नीली वर्दी, कंधे पर पीला टैग, कमांडर-डीएसपी के पद... ओम प्रकाश राजभर ने बनाई अपनी RSS!

उत्तर प्रदेश में होने वाले 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले सुभासपा के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने अपनी सेना खड़ी कर दी है. राजभर ने राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना (आरएसएस) का गठन किया है. नीली वर्दी, कंधे पर स्टार और उनके ओहदे के लिहाज से पद दिए गए हैं.

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योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बनाई अपनी सेना (Photo-social media) योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बनाई अपनी सेना (Photo-social media)

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 11 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री और बीजेपी के सहयोगी सुभासपा के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने अपनी 'आरएसएस' बना ली है. राजभर ने अपनी एक सेना का गठन किया है, जिसका नाम आरएसएस रखा है. यह आरएसएस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना है. ओम प्रकाश राजभर ने अपनी सेना के जवानों को बकायदा वर्दी दी है.

ओम प्रकाश राजभर ने पूरी तरह से सेना और पुलिस की तर्ज पर अपनी सेना का गठन किया है, जिसे लेकर उत्तर प्रदेश भर में राजनीतिक चर्चा गरमा गई है. राजभर ने अपनी सेना के लिए नीली वर्दी निर्धारित की है और उन्हें लाठी के बजाय स्टिक (छड़ी) सौंपी है. इसके अलावा सेना और पुलिस की तर्ज पर पद (रैंक) भी बांटे हैंय

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ओपी राजभर ने बनाई अपनी RSS

सुभासपा के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना नाम से अपनी आरएसएस बना ली है. राजभर की आरएसएस का नाम में ही सिर्फ सेना नहीं है, बल्कि वेशभूषा भी सेना और पुलिस की तरह नजर आ रही है. राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना से जुड़े हुए लोग नीले रंग की वर्दी पहने हैं, कंधे पर सितारे और पीले कलर का टैग भी दिख रहा है. इसके अलावा राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना के लोगों की छाती पर बैज और उनके हाथों में स्टिक दिख रही है. राजभर ने अपनी आरएसएस के कंधे पर सितारे उनकी रैंक के हिसाब से लगाए जाने का निर्णय लिया है.

क्या काम करेगी राजभर की RSS

यूपी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि पहले भी उनकी पार्टी ने सुहेलदेव सेना बनाने का काम किया था, लेकिन तब लोगों को वर्दी नहीं दी गई थी. वे पीला गमछा और पीली टीशर्ट पहनकर चल रहे थे. अब हम इन्हें आधिकारिक तौर पर लॉन्च कर रहे हैं. इन्हें नीले रंग की वर्दी दे रहे हैं. राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना से जुड़े सभी को पार्टी की तरफ से आईकार्ड जारी किया गया है.

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राजभर ने कहा कि उनकी आरएसएस गांवों के युवाओं को कौशल विकास के रास्ते पर ले जाने में मदद करने का काम करेगी. इसके अलावा यह सुभासपा की प्रदेश भर में होने वाली रैलियों, कार्यक्रमों में व्यवस्था और सुरक्षा का काम देखेगी.

कमांडर-डीएसपी के पद बांटे

ओम प्रकाश राजभर ने अपनी जो सेना गठित की है, उन्हें सिर्फ नीली वर्दी ही नहीं दी बल्कि उनके रैंक और पदों का आवंटन किया गया है. राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना में बकायदा कमांडर, सीओ, डीएसपी, एसआई और इंस्पेक्टर जैसे पदनाम भी रखे गए हैं. इसी पद के मुताबिक कंधे पर सितारों की संख्या कम और ज्यादा होती जाएगी.

राजभर कहते हैं कि हम चाहते हैं कि युवा गुमराह न हों और उनकी क्षमता का विकास करके उन्हें सही रास्ते पर ले जाया जाए, इसके लिए यह सेना काम करेगी. वे कहते हैं, "हम उनकी क्षमता का विकास करके उन्हें सही रास्ते पर ले जाएंगे. इसके लिए सेना काम करेगी.

पूर्वांचल में काम करेगी 'आरएसएस'

ओम प्रकाश राजभर कहते हैं कि आज गांवों में रहने वाले 18 से 25 साल के युवाओं में भविष्य को लेकर संशय की स्थिति है. वे अपने भविष्य को लेकर समझ ही नहीं पा रहे हैं कि आगे क्या करें. ऐसे युवाओं को राष्ट्रीय सुहेलदेव सेना के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी.उन्होंने कहा कि अभी इसकी शुरुआत पूर्वांचल के 22 जिलों में की गई है. आने वाले समय में इसे पूरे प्रदेश में विस्तारित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सेना में एक लाख लोगों को शामिल करने का लक्ष्य है. इसको लेकर पार्टी के स्तर पर काम चल रहा है.

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सुभासपा का सियासी आधार पूर्वांचल के जिलों में है, जिसके चलते राजभर अपनी सेना का आगाज भी उसी इलाके से कर रहे हैं. इस तरह राजभर अपनी सेना का गठन करके यूपी में सियासी सुर्खियों में आ गए हैं. हालांकि, उन्होंने अभी यह बात साफ नहीं की है कि उनकी आरएसएस कैसे काम करेगी और क्या-क्या काम करेगी.

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