'अब तुझे ठोकना है, बच सके तो बच ले...', मुख्तार अंसारी की मौत के बाद जेलर को मिली थी धमकी

बांदा जिले में जिस दिन मुख्तार अंसारी की मौत हुई थी, उसी दिन जेल अधीक्षक को फोन से जान से मारने की धमकी मिली. इसके बाद जेल अधीक्षक ने कोतवाली में शिकायत कर मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस का कहना है कि जेल अधीक्षक की शिकायत पर कॉलर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. नंबर को सर्विलांस के जरिए ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है.

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फाइल फोटो. फाइल फोटो.

सिद्धार्थ गुप्ता

  • बांदा,
  • 01 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 8:26 PM IST

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में जिस दिन मुख्तार अंसारी की मौत हुई थी, उसी दिन जेल अधीक्षक को फोन से जान से मारने की धमकी मिली. इसके बाद जेल अधीक्षक ने कोतवाली में शिकायत कर मुकदमा दर्ज कराया. फोन कॉल करने वाले शख्स ने जेल अधीक्षक के सीयूजी नंबर में कहा कि अब तो तुझे ठोकना है साले, बस सके तो बच ले. साथ ही अभद्र तरीके की गालियां भी दी. फिलहाल, पुलिस ने जेल अधीक्षक की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

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मामला शहर कोतवाली के जेल कैंपस का है. 28 मार्च को जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. इसके बाद बांदा जेल के जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा को एक फोन कॉल कर जान से मारने की धमकी दी गई. एफआईआर कॉपी के मुताबिक, जेल अधीक्षक ने शिकायत में बताया कि 28/29 मार्च की रात 1:37 मिनट पर उनके सरकारी नंबर पर एक अज्ञात फोन कॉल आया.

ये भी पढ़ें- UP Police के सिपाही ने माफिया की मौत पर किया पोस्ट- 'मुख्तार अंसारी साहब...', SP ने ले लिया एक्शन

'अब तुझे ठोकना है, बच सके तो बच ले'

जेल अधीक्षक ने शिकायत में यह भी बताया कि मुझे धमकी देते हुए कहा कि अब तुझे ठोकना है. बच सके तो बच ले और गालियां दी. फोन कॉलर ने करीब 14 सेकंड तक धमकी दी. जेल अधीक्षक ने जिले के आला अधिकारियों के साथ अपने जेल प्रशासन के उच्च अधिकारियों को मामले की सूचना दी. इसके बाद शहर कोतवाली में कॉलर के खिलाफ धारा 504 और 507 के तहत मामला दर्ज किया गया. 

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मामले में SHO ने कही ये बात

एसएचओ अनूप दुबे ने बताया कि जेल अधीक्षक की शिकायत पर कॉलर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. नंबर को सर्विलांस के जरिए ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है. ट्रेस होते ही जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

'मुख्तार अंसारी को दिया जाता था पौष्टिक खाना'

पूर्व जेल सुपरिंटेंडेंट एसके अवस्थी के मुताबिक, मुख्तार अंसारी को पौष्टिक खाना दिया जाता था. कैदी को दिए जाने वाले खाने को पहले जेल सुपरिंटेंडेंट खुद टेस्ट करता है. इसके बाद वह आगे कैदी को दिया जाता है. जेल का खाना होटल जैसा होता है.

- सुबह नाश्ता , दोपहर के 11 बजे के बाद भोजन.
- शाम की चाय दी जाती है। दलिया भुना चना, ग्रेन दिया जाता है.
- शाम को फिर खाने दिया जाता था.
- महिला वार्ड का खाना अलग बनाता और पुरुष के लिए अलग.

'जेल में बंद था मुख्तार'

बता दें कि, माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई थी. बांदा जेल में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया. यहां करीब 1 घंटे के इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद प्रदेश भर में पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है.

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गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के खिलाफ 61 केस दर्ज थे. इनमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, धोखाधड़ी, गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, सीएलए एक्ट से लेकर एनएसए तक शामिल है. इनमें से उसे 8 मामलों में सजा हो चुकी थी.

'किसी के लिए रॉबिन हुड, तो किसी के लिए कुख्यात माफिया डॉन' 

मोहम्मदाबाद के मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की पूरे इलाके में मुख्तार की दो पहचान थी- कोई उसे रॉबिन हुड कहता था, तो किसी के लिए वो कुख्यात माफिया डॉन था. इसी दोहरी पहचान के बीच जिंदगी गुजारता हुआ मुख्तार अंसारी इस दुनिया से चला गया. शनिवार सुबह जब उसे सुपुर्द-ए-खाक किया जा रहा था, तो हजारों की भीड़ मौजूद थी. इनमें से कुछ ऐसे लोग थे, जो उसके एहसानों तले दबे थे, तो कुछ ऐसी भी थे जिन्होंने उसकी दुश्मनी मोल ली थी.

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