सुल्तानपुर डकैती कांड के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सियासत गरम हो गई है. अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं. वहीं, सत्ता पक्ष को घेरने की नीयत से समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल आज जौनपुर स्थित मंगेश के घर पहुंचा. परिजनों से मिलकर प्रतिनिधिमंडल ने मंगेश यादव का इतिहास-भूगोल पता किया. इस दौरान परिजनों ने बताया कि मंगेश को पुलिस ने पूछताछ के लिए सोमवार की देर रात घर से उठाया था. उसके बाद गुरुवार सुबह खबर आई कि वो मुठभेड़ में मारा गया.
ऐसे में अब सपाइयों ने मुठभेड़ में शामिल अधिकारियों पर FIR दर्ज करने की मांग शुरू कर दी है. सपा प्रतिनिधिमंडल ने मंगेश के परिजनों की अखिलेश यादव से मोबाइल पर बातचीत भी कराई. अखिलेश ने परिवार को सांत्वना दी और कहा कि समाजवादी पार्टी हर परिस्थिति में मंगेश के परिजनों के साथ है.
इस बीच अखिलेश ने 'एक्स' पर लिखा कि दो दिन पहले जिसको उठाया और एनकाउंटर के नाम पर बंदूक सटाकर गोली मारकर हत्या की गई. अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट को बदलवाने का दबाव डाला जा रहा है. इस संगीन शासनीय अपराध का सर्वोच्च न्यायाल तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले की ये सबूत मिटा दिए जाएं.
बता दें कि सुल्तानपुर में हुए एनकाउंटर में मारे गए आरोपी मंगेश यादव का शव शुक्रवार (6 अगस्त) की सुबह जौनपुर के बक्सा थाना क्षेत्र के अगरौरा पहुंचा. शव पहुंचते ही परिवार में चीख-पुकार मच गई. कुछ देर बाद अखिलेश यादव द्वारा भेजा गया समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल भी वहां पहुंच गया. प्रतिनिधिमंडल ने परिजनों और ग्रामीणों से मंगेश यादव के इतिहास-भूगोल के बारे में जानकारी इकट्ठा की. जैसे- मंगेश कितना पढ़ा लिखा था, उसका आपराधिक इतिहास क्या था, घर में कौन-कौन है, मंगेश क्या करता था और घटना में उसकी संलिप्तता थी या नहीं?
मंगेश यादव के पिता ने क्या कहा?
मामले में मंगेश के पिता राकेश यादव का कहना है कि पुलिस पूछताछ के बहाने उसे उठाकर ले गई थी. उस वक्त घर में छोटी बहन और मंगेश की मां मौजूद थी. इसके बाद गुरुवार को सूचना दी गई कि बेटे का शव पोस्टमार्टम हाउस में रखा हुआ है, ले जाइए. पुलिस ने उसे मार दिया.
राकेश यादव ने कहा कि वो गुजरात में काम करते हैं. वहीं पता लगा कि बेटे का एनकाउंटर हुआ है. पुलिस सोमवार की रात घर आई थी और उसे अपने साथ ले गई थी. इसके बाद गुरुवार को खबर मिली बेटे का शव पोस्टमार्टम हाउस में पड़ा हुआ है. उसे अकेला पाकर पुलिस ने मार दिया. उसके साथ कोई भी नहीं था. राकेश ने अपने बेटे के डकैती की घटना में शामिल होने से इनकार किया है.
वहीं, मंगेश की बहन ने बताया कि सोमवार रात लगभग 2 बजे पुलिस वाले सादी वर्दी में घर से मंगेश को पूछताछ के लिए लेकर जाते हैं. इसके अलावा घर की तलाशी भी ली जाती है. फिर गुरुवार की सुबह उनके पास एनकाउंटर की खबर पहुंचती है.
बता दें कि सपा प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई लाल बिहारी यादव कर रहे थे, जो कि यूपी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हैं. वह मंगेश के परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे. मीडिया से बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा- "परिवार का दावा है कि पुलिस मंगेश को पूछताछ के लिए घर से उठाकर लेकर गई थी. पुलिस अभिरक्षा में उसकी मौत हुई है. सरकार पुलिस की सहायता से यादव, मुस्लिम और बैकवर्ड क्लास को टारगेट बना रही है. सरकार से यह सवाल पूछना चाहिए कि क्या यादव और मुस्लिम आयातित लोग हैं."
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मालूम हो कि सुल्तानपुर में सर्राफा कारोबारी की दुकान से दिनदहाड़े हुई करोड़ों की लूट के मामले में एसटीएफ ने गुरुवार (5 अगस्त) की सुबह मंगेश यादव को एनकाउंटर में मार गिराया था. इस एनकाउंटर पर सपा मुखिया ने सवाल उठाए. अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर लिखा- लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गई और ‘जात’ देखकर जान ली गई.
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