'झुकना तो बड़े को ही पड़ेगा', CM योगी को लेकर बोले बृजभूषण, बेटे को मंत्री बनाए जाने के सवाल पर कही ये बात

Brij Bhushan And CM Yogi: बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि वह (सीएम योगी) बड़े हैं तो झुकना उन्हीं को पड़ेगा. मेरा क्या है- कबिरा खड़ा बाजार में, सबकी मांगे खैर.... झुकना तो बड़े को ही पड़ेगा. उनकी तरफ से बुलावा आया तो चले गए मिलने. हम दोनों 55 मिनट तक बैठे.

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सीएम योगी से मुलाकात पर बृजभूषण की प्रतिक्रिया (File Photo- PTI) सीएम योगी से मुलाकात पर बृजभूषण की प्रतिक्रिया (File Photo- PTI)

कुमार अभिषेक

  • गोंडा ,
  • 22 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 4:12 PM IST

सीएम योगी आदित्यनाथ संग मुलाकात पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि हम दोनों (मैं और योगी) खड़ा नमक हैं. वह बड़े हैं तो झुकना उन्हीं को पड़ेगा. मेरा क्या है- कबिरा खड़ा बाजार में, सबकी मांगे खैर.... झुकना तो बड़े को ही पड़ेगा. उनकी तरफ से बुलावा आया तो चले गए मिलने. हम दोनों 55 मिनट तक बैठे. जब दिल मिल जाए तो वक्त का पता नहीं चलता. 

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बकौल बृजभूषण- सीएम योगी और हमारे बीच जो गिले शिकवे थे उसपर बात हुई. रही बात मंत्री पद पाने या मिलने की तो ये मेरे लिए बहुत छोटा है. क्योंकि, मैंने बहुतों को मंत्री और राज्य मंत्री बनवाया है. आज ऐसे-ऐसे मंत्री बन गए हैं जिनको जनता देखना नहीं चाहती. उन्हें निर्दलीय लड़ा दीजिए तो 5 वोट नहीं मिलेंगे. लेकिन बन गए मंत्री. अब सबकी अपनी-अपनी किस्मत है. क्या ही कहा जाए. 

वहीं, विधायक बेटे प्रतीक भूषण को मंत्री बनाए जाने के सवाल पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि वे अभी उतने सीरियस नहीं है कि मंत्री बनें. लेकिन मेहनत करेंगे तो भविष्य में जरूर बन जाएंगे. राजनीति में मेहनत, लगन, जनता से जुड़ाव और सेवा कार्य सबसे जरूरी चीज है. 

बृजभूषण ने सीएम से अपनी मुलाकात को लेकर कहा कि वह 31 महीने बाद योगी जी से मिले हैं. साल 2023 में जब उनके खिलाफ आरोप लगे, तभी से वह सीएम से नहीं मिले थे. उसके बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी कोई बात नहीं हुई थी. ऐसे में जब उनका बुलावा आया तो मिलने पहुंच गया. 

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बृजभूषण के मुताबिक, जनवरी 2023 में सीएम का एक कार्यक्रम रद्द हुआ था. उसी समय से वह दूर थे. तभी सोच लिया था कि जब वह बुलाएंगे, तभी मिलने जाएंगे. अब उन्होंने बुला लिया तो चला गया.

पूर्व बीजेपी सांसद ने आगे बताया कि सीएम योगी से उनके पुराने संबंध हैं. मगर मुलाकात के दौरान कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई, बल्कि पुराने संबंधों को लेकर बात हुई. बृजभूषण ने इसे परिवार के दो सदस्यों के बीच हुई मुलाकात करार दिया. उन्होंने कहा- आप कह सकते है परिवार के दो लोग ने अपना गम-शिकवा शेयर किया. इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है. वैसे भी उनका गोरखपुर मठ से 56 साल पुराना रिश्ता है.

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