दिल्ली में लाल किले के पास हुए ब्लास्ट में मेरठ निवासी मोहसिन की भी मौत हो गई थी. मंगलवार को मोहसिन के शव को परिजनों को सौंप दिया गया. लेकिन दफनाने को लेकर परिवार में ही रार हो गई. पत्नी सल्ताना मोहसिन के शव को दिल्ली में दफनाना चाहती थी, जबकि सास-ससुर यानी कि मोहसिन के मां-बाप और भाई उसे मेरठ के गांव में दफनाना चाहते थे. इस बात को लेकर काफी देर तक हंगामा हुआ, आखिर में पत्नी की जीत हुई.
आपको बता दें कि मूल रूप से मोहसिन (35) यूपी के मेरठ जिले का रहने वाला था. मगर पिछले दो सालों से अपनी पत्नी सल्ताना और बच्चों के साथ दिल्ली में रहकर ई-रिक्शा चलाकर गुजर-बसर कर रहा था. मोहसिन की मौत के बारे में जब मेरठ में रह रहे उसके पिता और भाइयों को चला तो वह दिल्ली पहुंच गए और उसके को शव गांव ले आए.
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अभी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हुई ही थी कि इसी बीच मोहसिन की पत्नी सुल्ताना घरवालों संग मौके पर पहुंच गई. उसने कहा कि मैं अपने पति का अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहती हूं. इसको लेकर काफी देर तक दोनों पक्षों में तनातनी चलती रही.
दरअसल, मोहसिन के परिजन चाहते थे कि उसको मेरठ के कब्रिस्तान में दफनाया जाए. वहीं, मोहसिन की पत्नी जिद पर अड़ी थी कि उसको दिल्ली में ही दफनाया जाए. आखिरकार काफी गरमा-गरमी के बाद सल्ताना पति मोहसिन का शव लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो गई.
मालूम हो कि मोहसिन मेरठ के न्यू इस्लाम नगर की गली नंबर-28 का रहने वाला था. करीब दो साल पहले का रोजी-रोटी की तलाश में अपने परिवार के साथ दिल्ली चला गया था और वहां ई रिक्शा चलाने लगा था. मोहसिन के परिवार में उसकी पत्नी सल्ताना, 10 साल की बेटी और 8 साल का बेटा है. मोहसिन दिल्ली में किराए के मकान में रहता था और यहीं उसकी ससुराल भी है.
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बताया जा रहा है कि ब्लास्ट वाले दिन सोमवार शाम मोहसिन ई-रिक्शा से सवारियां लेकर लाल किले की तरफ जा रहा था. इसी दौरान जोरदार धमाका हुआ. मोहसिन भी उसकी चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई. मंगलवार को मोहसिन का शव मेरठ पहुंचा तो परिवार में चीख पुकार मच गई. मोहसिन का परिवार खासतौर से मां यह चाहती थी कि मोहसिन को यहीं दफनाया जाए. मगर उनकी ये इच्छा पूरी न हो सकी.
उस्मान चौधरी