिर निर्माण समिति के नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, "यह ध्वज दुनिया को यह संदेश देगा कि मंदिर का प्रमुख निर्माण अब पूर्ण हो चुका है. यह समारोह श्रीराम के गौरव, भारतीय संस्कृति और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है."
विशेष अतिथियों की सूची
चंपत राय सभी व्यवस्थाओं के प्रभारी हैं. उन्होंने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के संदेश ‘सामाजिक समरसता’ को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम में देशभर से विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है. पूर्वांचल के साथ गहरा संबंध रखने वाले लगभग 6000-8000 श्रद्धालुओं की सूची तैयार की गई है.
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